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Siachen Day: वीरों का मान बढ़ाने उनके घर तक पहुंची सियाचिन ग्लेशियर की मिट्टी

सियाचिन ग्लेशियर का साल्टोरो रिज क्षेत्र पाकिस्तान व चीन के बीच दीवार की तरह है। पाक का षड्यंत्र था कि इस क्षेत्र को कब्जे में लेकर इसे चीन के साथ जोड़ दिया जाए लेकिन भारतीय सेना ने इस मंसूबे को नाकाम कर दिया।

By Jagran NewsEdited By: Narender SanwariyaUpdated: Thu, 13 Apr 2023 12:59 AM (IST)
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Siachen Day: वीरों का मान बढ़ाने उनके घर तक पहुंची सियाचिन ग्लेशियर की मिट्टी

जम्मू, विवेक सिंह। विश्व के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर की मिट्टी भारतीय सेना के उन वीरों का मान बढ़ा रही है जिन्होंने खून जमाने वाली ठंड में भी अपनी जान हथेली पर रखकर पाकिस्तान को खदेड़ा था। 13 अप्रैल वीरवार को सियाचिन दिवस मना रही सेना सियाचिन वार मेमोरियल में बलिदानियों को याद कर उनके पदचिन्हों पर चलने की प्रेरणा लेगी।

सेना ने इस बार सियाचिन के वीरों को सम्मान देने के लिए उनके घरों में ग्लेशियर की मिट्टी और युद्ध की यादें ताजा करने वाले फोटो भिजवाए हैं। सियाचिन दिवस पर परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह के वीडियो संदेश के साथ बलिदानियों के स्वजन के संदेश सुनाकर सैनिकों का हौसला बढ़ाया जाएगा।

पचिमी लद्दाख में 76 वर्ग किलोमीटर में फैले सियाचिन ग्लेशियर में सर्दियों में तापमान शून्य से साठ डिग्री तक नीचे चला जाता है। बता दें कि सियाचिन ग्लेशियर में 13 अप्रैल 1984 से जारी आपरेशन मेघदूत के 39 साल पूरे हो गए हैं। सियाचिन दिवस से पहले सेना के जवान सियाचिन से जम्मू के आरएसपुरा स्थित परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह के घर पहुंचे।

जम्मू कश्मीर राइफल्स के जवानों ने कैप्टन बाना सिंह को सम्मानित कर उन्हें सियाचिन की मिट्टी के साथ कई पुराने फोटो भेंट किए। वे जवानों के नाम कैप्टन बाना सिंह का वीडियो संदेश रिकार्ड कर साथ ले गए। इसके अलावा अन्य बलिदानियों के स्वजनों को उनके घर जाकर सम्मानित किया गया। इनमें बलिदानी वीर चक्र विजेता कैप्टन साहिल शर्मा की माता किरण शर्मा भी शामिल थी।

कैप्टन साहिल ने 1995 के आपरेशन अमन ने बलिदान दिया था। बलिदानी वीर चक्र विजेता सुबेदार बहादुर सिंह की पत्नी प्यारी देवी, वर्ष 1984 में सियाचिन के बिलाफोंडा ला में बलिदान देने वाले लांस नायक चंचल सिंह की पत्नी दुर्गा देवी, वर्ष 1995 में टाइगर सैडल में बलिदान देने वाले वीर चक्र विजेता हवलदार सुरेंद्र सिंह की पत्नी अनीता देवी व बिलाफोंडा ला में बलिदान देने वाले र्कीति चक्र विजेता नायक उमेश चन्द्र की पत्नी देवकी देवी को सम्मान से नवाजा गया।

सैनिकों का मनोबल ऊंचा रहना चाहिए

सियाचिन ग्लेशियर में जून 1987 में 21 हजार 153 फीट की ऊंचाई पर भारतीय चौकी को पाकिस्तान से वापस लेने वाले परमवीर चक्र विजेता कैप्टन बाना सिंह का कहना है कि बलिदानियों को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। सेना ने बलिदानियों के परिवारों का हौसला बढ़ाकर सराहनीय कार्य किया है। सियाचिन ग्लेशियर में भारतीय सैनिक मजबूत इच्छा शक्ति से असंभव को संभव कर रहे हैं। यह जरूरी है कि उनका मनोबल ऊंचा रहना चाहिए।

बहुत अहम है सियाचिन ग्लेशियर

सियाचिन ग्लेशियर का साल्टोरो रिज क्षेत्र पाकिस्तान व चीन के बीच दीवार की तरह है। पाक का षड्यंत्र था कि इस क्षेत्र को कब्जे में लेकर इसे चीन के साथ जोड़ दिया जाए, लेकिन भारतीय सेना ने इस मंसूबे को नाकाम कर दिया। भारतीय सेना के तीन हजार सैनिक सियाचिन में देशसेवा कर रहे हैं। सियाचिन में एक दिन का औसत खर्च पांच से सात करोड़ के बीच है।

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