आपातकालीन निकासी द्वार, गुफा का अहसास...बहुत सारी खूबियों से लैस माता वैष्णो देवी भवन पर बना स्काईवॉक
माता वैष्णो देवी के भवन पर भीड़-भाड़ और भगदड़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बना नवदुर्गा पथ (स्काईवॉक) का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उद्घाटन किया। स्काईवॉक कई सारी खूबियों से लैस है। । श्रद्धालु इसी स्काईवॉक से पवित्र गुफा तक पहुंचेंगे। स्काईवॉक के प्रत्येक 100 मीटर पर आधुनिक प्रतिक्षा हॉल बनाए गए हैं। स्काईवॉक में वुडन फ्लोरिंग की गई है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू /कटड़ा। Skywalk on Mata Vaishno Devi Bhavan: माता वैष्णो देवी के भवन पर भीड़-भाड़ और भगदड़ जैसी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए बना नवदुर्गा पथ (स्काईवॉक) वीरवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Draupadi Murmu) ने श्रद्धालुओं को समर्पित कर दिया।
पिछले वर्ष 31 दिसंबर को नववर्ष के पहले दिन मां के दर्शन करने को उमड़ी भारी भीड़ के कारण मनोकामना भवन से गेट नंबर तीन के बीच मची भगदड़ में 12 श्रद्धालुओं की जान चली गई थी।
श्रद्धालुओं की आवाजाही हुई सुरक्षित और सुविधाजनक
आज लोकार्पित हुआ स्काईवॉक इसी मार्ग पर श्रद्धालुओं की आवाजाही को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाएगा। अब श्रद्धालु स्काईवॉक से दर्शन करने जाएंगे और पहले की तरह पुराने मार्ग से निकासी होगी। इसके अलावा राष्ट्रपति ने पार्वती भवन, डिजिटल लॉकर (Digital Locker) सुविधा और भैरव घाटी में लंगर सेवा का लोकार्पण किया।
आधुनिक स्काईवॉक की खासियतें क्या है?
भवन पर जमीन की सतह से 20 फीट की ऊंचाई पर 300 मीटर लंबा आधुनिक स्काईवॉक बनाया गया है। यह 9.89 करोड़ से तैयार हुआ है। श्रद्धालु इसी स्काईवॉक से पवित्र गुफा तक पहुंचेंगे। मां के दर्शन के बाद निकासी पुराने रास्ते से होगी।
इससे भवन पर भीड़-भाड़ की स्थिति पैदा नहीं होगी। स्काईवॉक के भीतर नौ रूपों की मूर्तियां सुसज्जित की गई हैं। आपात निकासी द्वार भी बनाए गए हैं। इसे बहुत ही हाईटैक बनाया गया है, जो कि सभी परिस्थतियों का सामना करने में सक्षम है।
स्काईवॉक में है प्रतिक्षा हॉल की सुविधा
करीब 300 मीटर लंबे इस अत्याधुनिक स्काईवॉक फ्लाईओवर के प्रत्येक 100 मीटर पर आधुनिक प्रतिक्षा हॉल बनाए गए हैं। जिसमें एक ही समय 100 से 200 के करीब श्रद्धालु बैठेंगे। इस अत्याधुनिक फ्लाईओवर स्काईवॉक के भीतर जगह-जगह एलईडी स्क्रीन लगाई गई है। यहां से निरंतर श्रद्धालुओं को मां वैष्णो देवी के अलौकिक दर्शन होते रहेंगे।
डिजिटल लॉकर का लाभ उठाएंगे भक्त
पर्वती भवन के प्रथम तल पर बने डिजिटल लॉकर में सामान रखने के बाद श्रद्धालु की कलाई पर बैंड बांधा जाएगा, जिसपर लॉकर का नंबर अंकित होगा। यह बैंड श्रद्धालु के आरएफआइडी यात्रा कार्ड के साथ भी कनेक्ट होगा।
वापसी पर बैंड का श्रद्धालु के यात्रा कार्ड के साथ मिलान कर सामान लौटा दिया जाएगा। 1500 लाकर उपलब्ध रहेंगे। इससे प्रतिदिन 12 से 15 हजार श्रद्धालु लाभ उठा सकेंगे।
स्वर्णयुक्त प्रदेशद्वार क्या है?
पवित्र गुफा के बाहर अटका आरती स्थल का स्वर्णजड़ित प्रवेशद्वार 10 से 12 किलो सोने और करीब 150 किलो चांदी व अन्य धातुओं के मिश्रण से बनाया गया है। श्रद्धालु इसी प्रवेशद्वार से अटका स्थल पर पहुंचेंगे और फिर मां के दर्शन करेंगे।
यह भी पढ़ें- Jammu: अप्सरा रोड का हुआ कायाकल्प, 51 करोड़ रुपये का हाई स्ट्रीट रोड प्रोजेक्ट पूरा; उपराज्यपाल करेंगे उद्घाटन
स्काईवॉक में की गई वुडन फ्लोरिंग
स्काईवॉक फ्लाईओवर के प्रत्येक 100 मीटर पर आपातकालीन निकासी द्वार भी बनाए गए हैं और साथ ही अत्याधुनिक एचडी थ्रीडी सीसीटीवी कैमरे भी लगाए गए हैं।
स्काईवॉक में वुडन फ्लोरिंग की गई है ताकि श्रद्धालुओं को सर्दी के मौसम में भीषण ठंड का सामना ना करना पड़े। क्योंकि मां वैष्णो देवी के दर्शनों को जाने के लिए श्रद्धालुओं को नंगे पांव ही भवन की ओर गुफाओं की ओर जाना पड़ता है।
यह भी पढ़ें- आतंकियों की नापाक हरकत फेल, बारामूला में IED बरामद; सेना के काफिले को बनाना चाहते थे शिकार