जम्मू कश्मीर में अब हर घर में लेगेंगे स्मार्ट मीटर, सच होगा 24 घंटे बिजली का सपना
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रदेश प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक में रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत 2021-22 से 2024-25 के बीच जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड और कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड की कार्य योजनाओं को मंजूरी दी गई।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Sat, 05 Feb 2022 07:52 AM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर के लोगों को चौबीस घंटे बिजली उपलब्ध करवाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए प्रदेश सरकार सभी 20 जिलों में 100 प्रतिशत स्मार्ट मीटर लगाने जा रही है। इससे बिजली चोरी रोकने के साथ सरकार को हर साल होने वाले नुकसान और घाटे को भी कम किया जा सकेगा।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता में हुई प्रदेश प्रशासनिक परिषद (एसएसी) की बैठक में रिवेम्पड डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत 2021-22 से 2024-25 के बीच जम्मू पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड और कश्मीर पावर डिस्ट्रीब्यूशन कारपोरेशन लिमिटेड की कार्य योजनाओं को मंजूरी दी गई। इसका उद्देश्य 100 प्रतिशत प्रीपेड उपभोक्ता मीटङ्क्षरग और 100 प्रतिशत सिस्टम मीटङ्क्षरग प्राप्त करना है। इसमें बिजली वितरण में नुकसान में कमी और आधुनिकीकरण व कर्मियों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण के लिए बुनियादी ढांचे का काम शामिल है।
विद्युत विकास विभाग उपभोक्ताओं को चौबीस घंटे बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करवाने, ट्रांसमिशन घाटे को कम करने और वितरण कपंनियों की परिचालन क्षमता और वित्तीय स्थिरता में सुधार करने की दिशा में काम कर रहा है। कार्य योजनाओं में नीति और संरचनात्मक सुधार, जनशक्ति की बढ़ती भर्ती, आइटी कर्मचारियों का एक अलग विंग बनाना, आधुनिक तर्ज पर लक्षित वार्षिक प्रशिक्षण के साथ कर्मचारियों की प्रशिक्षण नीति विकसित करना शामिल है। बैठक में उपराज्यपाल के सलाहकार फारूक खान और राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव अरुण कुमार मेहता और उपराज्यपाल के प्रमुख सचिव नीतिश्वर कुमार बैठक में शामिल हुए।
प्रदेश में यह है स्मार्ट मीटर की स्थिति : जम्मू कश्मीर में 20 लाख उपभोक्ताओं को स्मार्ट मीटर कार्यक्रम के तहत कवर किया जाएगा। इस समय दो लाख स्मार्ट मीटर लगाने का काम जारी है। छह लाख स्मार्ट मीटर शीघ्र लगाने की प्रक्रिया शुरू होगी।हर साल करीब 2600 करोड़ का राजस्व और चार हजार करोड़ रुपये का घाटा : सूत्रों के अनुसार, जम्मू कश्मीर में ट्रांसमिशन एवं डिस्ट्रीब्यूशन (टीएंडडी) नुकसान बहुत अधिक है। मार्च 2020 के अंत में यह नुकसान 60.5 प्रतिशत था। जम्मू कश्मीर को बिजली में हर साल करीब चार हजार करोड़ रुपये का घाटा होता है। सरकार हर साल साढ़े छह हजार करोड़ रुपये की बिजली खरीदती है और राजस्व 2600 करोड़ रुपये के करीब आता है। आने वाले पांच साल में विभिन्न प्रोजेक्टों से जम्मू कश्मीर को 3400 मैगावाट अतिरिक्त बिजली हासिल होगी। इससे बिजली की कमी पूरी होगी। इस समय सिर्फ 3500 मैगावाट के करीब ही बिजली ही उपलब्ध हो रही है। हालांकि पिछले कुछ सालों से बिजली का ढांचा मजबूत किया गया है और चोरी को रोकने के लिए कदम उठाए गए हैं, लेकिन टीएंडडी नुकसान अभी भी हो रहा है। इसमें कमी के लिए अब सारा ध्यान लगाया जा रहा है।
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