Sonam Wangchuck: 'चीन हमारी जमीन हड़प रहा है...', सोनम वांगुचक बोले- देश के लोगों को हमारा दर्द समझने की जरूरत
Sonam Wangchuck लद्दाख में उस दौरान प्रदर्शन तेज हो गया जब केंद्रशासित प्रदेश (Ladakh Latest News) को पूर्ण राज्य का स्टेटस देने और यहां संविधान के छठे शेड्यूल को लागू किए जाने की मांग तेज हो गई। इसे लेकर पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने 21 दिन तक भूख हड़ताल किया। लोकसभा चुनाव को देखते हुए 10 मई को खत्म कर दिया गया।
पीटीआई, लेह। Ladakh News: इस साल मार्च में लेह उस दौरान सुर्खियों में आया जब जलवायु कार्यकर्ता सोनम वांगचुक ने लद्दाख को राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर 21 दिन तक अनशन किया।
रेमन मैग्सेसे पुरस्कार विजेता सोनम वांगचुक के साथ इस आंदोलन में हजारों लोग शामिल हुए। वांगचुक वही हैं जिन्होंने बॉलीवुड ब्लॉकबस्टर '3 इडियट्स' मूवी में अभिनेता आमिर खान के किरदार रैंचो को प्रेरित किया था।
वांगचुक ने कहा अब आंदोलन खत्म हो गया है
26 मार्च को अपना अनशन खत्म करने के बाद वांगचुक ने धरना शुरू कर दिया था, जिसे लोकसभा चुनाव को देखते हुए 10 मई को खत्म कर दिया गया। हालांकि सरकार ने प्रदर्शनकारियों की लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और इसे संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को स्वीकार नहीं किया, लेकिन वांगचुक का कहना है कि आंदोलन अब खत्म हो गया है।चीन हड़प रहा जमीन
वांगचुक ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा कि एक तरफ जमीन निगमों के पास जा रही है और दूसरी तरफ चीन हमारी जमीन (हजारों वर्ग KM) जमीन पर कब्जा कर रहा है। देश के लोगों को हमारा दर्द समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि पहाड़ों, ग्लेशियरों और पारिस्थितिकी की रक्षा के लिए छठी अनुसूची की सख्त आवश्यकता है।
वांगचुक ने कहा कि स्थानीय लोगों को चिंता है कि सुरक्षा उपायों के अभाव में, उनकी जमीनें कॉरपोरेट्स और बाहरी लोगों द्वारा कब्जा ली जाएगी और वे पारिस्थितिक रूप से संवेदनशील हिमालयी क्षेत्र में पर्यावरण का सम्मान बिल्कुल नहीं करेंगे।
ग्लेशियर पानी का स्त्रोत
उन्होंने कहा कि ये ग्लेशियर पानी का स्रोत हैं। यह देवभूमि है। इस ओर ध्यान देने की सख्त जरूरत है। सोनम वांगचुक की मांग लद्दाख को पूर्ण राज्य देने और इसे छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग है। छठी अनुसूची में स्वायत्त जिला परिषदों (एडीसी) के माध्यम से असम, मेघालय, त्रिपुरा और मिजोरम में आदिवासी क्षेत्रों के प्रशासन से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
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