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अनशन पर बैठे सोनम वांगचुक और उनके 20 समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने लिया हिरासत में, लद्दाख भवन के बाहर विरोध करने पर हुई कार्रवाई

लद्दाख के मुद्दों को लेकर दिल्ली में अनशन कर रहे पर्यावरणविद् सोनम वांगचुक और उनके 20 समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। वांगचुक ने 13 अक्टूबर को लद्दाख के मुद्दों को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों से एक दिन का अनशन करने की अपील की थी। पुलिस ने लद्दाख भवन के बाहर प्रदर्शन करने के लिए उन्हें हिरासत में लिया है।

By vivek singh Edited By: Sushil Kumar Updated: Mon, 14 Oct 2024 01:00 AM (IST)
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अनशन पर बैठे सोनम वांगचुक और उनके 20 समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने लिया हिरासत में।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। लद्दाख के मुद्दों को लेकर दिल्ली में अनशन कर रहे पर्यावरणविद्ध सोनम वांगचुक व उनके 20 के करीब समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने रविवार को लद्दाख भवन के बाहर प्रदर्शन करने के लिए हिरासत में ले लिया।

वांगचुक ने 13 अक्टूबर को लद्दाख के मुद्दों को लेकर देश के विभिन्न हिस्सों के लोगों से एक दिन का अनशन करने की अपील की थी। ऐसे में लद्दाख भवन के बाहर विरोध जता रहे वांगचुक व उनके समर्थकों पर कार्रवाई करते हुए दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में लिया।

अनशन पर बैठे लद्दाखियों का तर्क था कि उनका प्रदर्शन पूरी तरह से शांतिपूर्ण था। वही पुलिस ने लद्दाख भवन के बाहर प्रदर्शनी की अनुमति न होने का हवाला देते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया। सोनम वांगचुक व उनके समर्थकों को दिल्ली पुलिस द्वारा मंदिर मार्ग पुलिस थाने ले जाया गया है।

विरोध प्रदर्शन की इजाजत नहीं

इसी बीच दिल्ली पुलिस ने किहा है कि हिरासत में लिए गए लोगों द्वारा लद्दाख के मुद्दों को लेकर जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए एक आवेदन दायर किया है। उनका यह आवेदन विचाराधीन है।

इसके अलावा उन्हें किसी अन्य स्थल पर विरोध प्रदर्शन करने की इजाजत नहीं है। पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। उन्हें जल्द ही रिहा कर दिया जाएगा।

इसी बीच पिछले चौदह दिनों के अंदर सोनम वांगचुक व उनके समर्थकों को दिल्ली पुलिस द्वारा दूसरी बार हिरासत में लिया गया है।

इससे पहले उन्हें लेह से लद्दाखियों के एक दल के साथ पैदल मार्च करते हुए 30 सितंबर को दिल्ली के बार्डर पर पहुंचने पर दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था। दो दिन तक हिरासत में रखने के बाद उन्हें 2 अक्टूबर को छोड़ा गया था।

वांगचुक बोले- लोकतंत्र के लिए बुरा दिन

वांगचुक ने अनशन के आठवें दिन रविवार को एक्स पर लिखा है कि आज लोकतंत्र के लिए एक बुरा दिन है। एकादशी के दिन लद्दाख भवन के बाहर पार्क में उनके साथ 61 लोग मौन प्रदर्शन कर रहे थे। पुलिस ने धारा 144 व 163 का हवाला देकर उन्हें हिरासत में ले लिया।

लोकतंत्र के दिल में ये धाराएं 2020 स्थायी तौर पर लगाना शर्मनाक है। ये पहले विशेष हालात में लगाई जाती। उन्होंने कहा है कि न्यायालयों का भी इसका संज्ञान लेना चाहिए।

क्या है वांगचुक की मांग

वांगचुक लद्दाख के लिए राज्य दर्जे, संविधान की छठी अनुसूची समेत अन्य कुछ मुद्दों को लेकर अभियान चला रहे हैं। केंद्र सरकार ने संविधान की छठी अनुसूची के तहत पूर्वोत्तर राज्यों असम, मेघालय, त्रिपुरा व मिजोरम को कुछ विशेष प्रावधान दिए हैं।

उनकी तर्ज पर केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख को भी कुछ विशेष अधिकार देने की मांग इस समय जोरशोर से उठ रही है। अभियान चला रहे लद्दाखी इन मांगों के साथ लद्दाख के लिए अलग लोक सेवा आयोग के गठन व लेह और कारगिल जिलों को अलग अलग लोकसभा सीटें बनाने की भी मांग कर रहे हैं।

लेह से पदयात्रा शुरू की थी

दन मांगों को लेकर वांगचुक ने लद्दाखियों के साथ एक सितंबर से लेह से पदयात्रा शुरू की थी। देश के विभिन्न हिस्सों से होते हुए तीस सितंबर की रात को दिल्ली बार्डर पर उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत पर ले लिया गया था।

दो अक्टूर को रिहा करते समय गृहमंत्रालय के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि लद्दाख के मुद्दों को लेकर दिल्ली में उनकी प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से बैठक होगी।

इस आश्वासन पर जब बाद में उचित कार्रवाई न हुई तो उन्होंने दिल्ली में अनशन शुरू कर दिया था। अब दिल्ली पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में ले लिया।

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