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सोनम वांगचुक ने 16 दिन बाद तोड़ा अनशन, गृह मंत्रालय से मिला बातचीत का न्यौता; तीन दिसंबर को कमेटी के साथ बैठक

लद्दाख को राज्य का दर्जा देने और अन्य मांगों को लेकर अनशन पर बैठे पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने सोमवार को अपना अनशन समाप्त कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय से बातचीत का न्यौता मिलने के बाद उन्होंने यह फैसला लिया। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय तीन दिसंबर को सोनम वांगचुक से बातचीत करेंगे। सोनम वांगचुक ने 1 सितंबर से अपनी पदयात्रा शुरू की थी।

By satnam singh Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 22 Oct 2024 09:55 AM (IST)
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सोनम वांगचुक ने तोड़ा अनशन, सरकार ने दिया बातचीत का भरोसा (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, जम्मू। पर्यावरणविद सोनम वांगचुक ने दिल्ली में 16 दिनों से चला आ रहे अनशन को सोमवार को समाप्त कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्रालय से बातचीत का न्यौता मिलने के बाद उन्होंने अनशन समाप्त करने का फैसला किया। गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय तीन दिसंबर को बातचीत करेंगे।

गृह राज्यमंत्री की अध्यक्षता में उच्च अधिकार प्राप्त कमेटी की बैठक होगी। जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संयुक्त सचिव प्रशांत लोखंडे ने अनशन पर बैठे कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और उन्हें गृह मंत्रालय का पत्र सौंपा।

'हम अपने चार सूत्रीय एजेंडा से पीछे नहीं हट रहे'

लद्दाख बुद्धिस्ट संगठन के प्रधान शेयरिंग दोरजे ने कहा कि हम अपने चार सूत्रीय एजेंडा से पीछे नहीं हट रहे हैं। इन चार सूत्रीय एजेंडा पर ही बातचीत होगी। ना तो इसमें कोई मुद्दा शामिल होगा ना बाहर होगा। मांगों में लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, संविधान की छठी अनुसूची लागू करने, स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करने और दो लोकसभा की सीटें व एक राज्यसभा की सीट बनाना शामिल है।

1 सितंबर से शुरू की थी पदयात्रा

लद्दाख को राज्य का दर्जा देने, संविधान की छठी अनुसूची लागू करने और कई मांगो को लेकर सोनम वांगचुक ने लद्दाखियों के साथ एक सितंबर से लेह से पदयात्रा शुरू की थी। देश के विभिन्न हिस्सों से होते हुए 30 सितंबर की सोनम वांगचुक की यात्रा दिल्ली पहुंची। दिल्ली बॉर्डर पर उन्हें दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत पर ले लिया गया था।

बाद में दिल्ली पुलिस ने उन्हें गांधी जयंती के दिन यानी दो अक्टूबर को रिहा कर दिया। रिहा करते समय गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि लद्दाख के मुद्दों को लेकर दिल्ली में उनकी प्रधानमंत्री व गृहमंत्री से बैठक होगी। इस आश्वासन पर जब बाद में उचित कार्रवाई न हुई तो उन्होंने दिल्ली में अनशन शुरू कर दिया था।

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जंतर मंतर पर अनशन की नहीं मिली थी अनुमति

सोनम वांगचुक को दिल्ली के जंतर मंतर पर अनशन करने की अनुमति नहीं मिली थी। इस पर उन्होंने कहा था कि विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की राजधानी में कोई ऐसी जगह क्यों नहीं है, यहां पर लोग अपनी बात को उठा सकें। उन्होंने एक्स पर लिखा था कि बापू गांधी के देश में उनके पद्चिन्हों पर चलना इतना मुश्किल क्यों है। जंतर मंतर पर अनशन करने की अनुमति न मिलने पर वह लद्दाख भवन में अनशन पर बैठ गए।

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