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Kashmir में आज भी पाबंदियां जारी, हाईवे बंद-मोबाइल इंटरनेट शुरू करने पर दोपहर बाद होगा फैसला

Syed Ali Shah Geelani Is No More आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि कुछ राष्ट्र विरोधी तत्व कश्मीर के शांतिपूर्ण माहौल को बाधित कर सकते हैं। यह प्रतिबंध एहतियात के तौर पर लागू किया गया है।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Fri, 03 Sep 2021 11:15 AM (IST)
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ट्रक, ऑयल टैंकर समेत निजी वाहनों को नगरोटा, ऊधमपुर के जखैनी व बनिहाल में ही रोक दिया गया है।
श्रीनगर, जेएनएन: अलगाववादी नेता सैयद अली शाह गिलानी के निधन के बाद आज शुक्रवार को लगातार दूसरे दिन भी कश्मीर के विभिन्न इलाकों में पाबंदियां जारी रही। आज दोपहर बाद सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा के लिए बुलाई बैठक में ही मोबाइल इंटरनेट को बहाल करने का फैसला लिया जाएगा।

आइजीपी कश्मीर विजय कुमार ने इस बात की जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षा एजेंसियों को ऐसी सूचनाएं मिली हैं कि कुछ राष्ट्र विरोधी तत्व कश्मीर के शांतिपूर्ण माहौल को बाधित कर सकते हैं। यह प्रतिबंध एहतियात के तौर पर लागू किया गया है। जब तक लोगों की सुरक्षा पूरी तरह से यकीनी नहीं हो जाती पाबंदियां लागू रहेंगी। जहां तक मोबाइल कनेक्टिविटी बहाल करने की बात है तो आज शाम को समीक्षा बैठक में इस पर फैसला लिया जाएगा।

आपको जानकारी हो कि कश्मीर घाटी में लगातार दूसरे दिन भी पाबंदियां लागू रहने की वजह से जम्मू-श्रीनगर हाईवे को भी बंद रखा गया है। यानी जम्मू से किसी भी वाहन को कश्मीर घाटी आने की इजाजत नहीं दी जा रही है। ट्रक, ऑयल टैंकर समेत निजी वाहनों को नगरोटा, ऊधमपुर के जखैनी व बनिहाल में ही रोक दिया गया है।

इस बीच आईजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि घाटी में स्थिति शांतिपूर्ण है। कहीं किसी भी तरह की अप्रिय घटना की खबर नहीं है। कुछ राष्ट्र विरोधी तत्वों ने गत वीरवार को पुलिस पर गिलानी को जबरन दफनाने की आधारहीन अफवाहें फैलाने की कोशिश की। परंतु पुलिस ने इन सभी आरोपों को खारिज करते हुए लोगाें को शांति बनाए रखने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि अफवाहें फैलाने वाले ऐसे तत्वों का पता लगाकर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रयास किया जा रहा है।

आइजीपी ने कहा कि आज भी ऐसी सूचनाएं हैं कि कुछ राष्ट्र विरोधी तत्व एक बार फिर हिंसा भड़काने का प्रयास करेंगे। आइजीपी ने लोगों को बताया कि उन्होंने गिलानी को दफनाने के लिए परिजनों पर कोई दबाव नहीं बनाया। सच तो यह है कि पुलिस ने ही उनके शव को घर से कब्रिस्तान तक लाने में मदद की। परिजनों को भी यह शंका थी कि कई राष्ट्र विरोधी तत्व इस स्थिति का अनुचित लाभ उठा सकते थे। केवल मृतक के परिजनों सहित कुछ रिश्तेदारों इस दौरान मौजूद रहे।

आईजीपी कश्मीर ने पूरी घाटी में शांतिपूर्ण स्थिति बनाए रखने में आम जनता के सहयोग की सराहना की। उन्होंने कहा कि राष्ट्र विरोधी तत्वों ने तो पूरा प्रयास किया परंतु स्थानीय लोगों ने उनके हरेक मंसूबे को नाकाम बना दिया। उन्होंने कहा कि हम आज दोपहर बाद स्थिति की समीक्षा करेंगे और मोबाइल इंटरनेट सहित अन्य पाबंदियों को बहाल करने पर निर्णय लिया जाएगा।

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