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Bird Flu Alert: जम्मू के मांडा डियर पार्क पहुंची विशेषज्ञों की टीम, बतखों व हंसों के सैंपल जांच के लिए जालंधर भेजे

मांडा डियर पार्क में पशु पालन विभाग व वन्यजीव विभाग के डाक्टरों की टीम व विशेषज्ञोंं ने पहुंच कर वहां रखी बतखों व गीज के सैंपल लिए और इन सैंपलों को जांच के लिए जालंधर भेज दिया गया।

By Vikas AbrolEdited By: Updated: Thu, 07 Jan 2021 07:33 PM (IST)
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मांडा डियर पार्क में रखी बतखों व गीज के सैंपलों को जांच के लिए जालंधर भेज दिया गया।

जम्मू, जागरण संवाददाता । राजौरी व ऊधमपुर के जगानू में पक्षियों के संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिलने के बाद जम्मू स्थित मांडा डियर पार्क में अलर्ट कर दिया गया है। वीरवार को मांडा डियर पार्क में पशु पालन विभाग व वन्यजीव विभाग के डाक्टरों की टीम व विशेषज्ञोंं ने पहुंच कर वहां रखी बतखों व गीज के सैंपल लिए और इन सैंपलों को जांच के लिए जालंधर भेज दिया गया। जम्मू कश्मीर के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन सुरेश गुप्ता ने बताया कि पार्क में मौजूदा समय 90 से ज्यादा बतखें व गीज हैं जिनके सैंपल लिए गए हैं। सैंपलों को जांच के लिए जालंधर लैब में भेजा गया है। दो तीन दिन में लैब से रिपोर्ट आ जाएगी और उसके बाद पता चलेगा कि यहां पर वर्ड फ्लू का असर है या नहीं।

इससे पहले जम्मू के विश्व विख्यात घराना बैटलैंड से भी मिट्टी के सैंपल लेकर उन्हें जांच के लिए जालंधर भेजा जा चुका है। घराना में विदेशी पक्षी काफी संख्या में आते हैं जिन्हें देखने के लिए दूर दूर से लोग वहां पहुंचते हैं लेकिन वर्ड फ्लू को देखते हुए घराना बैटलैंड भी पर्यटकों के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं मांडा डियर पार्क के रेंज आफिसर मुफ्ती नूर मोहम्मद का कहना है कि पार्क में अभी तक सभी परिंदे व पक्षी ठीक हैं। उनमें कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं लेकिन एहतियात बरती जा रही है। पार्क अभी खुला है। अगर सैंपल में कुछ संदिग्ध पाया जाता है तो पार्क को बंद करने पर विचार किया जा सकता है। रेंज आफिसर मुफ्ती नूर मोहम्मद ने बताया कि वीरवार को बतखों व गीज के थूक के सैंपल लिए गए हैं। सैंपल लेने वाली टीम का नेतृत्व वन्यजीव विभाग के डाक्टर राजीव कटौच ने किया जिसमें पशु पालन विभाग के डाक्टर भी शामिल थे।

पक्षियों को दाना खिलाने वाले लोग भी सहमे

पक्षियों के लिए अपने घरों की छतों पर दाना व पानी रखने वाले लोग भी वर्ड फ्लू को देखते हुए दहशत में हैं। लोगों को समझ नहीं आ रही है कि वे अब अपने घरों की छत्तों पर पक्षियों के लिए दाना डाले या नहीं। इसी असमंजस को लेकर कई लोग पशु विशेषज्ञों से राय भी लेने लगे हैं।तालाब तिल्लो में रहने वाले राजीव का कहना है कि वह पिछले कई वर्षों से पक्षियों के लिए अपने घर की छत पर दाना व पानी डालते आ रहे हैं। उनके घर में पक्षी सुबह सबेरे ही पहुंच जाते है। अगर वे दाना न डाले तो भी परिंदों का डेरा उनकी छत पर रहता है। ऐसे में वे खुद भी दहशत में हैं कि अब आगे क्या किया जाए।

वहीं जानीपुर निवासी सन्नी कुमार का कहना है कि वह भी पक्षियों को रोजाना दाना डालता है। पहले वह दाना डाल पक्षियों के पास खड़ा उन्हें निहारता था लेकिन अब दाना डाल सीधे नीचे आ जाता हूं। वहीं पशु विशेषज्ञ डा. भूपेंद्र सिंह का कहना है कि पक्षियों से दूरी बनाकर अगर रखी जाए तो वर्ड फ्लू का खतरा कम होगा। पक्षियों के लिए रखे गए पानी के वर्तनों को न छूएं। उनमें दूर से ही पानी डालें। दाना भी दूर से ही डालें।

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