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जल विभाग के अस्थायी कर्मी मांगों के खिलाफ करेंगे कड़ा विरोध प्रर्दशन, स्थायी नियुक्ति व बकाया देने की मांग

Workers Protest of Water Department जल शक्ति विभाग के अस्थायी कर्मी भी स्थायी नियुक्ति की मांग पर प्रशासन के कोरे आश्वासन बार-बार सुनकर तंग आ चुके हैं। प्रशासन को उनकी स्थायी नियुक्ति व 72 महीनों का बकाया वेतन जारी करने के लिए सितंबर तक का ही समय दिया है। अगर इस समयावधि में भी प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता है तो आंदोलन की शुरूआत तय है।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Thu, 14 Sep 2023 05:09 PM (IST)
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जल विभाग के अस्थायी कर्मी मांगों के खिलाफ करेंगे कड़ा विरोध प्रर्दशन
जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू में आने वाले समय में प्रशासन की समस्याएं बढ़ने वाली हैं। जिस तरह बिजली निगम के इंजीनियर आंदोलन के मार्ग पर निकल पड़े हैं। वहीं अब जल शक्ति विभाग के अस्थायी कर्मी भी स्थायी नियुक्ति की मांग पर प्रशासन के कोरे आश्वासन बार-बार सुनकर तंग आ चुके हैं।

प्रदेश के विभिन्न जिलों में पानी की सप्लाई को सुनिश्चित बनाने में अहम भूमिका निभा रहे इन 32 हजार कर्मियों ने 4 अक्टूबर को विरोध रैली के साथ आंदोलन का बिगुल फूंकने का एलान किया है।

72 महीनों से नहीं मिला कर्मियों को बकाया

जल शक्ति विभाग में अस्थायी कर्मियों ने प्रशासन को उनकी स्थायी नियुक्ति व 72 महीनों का बकाया वेतन जारी करने के लिए सितंबर तक का ही समय दिया है। अगर इस समयावधि में भी प्रशासन की ओर से कोई कदम नहीं उठाया जाता है तो आंदोलन की शुरूआत तय है।

पीएचई इंप्लाइज यूनाइटेड फ्रंट (डेलीवेजर) के वरिष्ठ नेता होशियार सिंह चिब ने कहा कि बीसी रोड स्थित चीफ इंजीनियर कार्यालय के नीचे उक्त मांगों को लेकर कर्मियों का धरना-प्रदर्शन चलते हुए एक साल से अधिक समय बीत चुका है। इस दौरान जब-जब उन्होंने आंदोलन तेज करने की बात कहीं, सरकार ने कभी त्यौहारों, कभी उपभोक्ताओं की परेशानियों का हवाला देकर उन्हें रोक लिया।

कर्मियों के आक्रोश के लिए तैयार रहे प्रशासन

होशियार सिंह चिब ने कगा कि डिवीजनल कमिश्नर जम्मू ने तो उपराज्यपाल से सीधी बात कराने का आश्वासन भी दिया। अफसोस बातचीत होना तो दूर इतने समय में उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई होती नजर भी नहीं आ रही है। अब वे बेवकूफ नहीं बनेंगे। दिए गए समय के भीतर अगर उनकी मांगों पर निर्णय नहीं लिया गया तो फिर प्रशासन उनके आक्रोश का सामना करने को तैयार रहे।

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सचिवालय व उपराज्यपाल के आवास का घेराव कर सकते हैं कर्मी

चिब ने कहा कि अगर कर्मी इस बार सड़कों पर उतरते हैं तो इसका असर भी देखने को मिलेगा। आंदोलन के दौरान सचिवालय व उपराज्यपाल आवास के घेराव का प्रयास किया जाएगा। जरूरत पड़ी तो प्रशासन पर दबाव बनाने के लिए इस बार जलापूर्ति भी प्रभावित की जाएगी। प्रशासन व जल शक्ति विभाग के अधिकारी यह बात समझ लें कि कर्मियों में आक्रोश बहुत ज्यादा है। आंदोलन की शुरूआत होती है तो यह फिर उसी दिन शांत होगा जब कर्मियों को उनका अधिकार मिलेगा।

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