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Terror In Jammu: आतंकियों को गांवों में नहीं मिल रही शरण, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई आपबीती; कैसे देते घरों में दस्तक

जम्मू के डोडा और कठुआ हमले के बाद सबसे बड़ी बात सामने आई कि आतंकी वारदात को अंजाम देने के बाद जंगलों के गांव में छिपते हैं। इसके बाद जंगल के गांव के लोग भी काफी सतर्क हो गए हैं। ऐसे ही एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि एक संदिग्ध ने सुबह-सुबह उनके गेट पर दस्तक दी लेकिन विरोध करने पर वो जंगल की तरफ भाग गया।

By Balbir Singh Edited By: Deepak Saxena Updated: Thu, 18 Jul 2024 10:28 PM (IST)
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आतंकियों को गांवों में नहीं मिल रही शरण, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताई आपबीती।

बलवीर सिंह जम्वाल, किश्तवाड़। डोडा में सेना के जवानों पर हमले के बाद आतंकियों को अब जंगल में कोई ठिकाना नहीं मिल रही है और वह जान बचाने के लिए यहां से वहां दौड़ रहे हैं। यही वजह है कि आतंकी एक गांव से दूसरे गांव में भाग रहे हैं, पर सुरक्षाबल उनका लगातार पीछा कर रहे हैं।

एक ग्रामीण ने 15 जुलाई की मुठभेड़ के बाद की कहानी सुनाई कि कैसे एक संदिग्ध आतंकी ने जबरन घर में घुसने का प्रयास किया पर ग्रामीण उसके मुंह पर दरवाजा बंद कर देते हैं। उस दिन डोडा में सुरक्षा बलों ने घने जंगलों में कुछ आतंकियों का पीछा किया था और बाद में उनसे मुठभेड़ हुई थी। इसमें एक सेना अधिकारी समेत चार जवान बलिदान हो गए थे।

सुबह-सुबह दी थी आतंकी ने दस्तक

एक महिला ने बताया कि उस दिन सुबह-सुबह वह अपने घर में सो रही थी कि तभी किसी ने घर का दरवाज़ा जोर-जोर से पीटना शुरू कर दिया। उसने दरवाजा खोला तो यह कोई और था। उसकी वेशभूषा देख ग्रामीण समझते देर नहीं लगी है कि यह आतंकी है और उसने झट से दरवाजा बंद कर लिया। पूरा परिवार घबरा गया और महिला ने अपने सैनिक भाई को फोन कर बुलाया।

जंगल की ओर भाग गए थे आतंकी

महिला ने बताया कि उसने ग्रे रंग की टी-शर्ट पहनी हुई थी, इसके अलावा वह कुछ नहीं जानती। उसका भाई वहां पहुंचा तो उसने दरवाजा खटखटाने वाले युवक को चुनौती दी। जब उसने उसे मारने के लिए पत्थर उठाया तो वह जंगलों में भाग गया।

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सेना की वर्दी जैसे कपड़े पहने हुए थे आतंकी

ग्रामीण के अनुसार, यह संदिग्ध आतंकी करीब छह फीट लंबा था और सेना जैसी वर्दी पहने था। उसने बताया कि पहले लगा कि वह नशेड़ी है पर जिस तेजी से वह भागा, उससे स्पष्ट हो गया कि वह प्रशिक्षित आतंकी है।

कठुआ में ऐसे मारे गए थे दो आतंकी

गौरतलब है कि पिछले माह कठुआ (Kathua Encounter) हमले में शामिल आतंकियों ने एक गांव में घर-घर जाकर पानी मांगा था। इस घटना से स्थानीय लोगों में संदेह पैदा हो गया। कुछ ने उन पर दरवाजा पटक दिया जबकि कुछ ने शोर मचा दिया। इससे आतंकी घबरा गए और उनमें से एक ने गोलीबारी शुरू कर दी। इसके बाद सुरक्षा बल ने एक आतंकी को मार गिराया और दूसरे दिन उसका साथी भी मारा गया।

अब तीन दिन से डोडा (Doda Terror Attack) के कई गांव में संदिग्ध देखे जाने की खबरें आ रही है और कई जगह पर सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ हुई है। इस क्षेत्र में दो दशक बाद फिर से आतंकियों की हलचल देखी गई है,जबकि सुरक्षाबल इस क्षेत्र में आतंक का सफाया कर चुके थे।

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