जम्मू संभाग को फिर अशांत करने का आतंकियों ने रचा षड्यंत्र, इस साल 18 सुरक्षाकर्मी हुए हैं बलिदान
जम्मू संभाग में आतंकी हिंसा ने फिर से अपना सिर उठा लिया है। इस वर्ष आठ जिलों में आतंकियों ने 14 लोगों की हत्या कर दी है। जम्मू संभाग में इस साल 18 सुरक्षाकर्मियों ने अपनी जान गंवाई है। वहीं 13 आतंकियों को भी मार गिराया गया है। सुरक्षाबलों ने व्यापक अभियान चला रखा है। इस अभियान में पुलिस और सेना शामिल है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू संभाग को आतंकियों ने एक बार फिर हिंसा की चपेट में लाकर अशांत करने का षड्यंत्र रचा है। मौजूदा वर्ष में संभाग के आठ जिलों में आतंकी कोई न कोई वारदात कर चुके हैं। इन जिलो में आतंकियों ने 14 आम लोगों की हत्या की है।
संभाग के सिर्फ दो ही जिले रामबन और सांबा बचे हैं, जहां सुरक्षाबलों ने आतंकियों को फटकने नहीं दिया। किश्तवाड़ में आतंकियों ने सात नवंबर को दो वीडीजी सदस्यों की अपहरण कर हत्या कर दी थी।
इन्हीं हत्यारे आतंकियों को मार गिराने के अभियान में रविवार को सेना की स्पेशल फोर्स के पैरा कमांडो नायब सूबेदार राकेश कुमार बलिदान हुए हैं।
इस वर्ष 18 सुरक्षाकर्मी बलिदान
जम्मू संभाग में इस वर्ष आतंकी हिंसा में 18 सुरक्षाकर्मी बलिदान हुए हैं। 13 आतंकी मारे गए हैं और 14 आम लोगों को आतंकियों के हाथों जान गंवानी पड़ी। जम्मू संभाग में सिर उठा रहे आतंक को कुचलकर पूरे क्षेत्र को आतंक मुक्त बनाकर सुरक्षित व शांत वातावरण बहाल करने के लिए सुरक्षाबलों ने व्यापक अभियान चला रखा है। इस अभियान में पुलिस, केंद्रीय अर्धसैन्यबल और सेना शामिल है।
जम्मू संभाग में हैं 10 जिले
जम्मू-कश्मीर में 20 जिले हैं। इनमें से 10 जिले कश्मीर में और 10 जम्मू संभाग में हैं। जम्मू संभाग भी आतंकी हिंसा से प्रभावित रहा है, लेकिन आठ-दस वर्ष पहले यह आतंकी हिंसा से लगभग मुक्त हो चुका था।कभी-कभार राजौरी-पुंछ या डोडा में आतंकी सिर उठाने की कोशिश करते थे। सामान्य तौर पर जम्मू संभाग को आतंकी हिंसा से मुक्त माना जाने लगा था। अब बीते चार वर्ष में यह एक बार फिर आतंकियों ने इसे निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
आपके शहर की हर बड़ी खबर, अब आपके फोन पर। डाउनलोड करें लोकल न्यूज़ का सबसे भरोसेमंद साथी- जागरण लोकल ऐप।