लद्दाख के हानले में देश का पहला डार्क स्काई रिजर्व स्थापित होगा, लोगों की अर्थव्यवस्था में देगा योगदान
हानले में डार्क स्काई रिजर्व वैज्ञानिक समुदाय के लिए फायदेमंद साबित होगा। चांगथांग के लोगों की अर्थव्यवस्था में योगदान देगा। उन्होंने लद्दाख पर अनुसंधान कार्य करने वाले वैज्ञानिक समुदाय के और अधिक वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञों के निर्माण को देखने की आशा व्यक्त की।
लेह, प्रेट्र : लद्दाख के हानले गांव में देश का पहला डार्क स्काई रिजर्व स्थापित होगा। प्रदेश प्रशासन, एलएएचडीसी लेह और भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (आइआइए) के बीच त्रिपक्षीय समझौते (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस मौके पर उपराज्यपाल आरके माथुर मौजूद थे।
बता दें कि 'डार्क स्काई सेंचुरी' में ऊर्जा खर्च किए बिना और दूसरे क्षेत्रों को प्रदूषित किए बगैर जरूरत के हिसाब से प्रकाश की प्राकृतिक व्यवस्था होती है। यहां रात को स्वाभाविक तौर पर अंधेरा और सितारों की प्राकृतिक रोशनी होती है। हेनले खगोल के क्षेत्र में अध्ययन के लिए विश्व का सबसे ऊंचा स्थान है, जो हनले नदी के समीप है। यह जगह पुरातनकालीन लद्दाख-तिब्बत व्यापार मार्ग पर है। 17वीं सदी में यहां हनले मठ रहा है। यहां प्रदूषण बिल्कुल नहीं है। घनी काली रात में यहां से तारामंडल स्पष्ट रूप से दिखता है। अब लद्दाख प्रशासन इस जगह पर डार्क स्काई सेंचुरी स्थापित कर विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करेगा।
उपराज्यपाल माथुर ने कहा, हानले में डार्क स्काई रिजर्व वैज्ञानिक समुदाय के लिए फायदेमंद साबित होगा। चांगथांग के लोगों की अर्थव्यवस्था में योगदान देगा। उन्होंने लद्दाख पर अनुसंधान कार्य करने वाले वैज्ञानिक समुदाय के और अधिक वैज्ञानिक बुनियादी ढांचे और विशेषज्ञों के निर्माण को देखने की आशा व्यक्त की।
माथुर ने कहा कि होमस्टे में स्थापित दूरबीनों को इंटरनेट सुविधाओं वाले कंप्यूटर से जोड़ा जाएगा ताकि पर्यटक दुनिया में कहीं से भी आकाशीय पिंडों को देख सकें। खगोल-पर्यटन को बढ़ावा देने से वस्तुत: कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में मदद मिलेगी। उपराज्यपाल ने कहा, वन्यजीव और धर्म के साथ डार्क स्काई रिजर्व को बढ़ावा देने से चांगथांग में पर्यटकों की संख्या में काफी वृद्धि होगी और इसके लोगों को लाभ होगा।
माथुर ने सेना से डार्क स्काई रिजर्व के लिए सुरक्षात्मक उपाय सुनिश्चित करने और चांगथांग में आदर्श गांवों के विकास के लिए सहायता का अनुरोध किया। उन्होंने इंटरनेशनल डार्क स्काई एसोसिएशन और स्टारलाइट फाउंडेशन जैसे अंतरराष्ट्रीय निकायों से संबद्धता प्राप्त करने की योजना साझा की।