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जम्मू कश्मीर के पहाड़ी जिलों में किसानों की पर्पल क्रांति से बदल रही तकदीर

यह महोत्सव अरोमा मिशन चला रहे इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंटेगरेटिव मेडिसिन की ओर से भ्रदवाह के हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर में शुरू होगा। महोत्सव के समापन समारोह में प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा. जितेन्द्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे वह इस क्षेत्र के सांसद हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 25 May 2022 07:32 AM (IST)
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दो दिवसीय महोत्सव के दौरान भद्रवाह के स्थानीय कलाकार रंगारंग कार्यक्रमों पेश करेंगे।
जम्मू, राज्य ब्यूरो : जम्मू कश्मीर के पहाड़ी जिला डोडा में लैवेंडर फूलों की खेती (पर्पल क्रांति) से किसानों की तकदीर बदल रही है। मौजूदा समय में जम्मू कश्मीर में 200 एकड़ भूमि पर इस फूल उगाया जा रहा है। पांच हजार के करीब किसान व उद्यमी अरोमा मिशन से जुड़े हुए हैं।

इस फूल की के प्रति किसानों का रुझान देखकर जिले भद्रवाह में दो दिवसीय महोत्सव शुरू होने जा रहा है। इसमें इस फूलों की खेती से किसानों के आर्थिक रूप से सशक्त होने के किस्से सुनाकर उन्हें किस्सों लोगों को प्रेरित किया जाएगा। महोत्सव के दौरान लैवेंडर के फूलों से तेल निकालने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह तेल इत्र बनाने में काम आता है।

यह महोत्सव अरोमा मिशन चला रहे इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंटेगरेटिव मेडिसिन की ओर से भ्रदवाह के हायर सेकेंडरी स्कूल परिसर में शुरू होगा। महोत्सव के समापन समारोह में प्रधानमंत्री कार्यालय के राज्यमंत्री डा. जितेन्द्र सिंह बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे, वह इस क्षेत्र के सांसद हैं।

दो दिवसीय महोत्सव के दौरान भद्रवाह के स्थानीय कलाकार रंगारंग कार्यक्रमों पेश करेंगे। इसी दौरान इत्र उद्योग से जुड़े व्यवसायियों व लोगों को एक दूसरे से मिलने का मौका भी मिलेगा। दोनों को एक-दूसरे की जरूरतों के बारे में पता चलेगा। महोत्सव में हिस्सा लेने वाले लोगों को को लैवेंडर फूल के खेतों में ले जाया जाएगा और उन्हें ये फूल उगाने वाले किसानों के अनुभवों के बारे में जानने का मौका मिलेगा।

महोत्सव के समापन समारोह में शिकरत करेंगे डा. जितेंद्र सिंह : वीरवार को समापन समारोह में शामिल होने वाले डा. जितेन्द्र सिंह पर्पल क्रांति को बढ़ावा देने के लिए बैंगनी रंग के गुब्बारे छोड़ेंगे। इस दौरान अरोमा मिशन के तहत सहमति पत्र पर हस्ताक्षर भी होंगे। कार्यक्रम के दौरान लैवेंडर की खेती से भविष्य को बेहतर बनाने वाले किसानों को सम्मानित किया जाएगा। महोत्सव संपन्न होने के बाद डा. जितेन्द्र सिंह लैवेंडर नर्सरी के साथ फूलों से तेल निकालने की यूनिट में भी जाएंगे।

डा जितेन्द्र सिंह ने अरोमा मिशन को बढ़ावा देने के लिए दो दिवसीय लैवेंडर महोत्सव को बड़ी पहल बताया है। डा जितेन्द्र सिंह का कहना है कि इस महोत्सव से लैवेंडर की खेती करने वालों की कामयाबी के किस्से उजागर होंगे, जो पर्पल क्रांति का हिस्सा बनकर लोगों को रोजगार दे रहे हैं। इसकी खेती करने वाले तौकीर ने स्टार्ट अप के तहत लैब स्थापित की है। उनका कहना है कि अपनी लैब बनाने के बाद हमने खुद लैवेंडर के तेल की टेङ्क्षस्टग शुरू की है। इसके लिए युवाओं को तैयार किया जा रहा है।

जम्मू कश्मीर में स्थापित हैं 50 डिस्टिलेशन यूनिट : अरोमा मिशन के तहत जम्मूू कश्मीर मे इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंटेगरेटिव मेडिसिन ने 50 डिस्टिलेशन यूनिट स्थापित किए हैं। इनमें से पांच मोबाइल यूनिट हैं। मिशन के तहत प्रदेश के डोडा, रामबन, किश्तवाड़, कठुआ, ऊधमपुर, राजौरी, पुलवामा, अनंतनाग, कुपवाड़ा व बांडीपोरा जिलों में किसानों को लैवेंडर फूल की खेती को बढ़ावा देने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। मौजूदा समय में प्रदेश में 200 एकड़ भूमि पर इस फूल उगाया जा रहा है। पांच हजार के करीब किसान व उद्यमी अरोमा मिशन के साथ जुड़े हुए हैं। इंडियन इंस्टीट्यूट आफ इंटेगरेटिव मेडिसिन ने 2500 किसानों को प्रशिक्षित किया है। 

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