Bagh-e-Bahu : जम्मू का मुगल गार्डन है बाग-ए-बाहू पार्क, एक बार परिवार के साथ जरूर लें आनंद
तवी नदी के दूसरी तरफ जम्मू शहर बसा हुआ है। इस पार्क से पूरे जम्मू शहर के अद्भभुत दर्शन होते हैं। पार्क की बनावट कुछ ऐसी है कि सामने जम्मू शहर दिखाई देता है तो दाईं तरफ नजर जाते ही इठलाती तवी नदी किसी नागिन की तरह गुजरती दिखती है।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Sat, 28 Aug 2021 10:47 AM (IST)
जम्मू, सुरेंद्र सिंह : अगर आप कश्मीर के मुगल गार्डन की खूबसूरती पर फिदा हैं तो एक बार जम्मू के बाग-ए-बाहू पार्क की सैर भी करके देखिए। यकीन मानिए जम्मू का बाग-ए-बाहू पार्क आपको वह आनंद देगा जो आपको कश्मीर के मुगल गार्डन में शायद न मिले।
जम्मू शहर में प्रवेश करते ही जैसे आप तवी पुल पर पहुंचते हैं तो अपनी दाई तरफ आपको तवी किनारे एक ऊंची पहाड़ी दिखेगी जिस पर यह खबसूरत पार्क बना है। कश्मीर के मुगल गार्डन की तर्ज पर बना जम्मू का यह खूबसूरत पार्क पहाड़ी से नीचे तवी की ओर आता दिखाई देता है। इस पार्क में विशाल लॉन, भव्य और बड़े बड़े फव्वारे, एक सुंदर झील, पत्थर से बनी खूबसूरत मूर्तियां हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर लेती हैं। सर्दियों के दिनों में यहां गुनगुनी धूप इस पार्क में आने वाले पर्यटकों को आराम देती है तो वहीं गर्मियों में तवी से नदी से आती ठंडी हवा के झोंके मदमस्त कर देते हैं। इस पार्क में शाम का नजारा भी खास है क्योंकि पार्क में लाइटिंग व रोशनी के साथ चलने वाले फव्वारे खूबसूरत छटा बिखेर देते हैं।
फूलों से घिरी है सुंदर झील: बाग-ए-बाहू पार्क के बीचों बीच बनी सुंदर झील चारों तरफ फूलों से घिरी हुई है। रंग बिरंगे फूलों के बीच बनी इस झील का नजारा आंखों से हटता ही नहीं। झील के किनारे पर सैर करने के लिए पत्थरों से एक रास्ता बनाया गया है जिससे इस झील के चारों तरफ चक्कर लगाया जा सकता है। झील के बीच फव्वारा भी लगा है जो रात को रंग बिरंगी रोशनी से नहाया हुआ नजर आता है। बच्चों के लिए यह झील विशेष आकर्षण का केंद्र रहती है तो यहां आने वाले सैलानियों के लिए यह छोटी झील उन्हें किसी दूसरी दुनिया में होने का अहसास करवाती है।
जम्मू शहर के होते हैं अद्भभुत दर्शन: बाग-ए-बाहू पार्क तवी नदी के एक तरफ ऊंची पहाड़ी है। इसी तवी नदी के दूसरी तरफ जम्मू शहर बसा हुआ है और इस पार्क से पूरे जम्मू शहर के अद्भभुत दर्शन होते हैं। पार्क की बनावट कुछ ऐसी है कि सामने जम्मू शहर दिखाई देता है तो उसकी दाईं तरफ नजर जाते ही इठलाती हुई तवी नदी किसी नागिन की तरह गुजरती दिखती है। वहीं अगर बाई तरफ नजर गई तो तवी नदी के ऊपर बने तीन पुल जिनमें गुज्जर नगर और बिक्रम चौक-डोगरा चौक को जोड़ने वाले पुल शामिल हैं, दिखाई देते हैं जिन पर खिलौनों की तरह चलती हुई गाड़ियां नजर आती हैं। फोटाेग्राफी के शौकीन पर्यटकों के लिए यह पार्क किसी स्वर्ग से कम नहीं है। आपके फोटोग्राफी के एंगल कम पड़ जाएंगे लेकिन यहां हर तरफ बदलते नजारे कभी समाप्त नहीं होंगे।
परिवार के साथ इस पार्क में जरूर लें आनंद: बाग-ए-बाहू पार्क में एक बार अपने परिवार के साथ आनंद लेने जरूर पहुंचे। इस पार्क में बच्चों को मस्ती करने के लिए खूब जगह मिलेगी तो वहीं दंपतियों के लिए यह पार्क किसी रोमांटिक प्लेस से कम नहीं है। इस पार्क की खूबसूरती मन पर कुछ ऐसा असर छोड़ती है कि तनाव में पहुंचा इंसान भी यहां अपनी परेशािनियों को भूल प्रकृति की गोद में खो जाता है। यहां के नजारे दिल में ऐसा उल्लास पैदा करते हैं कि पहली ही नजर में इस पार्क से प्यार हो जाता है। यहां के नजारे हर पल नया अहसास करवाते हैं। कुछ देर के लिए यहां पर इंसान अपने आप को भी भूल जाता है।
अंडर ग्राउंड एक्वेरियम की करें सैर: बाग-ए-बाहू पार्क में घूमने के साथ वहां आने वाले पर्यटकों को कुछ ऐसा देखने को मिलेगा जो शायद उन्होंने सोचा भी नहीं होगा। इस पार्क के साथ ही एक अंडर ग्राउंड फिश एक्वेरियम यानि मछली घर देखने को मिलेगा जो इतना बड़ा है कि उसमें विभिन्न चार साै प्रजातियों की मछलियां देखने को मिलेगी। इस एक्वेरियम में 24 पानी की बड़ी और 13 छोटी गुफाएं बनी हैं जिनमें मछलियों की रंग बिरंगी प्रजातियां देखने को मिलती है। इस एक्वेरियम का प्रवेशद्वार भी एक बहुत बड़ी मछली के मुंह की तरह बनाया गया है जिसमें एक म्यूजियम भी है जहां मछलियों बारे पूरी जानकारी मिलती है।
एयरपोर्ट से 7.4, बस स्टैंड से 3.7 और रेलवे स्टेशन से 3.2 किमी है दूर: जम्मू शहर के बीचों बना बाए-ए-बाहू पार्क जम्मू एयरपोर्ट से 7.4 किलोमीटर की दूरी पर है तो जम्मू के मुख्य बस अड्डे से इस पार्क की दूरी 3.7 किलोमीटर जबकि रेलवे स्टेशन से यह पार्क 3.2 किलोमीटर दूरी पर है। जम्मू एयरपोर्ट से इस पार्क में आटो, टैक्सी के अलावा मिनीबस से भी पहुंचा जा सकता है। एयरपोर्ट से मिनीबस में बैठकर बिक्रम चौक उतरे और आगे बिक्रम चाैक से बाग-ए-बाहू पार्क के लिए मिनीबस ली जा सकती है। जम्मू बस स्टैंड से तो सीधे मिनीबस बाग-ए-बाहू पार्क पहुंचा देगी जबकि रेलवे स्टेशन से भी मिनीबस से पुलिस मुख्यालय चौक से दूरी मिनीबस पकड़ बाग-ए-बाहू पार्क में पहुंचा जा सकता है।
रोपवे से निहारें जम्मू की खूबसूरती: बाग-ए-बाहू पार्क से कुछ समय पहले रोपवे की भी शुरूआत की गई है। बाग-ए-बाहू पार्क से रोपवे में सवार होकर तवी नदी के ऊपर से पीरखो मंदिर तक ले जाया जाता है। इस रोपवे में परिवार के साथ सवार होकर जम्मू की खूबसूरती को निहारने का मजा ही कुछ और है। जम्मू वासियों को भी रोपवे के शुरू होने का बेसब्री से इंतजार था और इस राेपवे के शुरू होने से पर्यटक भी बाग-ए-बाहू पार्क की ओर आकर्षित हुए हैं।
तीन हजार पुराना काली माता का मंदिर है पूजनीय: बाग-ए-बाहू पार्क के ठीक ऊपर बाहू फोर्ट है जिसका निर्माण तीन हजार वर्ष पहले राजा बाहूलोचन ने करवाया था। माना जाता है इस मंदिर का निर्माण भी राजा बाहू लोचन ने ही अपने किले में करवाया था जिसे बाद में डोगरा शासक महाराज गुलाब ने 1822 में राज तिलक के बाद मौजूदा स्वरूप दिया। महाकाली के इस मंदिर को लोग बाबे वाली माता के नाम से जानते हैं और माता वैष्णों देवी के बाद इस मंदिर को सबसे ज्यादा पूजनीय माना जाता है। रविवार और मंगलवार को इस मंदिर में श्रद्धालुओं की खासी भीड़ रहती है।
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