Jammu News: पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के परिणाम से बनेंगे जम्मू कश्मीर में नए सियासी समीकरण, यहां होगा प्रभाव
देश के पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों पर स्थानीय राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हैं। आइएनडीआइए में शामिल जम्मू कश्मीर क्षेत्रीय दलों समेत भाजपा की स्थानीय राजनीति इन चुनावों के परिणाम से पूरी तरह प्रभावित होगी। राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। जम्मू कश्मीर में आइएनडीआइए में शामिल सभी दल भाजपा के खिलाफ हैं।
By Jagran NewsEdited By: Jagran News NetworkUpdated: Tue, 14 Nov 2023 04:55 AM (IST)
राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव लंबित हैं। यह कब होंगे, स्थिति स्पष्ट नहीं है, लेकिन देश के पांच राज्यों में होने जा रहे विधानसभा चुनावों पर स्थानीय राजनीतिक दलों की नजरें टिकी हैं। आइएनडीआइए में शामिल जम्मू कश्मीर क्षेत्रीय दलों समेत भाजपा की स्थानीय राजनीति इन चुनावों के परिणाम से पूरी तरह प्रभावित होगी।
इन चुनावों के बाद जम्मू कश्मीर में नए राजनीतिक समीकरण उभरेंगे। यह समीकरण आगामी लोकसभा चुनाव ही नहीं, बल्कि स्थानीय नगर निकायों से लेकर विधानसभा चुनावों की राजनीति के लिए भी महत्वपूर्ण होंगे। जम्मू कश्मीर में नेशनल कान्फ्रेंस (नेकां) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) दोनों ही आइएनडीआइए के घटकों में शामिल हैं।
आइएनडीआइए में शामिल सभी दल भाजपा के खिलाफ
कांग्रेस के प्रयासों से ही आइएनडआइए का गठन हुआ है। यह गठजोड़ पूरी तरह से भाजपा के खिलाफ बना है और इसका लक्ष्य लोकसभा 2024 में भाजपा को पराजित करना है। राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। जम्मू कश्मीर में आइएनडीआइए में शामिल सभी दल भाजपा के खिलाफ हैं।इन दलों का प्रयास है कि जम्मू कश्मीर में जब भी विधानसभा, नगर निकाय और पंचायतों के चुनाव हों तब भाजपा को किसी भी तरह से हराया जाए। इसके अलावा लोकसभा की जम्मू कश्मीर में पांच सीटों पर भी उसके खिलाफ कोई मजबूत उम्मीदवार मैदान में उतारा जाए।
गठबंधन को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं
इन दलों का एकजुट होकर चुनाव लड़ना जम्मू कश्मीर में भाजपा के लिए चुनावी दिक्कतें पैदा कर सकता है। भाजपा के लिए न सिर्फ कश्मीर में, बल्कि जम्मू संभाग में भी चुनावी रणनीति प्रभावित हो सकती है। नेकां उपाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला आइएनडीआइए की नीतियों की कई बार सार्वजनिक आलोचना कर चुके हैं। वह प्रदेश की सभी पांच लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने का इच्छा जता चुके हैं। दूसरी तरफ पीडीपी की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती भी गठबंधन को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे रही हैं।कांग्रेस इस मामले पर फिलहाल चुप है। माकपा की स्थिति सिर्फ दक्षिण कश्मीर में दो विधानसभा क्षेत्रों में ही सीमित है। कश्मीर मामलों के जानकार आसिफ कुरैशी ने कहा कि आइएनडीआइए के लिए राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना के विधानसभा चुनाव कितने अहम हैं, यह इसमें शामिल घटक दल ही जानें, लेकिन जम्मू कश्मीर की राजनीति में इनका व्यापक असर होगा।
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