J&K Election: जम्मू साउथ में वोटर्स की खामोशी बढ़ा रही प्रत्याशियों की बेचैनी, BJP-Congress में मुख्य मुकाबला
Jammu Kashmir Election जम्मू-कश्मीर में आरएसपुरा-जम्मू साउथ विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल गर्म है लेकिन अधिकांश मतदाता अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। इसने चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा दी है। कांग्रेस और भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला है लेकिन मतदाताओं की खामोशी प्रत्याशियों की दिल की धड़कन बढ़ा रही है। महंगाई-बेरोजगारी के साथ कई स्थानीय मुद्दे भी अहम हैं।
राहुल शर्मा, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2022 में परिसीमन लागू होने के बाद नवगठित आरएसपुरा-जम्मू साउथ सीट पर तीसरे व अंतिम चरण में एक अक्टूबर को वोट डाले जाएंगे। दूसरे विधानसभा क्षेत्रों के मुकाबले आरएसपुरा-जम्मू साउथ विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल तो गर्म नजर आ रहा है, लेकिन अधिकांश मतदाता अपने पत्ते नहीं खोल रहे हैं। इसने चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों की बेचैनी बढ़ा दी है। ऐसे में सुबह से शाम तक यहां राजनीतिक दलों के व निर्दलीय प्रत्याशी सघन प्रचार करते हैं। देर शाम वे जनसभा भी करते हैं और उसमें क्षेत्र से ज्यादा से ज्यादा लोगों को बुलाने का प्रयास करते हैं।
दैनिक जागरण की टीम ने लिया जायजा
मीरां साहिब कस्बा भी आरएसपुरा-जम्मू साउथ विधानसभा क्षेत्र में आता है। दैनिक जागरण की टीम जब मीरां साहिब के बाजार में पहुंची तो वह चुनावी रंग में डूबा नजर आया। यहां दुकानों व मकानों पर लगे झंडे भी मतदाताओं के रुख को नहीं बता पा रहे थे, क्योंकि अधिकांश पर जितने झंडे व पोस्टर भाजपा के थे, उतने ही कांग्रेस के भी लगे हुए थे।
कांग्रेस-भाजपा के बीच मुख्य मुकाबला
मीरां साहिब में मुख्य मुकाबला कांग्रेस और भाजपा के उम्मीदवार में है, लेकिन मतदाताओं की खामोशी, यहां चुनाव मैदान में उतरे प्रत्याशियों की दिल की धड़कन बढ़ा रही है। भाजपा ने यहां से डॉ. नरिंदर सिंह तो कांग्रेस ने रमण भल्ला को उम्मीदवार बनाया है। इस विधानसभा सीट पर पुरुषों व महिला मतदाताओं की संख्या लगभग बराबर होने से कई प्रत्याशी अपनी पत्नियों को लेकर भी घर-घर पहुंच रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का पलड़ा रहा भारी
रमण भल्ला जो गांधीनगर सीट से हमेशा कांग्रेस पार्टी से उम्मीदवार रहे, उनके बाहु सीट को छोड़कर आरएसपुरा-जम्मू साउथ से खड़े होने के पीछे वजह यह रही कि लोकसभा चुनाव में उन्होंने इस विधानसभा सीट से भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा से अधिक वोट हासिल किए थे।
भाजपा प्रत्याशी जुगल किशोर ने जहां इस क्षेत्र से 37,798 वोट हासिल किए, वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रमण भल्ला को 44,162 वोट मिले थे। यही वजह है कि कांग्रेस पार्टी ने रमण भल्ला को इस सीट से चुनाव मैदान में उतारा और बाहु सीट से पार्टी के वरिष्ठ नेता तरणजीत सिंह टोनी को प्रत्याशी बनाया।
महंगाई-बेरोजगारी के साथ कई स्थानीय मुद्दे भी अहम
मीरां साहिब कस्बा जम्मू शहर से सटा हुआ है। यह मीरां साहिब ब्लाक में आता है, जिसका अधिकांश इलाका ग्रामीण है। बाजार में 250-300 दुकानें हैं, जहां खरीदारी करने के लिए आसपास के करीब 50 गांवों के लोग आते हैं।
दैनिक जागरण की टीम ने बाजार में खरीदारी कर रहे लोगों से बातचीत की तो उनका कहना था कि ग्रामीण इलाकों में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाना, नहर की ठीक से सफाई नहीं होने से अंतिम छोर पर खेतों में पानी नहीं पहुंचना, खस्ताहाल सड़कें, सीमावर्ती इलाकों में बढ़ता नशा और अपराध के अलावा बेरोजगारी और महंगाई बड़े मुद्दे हैं।
जिस पार्टी का प्रत्याशी इन मुद्दों पर गंभीर दिखेगा, उसको ही वे वोट देंगे। सतराइयां गांव के रहने वाले विजय कुमार और उनके दोस्त मोहनलाल का कहना था कि अलग विधानसभा बनने से उन्हें खुशी तो बहुत हुई, लेकिन इसका फायदा तब है जब यहां विकास भी नजर आए। आज भी मीरां साहिब ब्लाक के कई गांव सड़क संपर्क से वंचित हैं।
आरएसपुरा-जम्मू साउथ के अधीन आने वाले क्षेत्र
आरएसपुरा-जम्मू साउथ निर्वाचन क्षेत्र में गांधीनगर लास्ट मोड़ से लेकर आरएसपुरा तक के इलाके शामिल हैं। यानी जम्मू नगर निगम के वार्ड नंबर 22, 23, 55, 56, 57, 58 और 73 के अलावा गाडीगढ़, सतवारी, हक्कल व खंदवाल के कुछ इलाके, डिगियाना, चौआदी, वार्ड 68, 69 और 70 के अलावा दरसोपुर, आरएसपुरा खास, कोटली शाहदुल्ला, म्यूनिसिपल कारपोरेशन आरएसपुरा शामिल हैं। अधिकांश इलाके जम्मू शहर से सटे हैं।
नगर पालिका की मांग
दुकानदार संजीव शर्मा, अभी रैणा, इंद्रजीत सिंह ने जागरण से बात करते हुए कहा कि मीरां साहिब के मुख्य बाजार में रोजाना पांच हजार से अधिक लोग खरीदारी करने आते हैं। यह नगर पालिका की हद से बाहर है। कई बार लोगों ने प्रदर्शन किया, लेकिन बाजार में सुलभ शौचालय नहीं बनाया गया। इससे सबसे ज्यादा महिलाएं परेशान होती हैं। इसलिए दुकानदारों की मांग है कि नगरपालिका बनाकर बाजार में सुलभ शौचालय बनाया जाए।
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