India China Border : चीनी सीमा के पास लुकुंग में सड़क बना भारतीय सेना की ताकत बढ़ी, एएलसी से चंद किमी दूर है लुकुंग
India China Border Issue 10 हजार फीट की ऊंचाई पर लुकुंग क्षेत्र में सर्दियों में शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। यहां पर चार माह ही मौसम सामान्य रहता है। लुकुंग से फोबरांग क्षेत्र तक सड़क पहले लोक निर्माण विभाग के पास थी।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Sat, 03 Sep 2022 08:50 AM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो : पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एएलसी) के पास सीमा सड़क संगठन ने चुनौतीपूर्ण हालात में करीब 20 किलोमीटर सड़क तैयार कर भारतीय सेना की ताकत और बढ़ा दी है। एएलसी से चंद किमी दूर लुकुंग से हाट स्प्रिंग क्षेत्र तक यह सड़क सेना के लिए सुरक्षा दृष्टि से महत्वपूर्ण है।
दूरदराज क्षेत्र के तीन गांवों के लोगों को भी इसका लाभ होगा। बता दें कि लुकुंग क्षेत्र में कई बार चीनी सैनिकों की घुसपैठ के बाद तनाव के हालात भी पैदा हो चुके हैं, लेकिन गलवन तनाव के बाद अब भारतीय सेना की पकड़ लुकुंग क्षेत्र में मजबूत हो चुकी है।
10 हजार फीट की ऊंचाई पर लुकुंग क्षेत्र में सर्दियों में शून्य से 30 डिग्री सेल्सियस नीचे चला जाता है। यहां पर चार माह ही मौसम सामान्य रहता है। लुकुंग से फोबरांग क्षेत्र तक सड़क पहले लोक निर्माण विभाग के पास थी। ऐसे में नाबार्ड की मदद से इस सड़क को बनाने का काम अधर में लटका था।
सड़क जर्जर होने पर चुशुल के काउंसिलर कंचोक स्टेंजिन की ओर से यह मुद्दा कई बार उठाने के बाद सीमा सड़क संगठन ने सड़क की जिम्मेदारी अपने हाथ में ले ली। स्टेंजिन ने दैनिक जागरण को बताया कि सीमा सड़क संगठन ने चुनौतीपूर्ण हालात में वास्त्विक नियंत्रण रेखा के करीब 75 किलोमीटर लंबी सड़क के 20 किलोमीटर हिस्से को करीब दो साल में तैयार कर लिया। यह क्षेत्र बर्फ में लदा रहता है। सड़क तैयार होने से अब सेना के बड़े वाहन भी चल सकते हैं।
चीन द्वारा वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास अपना बुनियादी ढांचा विकसित करने का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि हमारे इलाके में बेहतर सड़क बनाना समय की मांग थी। सड़क बनने से गांवों के विकास में भी तेजी आएगी। उन्होंने बताया कि लद्दाख के लिए 214 नए मोबाइल टावर मंजूर हुए हैं। उम्मीद है कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा से सटे इलाकों में टावर लगेंगे।
स्टेंजिन ने कुछ समय पहले पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा के करीब चीन के तीन नए मोबाइल टावर लगाने का मुद्दा उठाकर अपने इलाके में संचार सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया था। स्टेंजिन ने सड़क की तस्वीरको शुक्रवार इंटरनेट मीडिया पर अपलोड कर सीमा सड़क संगठन के हिमांक प्रोजेक्ट का आभार जताया है।
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