कश्मीर हालात से चिंतित व्यापारियों ने कहा, कहीं फीकी न पड़ जाए घाटी के डेलिशियस सेब की मिठास
कारोबारी जतिन कोहली का कहना है कि घाटी के व्यापारी अभी गोशा फल निकालने में जुटे हैं। सेब की तरफ पूरा ध्यान नहीं जा रहा जिससे कारोबार में कुछ मंदी है।
By Rahul SharmaEdited By: Updated: Sat, 31 Aug 2019 09:25 AM (IST)
जम्मू, जागरण संवाददाता। कश्मीर की डेलिशियस सेब की मिठास का कोई जवाब नहीं। अपनी खूबियों के कारण ही देश में इसकी अलग पहचान है और दीवाली के त्योहार तक यह बाजार में छाया रहता है। इससे करोड़ों का कारोबार होता है, मगर इस बार व्यापारी घाटी के हालात को लेकर चिंतित हैं।
इस कारोबार से जुड़े लोगों के लाखों रुपये कश्मीरी व्यापारियों के पास जमा हैं। हालांकि घाटी में हालात तेजी से सामान्य हो रहे हैं, लेकिन इसे पूरी तरह सामान्य होने में अभी थोड़ा समय लगेगा। वहीं, डेलिशियस सेब की पहली फसल तैयार हो रही है और बुल्गारिया, मस्तगला, रजाकबाड़ी, कंडीशन किस्मों के साथ धीरे-धीरे मंडी में उतरने लगेगी। मगर इसकी आवक धीमी है। अभी जम्मू की मंडी में रोजाना पांच से सात ट्रक सेब ही घाटी से पहुंच पा रहे हैं। जबकि इन दिनों रोजाना 25 से 30 ट्रक सेब जम्मू में उतरता है।
व्यापारियों का कहना है कि यह तो शुरुआत है। बड़ा कारोबार तो डेलिशियस सेब का होता है। दिन बीतने के साथ ही इसकी आवक बढ़ती जाएगी। अक्टूबर के पहले सप्ताह तक जम्मू की नरवाल मंडी में 250 ट्रक डेलिशियस सेब कश्मीर से पहुंचता है। जम्मू की नरवाल मंडी में बहार सी छाई रहती है और छोटे से लेकर बड़े कारोबारी व्यस्त रहते हैं। यहां से सेब को पड़ोसी राज्यों में भेजा जाता है।
कारोबारी जतिन कोहली का कहना है कि घाटी के व्यापारी अभी गोशा फल निकालने में जुटे हैं। सेब की तरफ पूरा ध्यान नहीं जा रहा, जिससे कारोबार में कुछ मंदी है। दिन बीतने के साथ ही सबकुछ सामान्य हो जाएगा।
कारोबारियों को हालात सामान्य होने की उम्मीद: सेब कारोबारी अनिल कुमार गुप्ता का कहना है कि नरवाल मंडी में घाटी के सेब से ही बड़ा कारोबार होता है। सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलता है, लेकिन इस बार काम मंदा है। इन दिनों मंडी में सेब का काम फैला हुआ है, लेकिन घाटी के हालात का कुछ असर तो है। थोक व्यापारी नितिन जैन का कहना है कि केंद्र सरकार घाटी के हालात को बेहतर बनाने में जुटी है। सेब का कारोबार अभी शुरुआती दौर में है। वैसे मालभाड़ा भी तेज हुआ है फिर भी मुङो लगता है कि कारोबार में जल्दी ही बढ़ोतरी होगी।
राकेश कुमार शर्मा का कहना है कि सेब के कारोबार से व्यापारियों का तो काम बढ़ता है, मजदूरों को भी काम मिलता है। मगर अभी सेब की आमद कम है, जिस कारण मजदूरों को पूरा काम नहीं मिल रहा। मंदी का दौर चल रहा है, लेकिन सेब के लिए अभी बहुत समय पड़ा है।
विजय कुमार का कहना है कि इतनी ज्यादा भी निराशा नहीं है। हालात में सुधार दिख रहा है, लेकिन अभी समय लगेगा। आने वाले दिनों में डेलिशियस सेब की अच्छी आमद होगी और अच्छा कारोबार की उम्मीद है।
रोजाना 185 ट्रकों से राज्य से बाहर भेजे जा रहे फल
कश्मीर में बने हालात के बीच भी वहां के फलों को देश के विभिन्न भागों में पहुंचाया जा रहा है ताकि किसी भी फल उत्पादक को कोई नुकसान न पहुंचे। इसके लिए हर दिन 185 ट्रकों पर फल लादकर उन्हें देश के विभिन्न भागों में भेजा जा रहा है। पुलवामा के डिप्टी कमिश्नर सैयद आबिद रशीद शाह ने ट्रासंपोर्ट विभाग को फलों को देश के अन्य भागों में पहुंचाने के लिए प्रबंध करने के लिए कहा है। इस दौरान यह तय किया गया कि हर दिन 185 ट्रक भेजे जाएंगे। ट्रांसपोर्ट विभाग ने इसकी जानकारी डिप्टी कमिश्नर को दी। यह भी निर्देश दिए गए कि कोई भी ट्रक मालिक किसी से भी अधिक किराया न वसूले। ओवेस अहमद और बिलाल अहमद को इसके लिए प्रशासन ने नोडल अधिकारी नियुक्त किया है। कोई भी फल उत्पादक उनसे संपर्क कर सकता है।
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