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Wetland of Jammu: मेहमान परिंदों को बुला रहे जम्मू के वेटलैंड, प्रवासी पक्षियों से बढ़ेगी रौनक

इस साल टुंडरा बीन गूज ने घराना में दस्तक दी और सबको हैरान कर दिया। माना जाता है कि साइबेरिया व दूसरे साथ लगते क्षेत्रों में जहां तापमान माइनस में रहता है वहां टुंडरा बीन गूज का बसेरा है।

By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Tue, 31 Jan 2023 09:44 PM (IST)
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इस साल टुंडरा बीन गूज ने घराना में दस्तक दी और सबको हैरान कर दिया।

जम्मू, जागरण संवाददाता। जम्मू की सीमांत धरती परिंदों के लिए खूब है। तवी, चिनाब नदी, बसंतर नाला व नहरों का पानी जोकि निचले क्षेत्र की भूमि को नम कर जाता है, यही परिंदों के अपनी ओर बुलाता है। यही कारण है कि हर साल सर्दियों में दूर दूर से प्रवासी पक्षी सीमांत क्षेत्रों में पहुंचते हैं और सर्दियों का समय बिताते हैं। चूंकि भूमि नम रहती है, इसलिए कई प्रकार के कीट भी मिट्टी में पनपते हैं जोकि पक्षियों के लिए आहार है।

वहीं इस भूमि में ऐसी ऐसी घास फूस पनपती हैं, जो परिंदों का आहार बनती है। इसलिए अखनूर से लेकर कठुआ तक की सीमांत बेल्ट के कई तराई हिस्से प्रवासी पक्षियों के लिए पसंदीदा स्थल बन गए हैं। इन स्थानों पर नायाब परिंदे भी सर्दियां गुजारने के लिए पहुंच रहे हैं। यही कारण है कि अब सरकार प्राकृतिक ऐसे स्थलों को संरक्षित करने में लगी हुई है। सीमांत क्षेत्र में स्थित घराना वेटलैंड को सुरक्षित किया जा रहा है। वहीं अब परगवाल वेटलैंड पर भी सरकार की नजर है।

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इन पक्षियों ने बनाया बसेरा

इस साल टुंडरा बीन गूज ने घराना में दस्तक दी और सबको हैरान कर दिया। माना जाता है कि साइबेरिया व दूसरे साथ लगते क्षेत्रों में जहां तापमान माइनस में रहता है, वहां टुंडरा बीन गूज का बसेरा है। इनमें से एक पक्षी आज कल सरपट्टी सवन के ग्रुप के उड़ता फिर रहा है और घराना में कई बार दर्शन दे चुका है। वहीं कठुआ की खखेयाल क्षेत्र सारस क्रेन के लिए जानी जाती है।

उड़ने वाले पक्षियों में सारस क्रेन सबसे बड़ा पक्षी है जोकि 5.5 फुट का कदम ले जाता है। यह पक्षी भी यहां के सीमांत क्षेत्रों में पल रहा है। बसंतर नदी के साथ लगते इलाके नारंगी रंग की बतखों के लिए जानी जाती है जोकि दूर से प्रवास कर यहां पर आती हैं। ऐसे ही परगवाल, नंगा, कुकरेआल क्षेत्रों में भी प्रवासी पक्षी अपना बसेरा बना रहा है।

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प्रवासी पक्षियों पर है नजर

वन्यजीव संरक्षण विभाग के वार्डन अनिल अत्री ने कहा कि प्रवासी पक्षियों पर विभाग पूरी नजर रखे हुए हैं। घराना वेटलैंड की भूमि विभाग ने पहले ही अधिग्रहण कर ली है और अब इन पक्षियों को बेहतर वातावरण वहां पर प्राप्त हो रहा है। विभाग अपना काम कर रहा है, लोगों को भी समझदार बनना होगा और सहयोग देना होगा ताकि प्रवासी पक्षियों को और बेहतर वातावरण मिल सके।