Jammu Kashmir Election: सुचेतगढ़ में BJP और कांग्रेस में हो सकती है कांटे की टक्कर, 1996 में अस्तित्व में आई थी सीट
जम्मू- कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव में कई सीटें ऐसी हैं जिनपर राजनीतिक पार्टियों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है। ऐसी ही एक सीट है सुचेतगढ़। साल 1996 में अस्तित्व में आई सुचेतगढ़ सीट पर इस बार भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर हो सकती है। इस चुनाव में यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है।
संवाद सहयोगी, आरएसपुरा। करीब दस साल बाद जम्मू कश्मीर में हो रहे विधानसभा चुनाव के राजनीतिक समीकरण भी पहले की तुलना में काफी बदले हुए हैं। परिसीमन के बाद जम्मू जिले में काफी कुछ बदला है। सीमावर्ती सुचेतगढ़ विधानसभा सीट पहली बार एससी के लिए आरक्षित हुई है। यहां भी भाजपा और कांग्रेस के बीच रोचक मुकाबला देखने को मिल सकता है।
1996 में अस्तित्व में आई थी सुचेतगढ़ सीट
वर्ष 1996 में अस्तित्व में आई सुचेतगढ़ विधानसभा सीट पर अब तक चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं। इसमें तीन बार भाजपा ने, जबकि एक बार कांग्रेस ने जीत हासिल की थी।
अंतिम बार वर्ष 2014 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के पूर्व मंत्री चौ. शामलाल यहां से विजयी रहे थे। उन्होंने नेकां के उम्मीदवार तरनजीत सिंह को हराया था और कांग्रेस चौथे पर नंबर रही थी।
इस बार अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है सीट
इस बार एससी के लिए यह सीट आरक्षित होने से भाजपा की राह आसान नहीं होगी। हालांकि भाजपा को केंद्र में अपनी सरकार की योजनाओं व मोदी फैक्टर का फायदा मिलने की उम्मीद है, लेकिन विरोधी पार्टियों का कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ने का नुकसान भाजपा उठाना पड़ सकता है।
हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में भी यह देखने को मिला था। लोकसभा चुनाव में इस विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी वोट के लिहाज से पहले नंबर पर रही थी।
कांग्रेस ने भाजपा उम्मीदवार से करीब 4300 वोट ज्यादा हासिल किए थे। लोकसभा चुनाव के नतीजों से बना उत्साह कांग्रेस में साफ दिख रहा है। पार्टी भाजपा पर दबाव बनाए हुए है।
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गुटों में बंटने के कारण कांग्रेस को हो सकता है नुकसान
गुटों में बंटने के कारण कांग्रेस को नुकसान होने की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता पर दूसरी ओर सुचेतगढ़ क्षेत्र में भाजपा का भी काफी वोट शेयर है। पूर्व मंत्री चौ. शामलाल का भी क्षेत्र में काफी दबदबा है और भाजपा का समर्थक भी इस क्षेत्र में काफी है पर इस सीट से सही मुकाबले का पता दोनों पार्टियों के उम्मीदवारों के सामने आने के बाद ही पता लग पाएगा।
फिलहाल की बात की जाए तो इस सीट पर भाजपा को कांग्रेस कड़ा मुकाबला देने की पूरी संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता और अब तो कांग्रेस-नेकां ने चुनावी गठजोड़ का ऐलान भी कर दिया है। ऐसे में सुचेतगढ़ में भाजपा की राह मुश्किल होती नजर आ रही है।
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