जम्मू-कश्मीर को राज्य दर्जा बहाल नहीं होने पर होगा आंदोलन, लोग भी चाहते हैं: डिंपल
डिंपल ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को खाली कराने के लिए उचित कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गुलाम कश्मीर में सैन्य कार्रवाई करते हुए अपना कश्मीर वापस लेना चाहिए और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण करते हुए इसका राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए।
जागरण संवाददाता, जम्मू : मिशन स्टेटहुड ने जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग दोहराते हुए केंद्र सरकार से अपील की है कि लोकसभा के अगले सत्र में इसे लेकर बिल पेश किया जाए। बिल पारित करवाकर जम्मू-कश्मीर को उसका पुराना दर्जा व सभी अधिकार वापस दिए जाएं।
मिशन स्टेटहुड ने इस मांग को लेकर जम्मू बंद की चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार ने इस मांग पर गौर नहीं किया तो इसे लेकर जम्मू बंद का आह्वान भी किया जा सकता है। रविवार को मिशन स्टेटहुड के प्रधान सुनील डिंपल ने एक पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि पांच अगस्त 2019 को लिया गया फैसला जम्मू के लोगों को मंजूर नहीं।
डिंपल ने कहा कि जम्मू को अपना वही पुराना दर्जा चाहिए और वो जम्मू-कश्मीर चाहिए, जिसका महाराजा हरि ¨सह ने भारत में विलय किया था। डिंपल ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर को खाली कराने के लिए उचित कार्रवाई करने की मांग करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को गुलाम कश्मीर में सैन्य कार्रवाई करते हुए अपना कश्मीर वापस लेना चाहिए और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण करते हुए इसका राज्य का दर्जा बहाल करना चाहिए।
अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यापारियों को प्रताड़ित करना बंद हो शहर में जम्मू नगर निगम की ओर से चलाए जा रहे अतिक्रमण विरोधी अभियान का विरोध करते हुए सुनील डिंपल ने कहा कि पहले से ही कोरोना महामारी के कारण नुकसान झेल रहे व्यापारियों को प्रताड़ित किया जा रहा है। दुकानों के आगे पीली लाइन खींचने व शनिवार को नानक नगर व गांधी नगर में हुई तोड़फोड़ का हवाला देते हुए सुनील डिंपल ने कहा कि यह नगर निगम की अंधेरगर्दी है।
प्रदेश के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा को इसका संज्ञान लेना चाहिए। डिंपल ने कहा कि अतिक्रमण हटाने के नाम पर व्यापारियों को प्रताड़ित करने वाले नगरनिगम अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए। उन्होंने जानीपुर हाईकोर्ट रोड, सरवाल, न्यू प्लाट, रिहाड़ी, तालाब तिल्लो, कनाल रोड व बख्शी नगर के दुकानदारों को नगरनिगम की ओर से जारी नोटिस वापस लेने की मांग भी की।