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10वां बड़ा आतंकी नवीद जट्ट हुआ ढेर, ये हैं बाकी के नौ और उनकी कहानियां

जनवरी 2017 में शुरू हुए ऑपरेशन ऑल आउट के तहत सुरक्षाबलों ने अब तक करीब 450 आतंकियों को मार गिराया है। नवीद जटट सहित ये हैं 10 बड़े आतंकी जिनको मौत के घाट उतारा गया है।

By Digpal SinghEdited By: Updated: Wed, 28 Nov 2018 06:31 PM (IST)
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10वां बड़ा आतंकी नवीद जट्ट हुआ ढेर, ये हैं बाकी के नौ और उनकी कहानियां

जम्मू, [जागरण स्पेशल]। सुरक्षाबलों ने वादी में आतंकवाद के समूल नाश के अपने अभियान को जारी रखते हुए बुधवार को लश्कर के मोस्ट वांटेड नवीद जट्ट को उसके एक स्थानीय साथी संग मार गिराया। जनवरी 2017 को शुरू हुए ऑपरेशन ऑल आउट के तहत सुरक्षाबलों ने अब तक करीब 450 आतंकियों को मार गिराया है। इसमें सभी प्रमुख नामी आतंकियों का सफाया किया गया है। इनमें बशीर लश्करी से लेकर एएमयू के छात्र रहे मनान वानी तक शामिल हैं।

1. नाम - सद्दाम पड्डर
मौत - 6 मई 2018 को बादीगाम में एनकाउंटर में मारा गया
इनाम - इस आतंकी के सिर पर 15 लाख का इनाम रखा गया था
सद्दाम पड्डर एक मोस्ट वांटेड आतंकी था और वह बुरहान वानी के करीबियों में गिना जाता था। साल 2014 में राष्ट्रविरोधी प्रदर्शनों के सिलसिले में पहली बार पड्डर जेल गया। रिहा होने के कुछ दिनों बाद कुछ दिन घर रहा। फिर गायब हो। जब लोगों ने वर्ष 2015 में पहली बार उसे आतंकी बने देखा तो हैरान रह गए थे। उसी साल मारे गए हिज्ब कमांडर बुरहान वानी सहित जिन 11 आतंकियों की फोटो ने सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाई थी, उसमें सद्दाम पड्डर भी था। पढ़ाई बीच में ही छोड़ वह पत्थरबाजी में शामिल हो गया। यही नहीं आतंकियों के लिए ओवरग्राऊंड वर्कर के तौर पर भी काम करता था।

स्कूल छोड़ने के बाद वह अपने पिता के साथ अपने अकसर बाग में व्यस्त रहता था। गांव के चोराहे पर लोगों को हंसाने या क्रिकेट मैदान पर विकेट कीपिंग करते ही नजर आता था। वह लोगों को हंसाने या किसी का स्वांग करने में इतना माहिर था कि लोग उसे लोग जोकर कहते थे। सद्दाम एनकाउंटर में अपने चार अन्य साथियों संग मारा गया था। उसकी मौत से शोपियां व उसके साथ सटे इलाकों में हिजबुल मुजाहिदीन के नेटवर्क को काफी नुकसान पहुंचा।

2. नाम - शौकत अहमद टाक
मौत - मई 2018 में श्रीनगर के डाउनटाउन के छत्ताबल में हुए एनकाउंटर में मारा गया
इनाम - इस आतंकी के सिर पर 10 लाख का इनाम था
दक्षिण कश्मीर में पंजगाम, अवंतीपोर का रहने वाला शौकत अहमद टाक उर्फ हुजैफा डबल-ए श्रेणी के आतंकियों में शामिल था। वह पुलवामा में लश्कर का डिवीजनल कमांडर था। वर्ष 2011 में लश्कर में शामिल हुआ आतंकी शौकत अहमद टाक कश्मीर में मोस्टवांटेड आतंकी अबु दुजाना का दाहिना हाथ माना जाता था। उसे दुजाना के कहने पर ही लश्कर ने श्रीनगर, बडग़ाम व गांदरबल का कमांडर बनाया गया था। वह श्रीनगर-बिजबिहाड़ा हाईवे पर सुरक्षाबलों के अलावा पंचायत प्रतिनिधियों पर हमले की विभिन्न वारदातों में वांछित था।

3. नाम - समीर टाइगर
मौत - अप्रैल 2018 में सुरक्षाबलों ने इस आतंकी को पुलवामा के द्राबगाम में मार गिराया
समीर टाइगर एक पत्थरबाज से कुख्यात आतंकी बन गया था। उसे समीर अहमद भट के नाम से भी जाना जाता था। वह उसी गांव का रहने वाला था। आठवीं कक्षा में ही पढ़ाई छोड़ने वाला भट जुलाई 2016 में बुरहान वानी की मौत के बाद हिजबुल मुजाहिदीन के अन्य पोस्टर बॉय के तौर पर उभरा था। भट को अब्बासी और फैसल जैसे अलग-अलग नाम से भी जाना जाता था। बुरहान की मौत के बाद घाटी में फैली अशांति के दौरान मार्च 2016 में भट को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने सुरक्षा कर्मियों पर पथराव करने के मामले में हिरासत में लिया था। उस वक्त वह महज 18 साल का था। दो हफ्तों तक तब उसकी काउंसलिंग कराई थी। उसे पुलिस ने इस शर्त पर छोड़ दिया था कि वह अपनी पढ़ाई फिर शुरू करेगा। इसके कुछ दिन बाद ही उसके माता-पिता द्राबगाम थाने पहुंचे और अपने बेटे के लापता होने के बारे में शिकायत दर्ज कराई। भट त्राल से सटे जंगलों में भाग गया था और आतंकवादी समूह हिजबुल मुजाहिदीन में शामिल हो गया था। उसने साथ में अन्य आतंकी समूहों की भी मदद की थी। भट नवम्बर 2017 में उस वक्त राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आया था जब दक्षिण कश्मीर के किसी बगीचे में खींचे एक फोटो में वह अमेरिकी एम-4 कार्बाइन थामे हुए दिखा था। इसके बाद यह चर्चा छिड़ गई थी कि अमेरिका में बना हथियार घाटी कैसे पहुंचा।

4. नाम - मेहराजुद्दीन बांगरू
मौत - अक्टूबर 2018 में सुरक्षाबलों ने इस आतंकी को श्रीगर के फतेहकडल में एक मुठभेड़ में मार गिराया
टॉप लश्कर कमांडर मेहराजुद्दीन बांगरू उर्फ पीर उर्फ गुरु उर्फ आसिफ कभी हिजबुल मुजाहिदीन के नामी आतंकियों में था। सुरक्षाबलों द्वारा 2002 में गिरफ्तार किए जाने के बाद वह काफी देर जेल में बंद रहा। जेल से रिहा होने के कुछ सालों तक उसने आतंकवाद से कोई नाता नहीं रखा। लेकिन वह हुर्रियत कांफ्रेंस से जुड़ा रहा। 2002 से 2012 तक वो कई बार जेल आता-जाता रहा। उसने श्रीनगर में आतंकी गतिविधियों में बतौर ओवरग्राऊंड वर्कर हिस्सा लेना शुरू किया। इस दौरान उसने तहरीकुल मुजाहिदीन का नेटवर्क श्रीनगर में बनाना शुरू किया। डाऊन-टाऊन के नौहटटा व उसके साथ सटे इलाकों में उसने स्थानीय युवकों का एक दल भी तैयार किया जो आईएसआईएस की विचारधारा से प्रभावित थे। वर्ष 2015 में महराजुदीन बांगरू श्रीनगर से अचानक एक दिन गायब हो गया और तहरीकुल मुजाहिदीन का एक सक्रिय कमांडर बन गया। वह हिज्बुल और लश्कर के आतंकयों के बीच भी एक कोर्डिनेटर की भूमिका भी निभा रहा था। उसने ही दाऊद सलाफी, इसा फाजली, मुगीस, फैजान, सजद गिलकार समेत कई युवकों को आतंकी संगठनों में शामिल कराया था।

5. नाम - डॉ. मनान वानी
मौत - सुरक्षाबलों ने इस आतंकी को अक्टूबर 2018 में हंदवाड़ा के शतकुंड इलाके में मार गिराया
इनाम - डॉ मनान पर पांच लाख का इनाम था
स्कॉलर से हिजुबल मुजाहिदीन आतंकवादी संगठन के कमांडर बने डॉ. मनान वानी को सुरक्षाबलों ने पिछले ही महीने उसके अंजाम तक पहुंचाया। आतंकी डॉ. मनान बशीर वानी उर्फ हमजा भाई का नाम इसी साल जनवरी में सुर्खियों में आया था। सोशल मीडिया पर उसकी अंडर बैरेल ग्रेनेड लॉन्चर के साथ एक तस्वीर वायरल हुई थी। हर तरफ यह सनसनी फैल गई कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में पीएचडी का छात्र और कुपवाड़ा के टाकीपोरा, लोलाब का रहने वाला डॉ. मनान वानी आखिरकार आतंकवादियों से क्यों जा मिला। दिसंबर 2017 में यूनिवर्सिटी से घर के लिए रवाना हुए मनान के पांच जनवरी को आतंकी बनने की सूचना मिली। आतंकी बनने के बाद उसने जिला कुपवाड़ा में नए लड़कों की भर्ती की थी। वह दक्षिण कश्मीर के कुलगाम, पुलवामा और शोपियां में सक्रिय भी रहा था। वह कश्मीर शरियत की बहाली का कट्टर समर्थक था। वह जाकिर मूसा के साथ कई मामलों में सहमत नहीं था। डॉ. मनान ने आतंकी बनने के बाद कश्मीर में जिहाद को सही ठहराते हुए सोशल मीडिया पर कई लेख भी लिखे।

6. नाम - जुनैद मट्टू
मौत - दक्षिण कश्मीर के बिजबेहाड़ा इलाके के मकरू मोहल्ला में जून 2017 में पुलिस एनकाउंटर में लश्कर के तीन आतंकवादी मारे गए जिनमें स्वयंभू जिला कमांडर जुनैद मट्टू सहित नासिर वानी और आदिल मुश्ताक मीर शामिल थे।
इनाम - जुनैद के सिर पर 8 लाख का इनाम था
जुनैद कश्मीर में कुलगाम का रहने वाला था। घाटी में आतंकी गातिविधियों में उसका हाथ था। वह कुलगाम के बोगंड क्षेत्र में 15 जून 2016 को पुलिस कांस्टेबल की हत्या, मीरबाजार में पुलिस पार्टी पर हमले भी शामिल रहा था। इसमें पुलिस अधिकारी महमूद शहीद हो गए थे। इसके अलावा अनंतनाग में पुलिस उपनिरीक्षक, एक कांस्टेबल की हत्या में भी उसका हाथ था। उसके खिलाफ अनेक थानों में मामले दर्ज थे।

7. नाम - यासीन इट्टू
मौत - दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले में अगस्त 2017 में सुरक्षाबलों के साथ एनकाउंटर में मारा गया
इनाम - सरकार ने इस आतंकी पर 12 लाख का इनाम रखा था
हिजबुल मुजाहिदीन का टॉप कमांडर यासीन इट्टू उर्फ गजनवी सुरक्षाबलों द्वारा जारी की गई खूंखार आतंकियों की लिस्ट में शामिल था। मध्य कश्मीर के बडगाम जिले का रहने वाला इट्टू हिजबुल मुजाहिदीन से लंबे समय से जुड़ा हुआ था। आतंकी बुरहान वानी के मारे जाने के बाद घाटी में शुरू हुई अशांति को बनाए रखने में उनसे सक्रिय भूमिका निभाई। उसने संगठन में कई लोगों की भर्ती भी कराई थी।

8. नाम - अबु दुजाना
मौत - सुरक्षाबलों ने अगस्त 2017 में पुलवामा जिले के हकरीपोरा गांव में एक एनकाउंटर में मार गिराया
इनाम - खतरनाक आतंकी अबु दुजाना पर सरकार ने 15 लाख का इनाम रखा गया था
अबु दुजाना लश्कर-ए-तैयबा का डब्बल-ए कैटेगरी का खतरनाक आतंकी कमांडर था। पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (गुलाम कश्मीर) के गिलगित-बाल्टिस्तान का रहने वाला दुजाना सेना की हिट लिस्ट में शामिल था। वह वर्ष 2015 में ऊधमपुर हमले, वर्ष 2016 के पंपोर हमले का भी मास्टर माइंड था। कई बार सुरक्षाबलों को चकमा दे चुके दुजाना और उसके साथी को सुरक्षाबलों ने जिस घर में वह छुपा था, उसमें विस्फोट लगा उड़ा दिया था।

9. नाम - वसीम शाह
मौत - लश्कर-ए-तैयबा के जिला कमांडर वसीम शाह उर्फ अबू ओसामा भाई को उसके एक साथी के साथ सुरक्षाबलों ने अक्टूबर 2017 में पुलवामा जिले में मुठभेड़ के दौरान मार गिराया था।
इनाम - इस आतंकी के सिर पर सरकार ने 10 लाख की इनाम रखा था
लश्कर-ए-तैयबा का जिला कमांडर वसीम शाह उर्फ अबू ओसामा भाई कश्मीर घाटी में आतंकवाद का पर्याय बन चुका था। शोपियां के हेफ्फ-श्रीमाल का रहने वाला वसीम को दक्षिण कश्मीर में वर्ष 2016 में फैली अशांति का मास्टर माइंड माना जाता था। उसे हेफ्फ का डान भी कहा जाता था। हेफ्फ दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले का एक इलाका है, जिसे आतंकवादियों का एक पारंपरिक गढ़ माना जाता है। शाह वर्ष 2014 में आतंकवादी समूह में शामिल हुआ था। वह स्कूल के समय से ही लश्कर-ए-तैयबा आतंकी समूह का सक्रिय समर्थक था।