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Amarnath Yatra 2024: न फिसलन का डर, न ही श्रद्धालुओं को डराएंगे गिरते पत्थर; इस बार सुरक्षित और आरामदायक होगी अमरनाथ यात्रा

29 जून से शुरू हो रही अमरनाथ यात्रा के लिए प्रशासन पूरे जोर-शोर से जुटा है। अमरनाथ यात्रा को सुगम बनाने के लिए सभी प्रयास किए गए है। इस बार के अमरनाथ यात्रा में नंदीगण की मूर्ति भी स्थापित की गई है। श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया गया है। तेज बारिश से इस बार यात्रा मार्ग सुरक्षित है।

By rohit jandiyal Edited By: Rajiv Mishra Updated: Tue, 25 Jun 2024 08:10 AM (IST)
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इस बार सुरक्षित और आरामदायक होगी अमरनाथ यात्रा (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, जागरण, जम्मू। इस बार अमरनाथ धाम की तीर्थयात्रा सुरक्षित, आरामदायक और बहुत ही सुखद अनुभव कराने वाली होगी। यात्रा मार्ग काफी चौड़े मिलेंगे, जिससे श्रद्धालुओं को चलने में आसानी होगी। मार्गों को सुरक्षित करने के लिए किनारों पर तार लगाए गए हैं।

पवित्र गुफा से पहले रास्ते में पड़ने वाले ग्लेशियर सुखद अनुभव कराएंगे। पवित्र गुफा में नंदीगण के भी दर्शन होंगे। सब कुछ बहुत ही अद्भुत और अलौकिक नजर आएगा। पूरे यात्रा मार्ग से बर्फ हटाने का काम लगभग पूरा हो गया है।

29 जून से शुरू होगी बाबा अमरनाथ की यात्रा

बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए बेशक अधिकारिक तौर पर यात्रा 29 जून से शुरू हो रही है, लेकिन ज्येष्ठ पूर्णिमा पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कुछ पदाधिकारी अमरनाथ धाम में दर्शन के लिए पहुंचे थे। दर्शन कर लौटने के बाद उन्होंने कहा कि इस बार श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया गया है।

यात्रा को सुगम और सरल बनाने के लिए प्रयास किए गए हैं। सभी का कहना है कि बाबा अमरनाथ की यात्रा बहुत ही सुखद अनुभव महसूस करवाती है। इस बार यात्रा में बहुत ही अच्छे प्रबंध किए गए हैं।

नंदीगण के भी होंगे दर्शन

ज्येष्ठ पूर्णिमा पर दर्शन करने वालों में बजरंग लाल, अभिषेक गुप्ता, कार्तिक सूदन, अवतार शर्मा, सुदर्शन खजूरिया और दीपक शामिल हैं। यह सभी बजरंग दल, विश्व हिंदू परिषद और बाबा अमरनाथ यात्री न्यास से जुड़े हुए हैं।

बजरंग दल के जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के प्रधान कार्तिक सूदन ने बताया कि इस बार यात्रा मार्ग को काफी चौड़ा किया गया है। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मार्ग अधिक सुगम है। यात्रा मार्ग को सुरक्षित बनाने के पूरे प्रयास हुए हैं।

बालटाल से भवन तक के 70 प्रतिशत मार्ग के किनारों पर लोहे के एंगल लगाकर तार लगाए गए हैं ताकि यात्रियों को कोई परेशानी न हो। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के वाहन भी काली माता के मंदिर तक जा रहे हैं।

हालांकि, इनमें किसी श्रद्धालु को जाने की इजाजत नहीं हैं। कार्तिक सूदन ने बताया कि इस बार नंदीगण की मूर्ति भी स्थापित की गई है।

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तेज बारिश में भी यात्रा मार्ग सुरक्षित

दर्शन कर वापस लौटने वालों ने बताया कि जिस दिन हम यात्रा पर जा रहे थे, बहुत तेज बारिश हो रही थी। इसके बावजूद यात्रा मार्ग सुरक्षित लग रहा था। जगह-जगह पर शौचालय स्थापित किए गए हैं। गंदगी को फैलने से रोकने के लिए डस्टबिन लगाए गए हैं।

लंगर वाले भी पहुंच गए हैं। बाबा बर्फानी की पवित्र गुफा से पहले रास्ते में पड़ने वाले ग्लेशियर सुखद अनुभव कराते हैं। सब कुछ बहुत ही अद्भुत और अलौकिक है।

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