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Jammu News: गिलानी के गढ़ में अब पत्थरबाज नहीं, खिलाड़ी होंगे पैदा; बारामुला में बनाए जा रहे तीन बड़े स्पो‌र्ट्स स्टेडियम

उत्तरी कश्मीर का बारामुला जिला सैयद अली शाह गिलानी समेत कट्टर अलगाववादियों और आतंकियों का गढ़ रहा है। हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा के कई बड़े आतंकी इसी जिले से निकले हैं। पत्थरबाजी के लिए यह कुख्यात रहा है। अब यह जिला इन दागों को धोने के लिए सही राह पर चल पड़ा है। यह अपनी छवि एक बड़ी खेल नर्सरी के रूप में बनाने जा रहा है।

By Jagran News Edited By: Jeet KumarUpdated: Sat, 20 Jan 2024 04:30 AM (IST)
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गिलानी के गढ़ में अब पत्थरबाज नहीं, खिलाड़ी होंगे पैदा

 नवीन नवाज, श्रीनगर। उत्तरी कश्मीर का बारामुला जिला सैयद अली शाह गिलानी समेत कट्टर अलगाववादियों और आतंकियों का गढ़ रहा है। हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तैयबा के कई बड़े आतंकी इसी जिले से निकले हैं। पत्थरबाजी के लिए यह कुख्यात रहा है। अब यह जिला इन दागों को धोने के लिए सही राह पर चल पड़ा है। यह अपनी छवि एक बड़ी खेल नर्सरी के रूप में बनाने जा रहा है। यहां से अब आतंकी और पत्थरबाज नहीं, बल्कि खिलाड़ी पैदा होंगे।

बारामुला और सोपोर में बनाए जा रहे स्पो‌र्ट्स स्टेडियम

तीन बड़े स्पो‌र्ट्स स्टेडियम बारामुला और सोपोर में बनाए जा रहे हैं। फीफा के मानकों पर अंतरराष्ट्रीय स्तर का फुटबाल मैदान भी विकसित किया जा रहा है। यहां खेल गांव भी होगा। बारामुला आतंकियों और अलगाववादियों का गढ़ रहा है। हिजबुल मुजाहिदीन और आतंकियों के साझा संगठन यूनाइटेड जिहाद कौंसिल का पहला चेयरमैन मास्टर अहसान डार और भारतीय संसद हमले में शामिल आतंकी अफजल इसी जिले का था।

आतंक और अलगाववाद का गढ़ रहने का असर बारामुला के सामाजिक-आर्थिक विकास पर भी हुआ

सैयद अली शाह गिलानी और नईम खान सरीखे कई कट्टरपंथी अलगाववादी इसी जिले से संबंध रखते हैं। लश्कर इस्लाम का कमांडर कयूम नजार भी बारामुला के सोपोर का रहने वाला था। कश्मीर के कई कुख्यात पत्थरबाज भी इसी जिले से संबंध रखते हैं। आतंक और अलगाववाद का गढ़ रहने का असर बारामुला के सामाजिक-आर्थिक विकास पर भी हुआ।

अब हालात लगातार बदल रहे हैं। यहां युवाओं को आतंकियों और अलगाववादियों की चंगुल से बचाए रखने और बारामुला जिले की छवि बदलने के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र और सेना की मदद से इसे एक बड़े खेल केंद्र के रूप में विकसित करने पर काम शुरू कर दिया है। बारामुला में खेल ढांचा विकास परियोजना के तहत तीन स्टेडियम बनाए जा रहे हैं। इनमें से दो जिला मुख्यालय बारामुला में और एक सोपोर में बनेगा। इनमें ट्रैक और अन्य फील्ड सुविधाएं भी होंगी।

देश-विदेश में खेल के फलक पर चमकेगा बारामुला

पूर्व पुलिस अधिकारी एवं कवि तामिल बशीर ने कहा कि बीते कुछ वर्ष से जब से यहां खेलों पर ध्यान दिया गया है, यहां आतंकी भर्ती, पत्थरबाजी में कमी आई है। सेना ने उड़ी में भी एक स्टेडियम तैयार किया है। बीते तीन वर्ष के दौरान बारामुला की हर पंचायत में एक खेल मैदान विकसित हुआ है। अब यहां तीन बड़े स्टेडियम बन रहे हैं। खेल गांव के प्रस्ताव की बात भी सामने आई है। इसलिए अगले तीन-चार वर्ष में देश-विदेश में खेल के फलक पर बारामुला के नौजवान नजर आएंगे।

हमने बारामुला में खेल गांव की स्थापना के लिए भी प्रस्ताव तैयार किया है और इसे संबंधित प्रशासन को सौंपा है। जब यहां एक अच्छा खेल ढांचा होगा तो जाहिर है कि युवा भी नकारात्मक गतिविधियों के बजाय खेल व अन्य रचनात्मक गतिविधियों की तरफ ही आकर्षित होंगे। - सफीना बेग, अध्यक्ष, जिला विकास परिषद बारामुला

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