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Budgam Encounter : सुरक्षाबलों ने एलईटी कमांडर लतीफ संग तीन आतंकियों को किया ढेर

Budgam Encounter ये आतंकी वाटरहेल इलाकेे के ऊपरी पहाड़ी इलाके में छिपे हुए हैं। जंगल घना होने की वजह से आतंकवादी पेड़ों की आड़ में सुरक्षाबलों पर लगातार गोलीबारी कर रहे हैं। सुरक्षाबलों का पूरा प्रयास है कि अंधेरा होने से पहले-पहले इन आतंकवादियों को मार दिया जाए।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 10 Aug 2022 01:59 PM (IST)
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बहुत जल्द घेराबंदी में फंसे सभी आतंकियों को मार गिराया जाएगा।
श्रीनगर, जेएनएन : सुरक्षाबलों ने एक बार फिर कश्मीर में आतंकी हमले की बड़ी योजना को नाकाम बना दिया है। स्वतंत्रता दिवस पर घाटी में आतंकी हमले की योजना बना रहे लश्कर-ए-तैयबा के तीन आतंकियों को सुरक्षाबलों ने मध्य कश्मीर के जिला बड़गाम के वाटरहेल इलाके में घेर लिया। एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने आतंकियों की घेराबंदी की पुष्टि करते हुए बताया कि घेराबंदी में एलईटी का सक्रिय आतंकी लतीफ राथर में शामिल है।करीब चार घंटों तक चली इसी मुठभेड़ में सुरक्षाबलों ने तीनों आतंकियों को ढेर कर दिया है।

आपको बता दें कि ये आतंकी वाटरहेल इलाकेे के ऊपरी पहाड़ी इलाके में छिपे हुए हैं। जंगल घना होने की वजह से आतंकवादी पेड़ों की आड़ में सुरक्षाबलों पर लगातार गोलीबारी कर रहे हैं। सुरक्षाबलों का पूरा प्रयास है कि अंधेरा होने से पहले-पहले इन आतंकवादियों को मार दिया जाए। फिलहाल आतंकवादी जंगल की आड़ में फरार न हो जाएं, इसके लिए पूरे क्षेत्र की घेराबंदी की जा रही है।

एडीजीपी ने बताया कि लतीफ की पुलिस को काफी दिनों से तलाश थी। वह कश्मीर में कई नागरिक हत्याओं में शामिल रह चुका है। कश्मीरी हिंदू राहुल भट्ट और अमरीन भट की हत्या में भी उसी का हाथ था। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द घेराबंदी में फंसे सभी आतंकियों को मार गिराया जाएगा।

सात लाख का इनामी था लतीफ राथर : एडीजीपी कश्मीर विजय कुमार ने कहा कि लतीफ राथर व उसके दोनों साथियों को कश्मीर में टारगेट किलिंग का काम सौंपा गया था। कश्मीरी हिंदू कर्मी राहुल भट्ट, अनुसूचित जाति की अध्यापिका रजनी बाला और टीवी कलाकार अमरीन बट की हत्या का मास्टरमांइड टीआरएफ कमांडर लतीफ राथर करीब 10 वर्ष से आतंकी गतिविधियों में सक्रिय था और उस पर सात लाख का इनाम था। मुठभेड़ स्थल से भारी मात्रा में हथियार व गोला बारूद भी बरामद हुआ है।

2001 में पहली बार पकड़ा गया लतीफ : बड़गाम में वडीपोरा चाडूरा का लतीफ पुराना आतंकी था। आतंकी गतिविधियों में संलिप्तता के चलते वह पहली बार वर्ष 2001 में पकड़ा गया था। कुछ समय जेल में रहने के बाद वह जब छूटा तो आतंकियों के लिए ओवरग्राउंड वर्कर काम करने लगा। उसने 24 जून 2013 को पाकिस्तानी आतंकी कमांडर अबु कासिम के साथ हैदरपोरा में सैन्य काफिले पर हमला किया। इसमें आठ सैन्यकर्मी बलिदानी हुए। दिसंबर 2013 में चाडूरा बाजार में पुलिस दल पर हुए हमले के षड्यंत्र में भी वह शामिल था। इसी हमले से चंद दिन पहले वह जमानत पर जेल से छूटा था। वह फिर लश्कर में शामिल हुआ था। कुछ माह बाद वह श्रीनगर में पकड़ा गया। नवंबर 2021 में जमानत पर रिहा होते ही दोबारा आतंकी संगठनों के लिए काम करने लगा। वह लतीफ श्रीनगर में लश्कर व टीआरएफ की बढ़ती गतिविधियों के चलते सुरक्षाबलों की नजर में आ गया। फरवरी में वह सदरबल श्रीनगर में अपनी बहन के घर से गायब हो गया।

लतीफ को मिला था गैर कश्मीरियों की हत्या का जिम्मा : फरवरी 2022 में लतीफ जब फिर लश्कर में शामिल हुआ तो उसे द रजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ) का आपरेशनल कमांडर बनाया गया। लतीफ कश्मीरी हिंदुओं व अन्य अल्पसंख्यकों व विभिन्न राज्यों से रोजी रोटी कमाने आए श्रमिकों की हत्या का जिम्मा दिया। वह पाकिस्तान में बैठे लश्कर कमांडर साजिद और कश्मीर से भागे आतंकी सज्जाद गुल के संपर्क में रहता था। उसने श्रीनगर, बडग़ाम और पुलवामा में टीआरएफ का नया कैडर तैयार किया। लतीफ ने ही मई में चाडूरा में कश्मीरी हिंदु राहुल भट्ट की हत्या कराई थी। इसके बाद हशरु बडग़ाम में टीवी व टिकटाक कलाकार अमरीन बट की हत्या में भी शामिल था। बीते दिनों बडग़ाम में ईंट भट्टर मजदूरों पर हमले का भी सूत्रधार था। जम्मू की अध्यापिक रजनी बाला की कुलगाम में हुई हत्या भी आतंकी बासित ने उसके ही इशारे पर कराई थी।

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