'चीन और उसके नेताओं पर कभी भरोसा न करें', ड्रैगन की विस्तारवादी सोच पर निर्वासित तिब्बती संसद ने जताई चिंता
ताइवान को चीन अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा होने का दावा करता है। जबकि दक्षिण चीन सागर पर वियतनाम फिलीपींस मलेशिया ब्रुनेई और ताइवान प्रतिदावा करते हैं। अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा भारत को लोगों के अंदर चीन के प्रति आक्रोश बढ़ चुका है। इस मामले पर तिब्बत के सांसद दावा त्सेरिंग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहाचीन पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता।
By AgencyEdited By: Piyush KumarUpdated: Wed, 30 Aug 2023 07:11 AM (IST)
जम्मू, एएनआई। चीन ने सोमवार को अपने 'मानक मानचित्र' का 2023 का संस्करण आधिकारिक तौर पर जारी किया है। इस मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चिन, ताइवान, दक्षिण चीन सागर और कई विवादित क्षेत्रों को चीन ने अपना हिस्सा बताया है।
बता दें कि ताइवान को चीन अपनी मुख्य भूमि का हिस्सा होने का दावा करता है। जबकि दक्षिण चीन सागर पर वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान प्रतिदावा करते हैं। अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा भारत को लोगों के अंदर चीन के प्रति आक्रोश बढ़ चुका है।
चीन और उसके नेताओं पर कभी भरोसा न करें: दावा त्सेरिंग
इस मामले पर तिब्बत के निर्वासित सांसद दावा त्सेरिंग ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा,"चीन पर कभी भरोसा नहीं किया जा सकता।" त्सेरिंग ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, "चीन हमेशा कहता है कि वह आपसे दोस्ती चाहता है लेकिन उसकी मीठी बातों के पीछे चीन की दुर्भावना छिपी हुई है। चीन और उसके नेताओं पर कभी भरोसा न करें, क्योंकि वे कभी किसी के दोस्त नहीं हो सकते।"जी 20 शिखर सम्मेलन से पहले भारत को उकसाना चाहता चीन: सांसद
उन्होंने ये भी कहा,"सभी दक्षिण एशियाई देशों को चीनी विस्तारवादी नीति के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।'उन्होंने आगे कहा कि चीन अगले महीने होने वाले जी 20 शिखर सम्मेलन से पहले भारत को उकसाना चाहता है।
बता दें कि जम्मू में डोल्मा की मुलाकात रणनीतिक विश्लेषक लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा से भी हुई, जिन्होंने चीन की विस्तारवादी नीति पर भी अपनी राय व्यक्त की और चीन के नए 'मानक मानचित्र' को ''बिल्कुल गलत'' बताया।डोल्मा ने आगे बताया, "चीन ने 1959 में तिब्बत पर अवैध रूप से आक्रमण किया और अब वह पड़ोसी देश भारत की सीमा का अतिक्रमण करने की कोशिश कर रहा है।"
चीन ने चारों ओर अपने पांव फैलने शुरू कर दिए: लेफ्टिनेंट जनरल
लेफ्टिनेंट जनरल शर्मा ने बताया,"चीन एक विस्तारवादी देश है और इसका पहला उदाहरण तिब्बत है जो एक स्वतंत्र राज्य था और 1950 में चीन ने उस पर कब्जा कर लिया था। उसके बाद चीन ने चारों ओर अपने पांव फैलने शुरू कर दिए और वे अक्साई चिन तक भी आ गए... अब वे अपना विस्तार कर रहे हैं।"
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