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जम्मू-कश्मीर में पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा, पुंछ में तलाश किए जाए रहे टूरिज्म प्लेस; विकास को मिलेगी रफ्तार

जम्मू-कश्मीर में शांति कायम हो रही है वैसे ही पर्यटन को भी और अधिक बढ़ावा देने की ओर काम हो रहा है। भारत-पाकिस्तान सीमा पर शांति कायम होने के साथ सरकारी अधिकारियों की एक टीम ने पर्यटन के अवसरों का पता लगाने के लिए जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले के कई गांवों का दौरा किया। भारी सुरक्षा वाले क्षेत्र में पर्यटन के अवसरों का पता लगाने के लिए दौरा किया गया।

By Jagran NewsEdited By: Preeti GuptaUpdated: Wed, 06 Sep 2023 04:42 PM (IST)
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पुंछ में तलाश किए जाए रहे टूरिज्म प्लेस (फाइल फोटो)

जम्मू, पीटीआई। Tourism in Jammu-Kashmir:  जम्मू में आर्टिकल 370 (Article 370) खत्म होने के बाद बहुत से बदलाव देखने को मिले हैं। जैसे-जैसे जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) में शांति कायम हो रही है वैसे ही पर्यटन (Tourism in Jammu-Kashmir) को भी और अधिक बढ़ावा देने की ओर काम हो रहा है। भारत-पाकिस्तान सीमा (India-Pakistan border) पर शांति कायम होने के साथ, सरकारी अधिकारियों की एक टीम ने पर्यटन के अवसरों का पता लगाने के लिए जम्मू-कश्मीर के पुंछ जिले (Toursim in Poonch) के कई गांवों का दौरा किया।

पुंछ के इन गांवों का किया दौरा

एक आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, पुंछ के उपायुक्त यासीन एम चौधरी ने सेरियन, डेगवार, माल्ड्याना, नकरकोटे, लंगूर पोस्ट, नूरकोटे और खारी करमारा का दौरा किया है। ये गांव सीमा बाड़ के पार है, लेकिन नियंत्रण रेखा (LOC) के अंदर स्थित हैं। इन स्थानों पर पर्यटन की तलाश की जा रही है।

क्या था यात्रा का उद्देश्य?

अधिकारी ने बताया कि यात्रा का उद्देश्य जनता के साथ बातचीत करना, बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता का आकलन करना और भारी सुरक्षा वाले क्षेत्र में पर्यटन के अवसरों का पता लगाना है। 25 फरवरी, 2021 को, भारत और पाकिस्तान ने जम्मू और कश्मीर में सीमाओं पर शांति कायम करने की घोषणा की थी। इससे एलओसी और अंतर्राष्ट्रीय सीमा (आईबी) पर रहने वाले लोगों को बड़ी राहत मिली थी।

युद्धविराम के बाद भी पाकिस्तान ने बार-बार किया एलओसी का उल्लंघन

भारत और पाकिस्तान ने शुरुआत में 2003 में युद्धविराम समझौते पर हस्ताक्षर किए थे, लेकिन पाकिस्तान ने अक्सर समझौते का उल्लंघन किया है। 2020 में 5,000 से अधिक बार उसने उल्लंघन किया। सीमावर्ती निवासियों को पाकिस्तानी गोलाबारी से बचाने के लिए केंद्र ने दिसंबर 2017 में जम्मू, कठुआ और सांबा के पांच जिलों में 14,460 व्यक्तिगत और सामुदायिक बंकरों के निर्माण को मंजूरी दी थी।

4,000 से अधिक और बंकरों की दी गई मंजूरी

इन बंकरों ने आईबी के पास स्थित गांवों और एलओसी के पास पुंछ और राजौरी के गांवों को कवर किया। बाद में, सरकार ने कमजोर आबादी के लिए 4,000 से अधिक बंकरों को मंजूरी दी। पुंछ के डिप्टी कमिश्नर ने अपनी टीम के साथ अजोटे युद्ध स्मारक का भी दौरा किया और इसे जनता के लिए खुला रखने की इच्छा व्यक्त की।

युद्ध स्मारक खोलने की यह है वजह

स्मारक के महत्व और सैनिकों द्वारा किए गए बलिदानों को पहचानते हुए उन्होंने पुंछ विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मोहम्मद तनवीर खान से क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने और यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि जनता इन बहादुर सैनिकों की कहानियों से अवगत हो। प्रवक्ता ने बताया कि डिप्टी कमिश्नर ने कुछ ही देर में स्मारक पर राष्ट्रीय ध्वज स्थापित करने की योजना की भी घोषणा की।