दक्षिण कश्मीर में केसर की क्यारी में पर्यटकों की सैर, ऐसा नजारा पहले नहीं देखा होगा, पंपोर में पर्यटन महोत्सव
केसर के खेतों में भागते-कूदते पर्यटक और उस पर नृत्य और संगीत की मीठी फुहार। ऐसा प्रतीत हुआ कि कश्मीर फिर से जन्नत बन गया। कश्मीरी पोशाक में बालाएं खेत से केसर के फूल चुन रही थीं और वहां आए पर्यटक इस नजारे को देख अचंभित थे।
By Jagran NewsEdited By: Lokesh Chandra MishraUpdated: Wed, 02 Nov 2022 07:29 AM (IST)
जम्मू, राज्य ब्यूरो : कभी आतंक की नर्सरी के नाम से कुख्यात पुलवामा में अब नजारा बदला हुआ है। केसर के खेतों में भागते-कूदते पर्यटक और उस पर नृत्य और संगीत की मीठी फुहार। ऐसा प्रतीत हुआ कि कश्मीर फिर से जन्नत बन गया। कश्मीरी पोशाक में बालाएं खेत से केसर के फूल चुन रही थीं और वहां आए पर्यटक इस नजारे को देख अचंभित थे। यह पर्यटक अपनी तरह के इस पहले उत्सव की तमाम यादों को समेट लेना चाहते थे।
यह पहली बार है कि पुलवामा के पांपोर में केसर के खेतों में पर्यटन उत्सव का आयोजन किया गया था। लक्ष्य है कि पर्यटकों को असली कश्मीर दिखाया जा सके और केसर आधारित अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाया जा सके। यहां बता दें कि भारत का 90 प्रतिशत से अधिक केसर कश्मीर में ही पैदा होता है और पांपोर में दुनिया का सबसे बढि़या गुणवता का केसर पैदा होता है और इसकी खुशबू ही जुदा है। पिछले वर्ष कश्मीर के केसर को जीआइ टैगिंग भी मिली है। ऐसे में उसके बाद से केसर के लिए दुनिया के नए क्षेत्रों के द्वार भी खुल गए हैं। इस दौरान पर्यटकों को रिझाने के लिए पहली बार पांपोर के करेवा में केसर के खेतों में ले या गया था।
केसर के खेतों की खुशूब हर किसी को अपनी ओर आकर्षित कर रही थी। इस पर पर्यटन विभाग के अधिकारियों के साथ कश्मीर के प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि इस दौरान लक्ष्य है कि केसर से संबंधित अर्थव्यवस्था और केसर के खेतों में पर्यटन को प्रोत्साहित किया जाए। हमारा प्रयास हे कि दुनिया भर के लोगों को शुद्ध केसर उपलब्ध हो।
पर्यटकों ने कहा कभी कश्मीर के खेतों में जाने को सोचा नहीं था
दिल्ली से आए एक पर्यटक ने कहा कि कभी सोचा नहीं था कि यहां कश्मीर के खेतों में जाने का अवसर मिलेगा। हमारे गाइड ने जब इसकी चर्चा कर दी तो हमने तुरंत हां कर दी। यह शानदार अवसर है। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए कई सांस्कृतिक कार्यक्रम और गतिविधियां आयोजित की गई थी। लोक नृत्य, संगीत के कार्यक्रम भी हुए। युवा कलाकारों ने लोगों को नशा मुक्त समाज का निर्माण करने का संदेश देने के लिए एक नशा मुक्त अभियान पर स्किट प्रस्तुत किया।
क्या कहते हैं अधिकारी
कश्मीरी केसर दुनिया भर में लोकप्रिय है। किसानों को तकनीकी हस्तक्षेप का लाभ उठाने और बेहतर रिटर्न के लिए बेहतर सिंचाई सुविधाओं और जीआई टैगिंग का उपयोग करने की आवश्यकता है। अब पर्यटक केसर के खेतों का अनुभव कर रहे हैं। जीआइ टैगिंग ने कश्मीर केसर के लिए नए दरवाजे खोले हैं। सरकार यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही है कि केसर की खेती और कटाई के बाद प्रबंधन के दौरान विश्व स्तर पर स्वीकृत सभी गुणवत्ता मानकों को पूरा किया जाए। -पांडुरंग के पोले, कश्मीर के मंडलायुक्तसरकार केसर को कश्मीर के पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है। वेटलैंड और केसर पांपोर की स्थानीय आबादी के लिए एक परस्पर अर्थव्यवस्था हैं। इस तरह के और उत्सव बड़े पैमाने पर आयोजित किए जाएंगे। स्थानीय लोगों की भागीदारी से स्पष्ट है कि चीजें बेहतर हो रही हैं। - बसीर-उल-हक चौधरी, उपायुक्त पुलवामा
केसर के प्रचार के लिए अधिक से अधिक स्थानीय लोगों को शामिल करने के लिए अधिक उत्सव आयोजित किए जाएंगे ताकि संबंधित उत्पादकों के आर्थिक हितों को सभी स्तरों पर सुरक्षित किया जा सके। पांपोर में एक उत्सव आयोजित करने का उद्देश्य उस जगह की विशिष्टता का जश्न मनाना था और केसर की खेती ने कश्मीर को गौरवान्वित किया है। -फजलुल हसीब, पर्यटन निदेशक, कश्मीर
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