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Ladakh News: बर्फ से जमी जंस्कार नदी पर आज से ट्रैकिंग शुरू, देश-विदेश के पर्यटक इस दिन तक उठा पाएंगे लुफ्त

Ladakh News केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बर्फ से जमी जंस्कार नदी पर चादर ट्रैक रविवार को शुरू हो गया। पहले यह ट्रैकिंग आठ जनवरी को शुरू होने थी। लेकिन नदी के कुछ हिस्सों में बर्फ न जमने के कारण प्रशासन ने कुछ दिन के लिए ट्रैकिंग को स्थगित करने का फैसला किया। इस बार ट्रैकर सिर्फ बीस किलोमीटर तक जा सकेंगे।

By vivek singh Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Sun, 14 Jan 2024 01:10 PM (IST)
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लद्दाख में बर्फ से जमी जंस्कार नदी चादर ट्रैक शुरू
जागरण संवाददाता, लद्दाख\जम्मू। केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में बर्फ से जमी जंस्कार नदी पर चादर ट्रैक रविवार को शुरू हो गया। अत्याधिक ठंडे माहौल में लेह से ट्रैकरों का पच्चीस सदस्यीय पहला दल बर्फ की इस नदी ट्रैकिंग के लिए निकला। इस बार कम बर्फबारी के कारण यह ट्रैक करीब एक सप्ताह देरी से यह ट्रैक शुरू हुआ।

पहले यह आठ जनवरी से  होनी थी शुरू 

पहले यह ट्रैकिंग आठ जनवरी को शुरू होने थी। लेकिन नदी के कुछ हिस्सों में बर्फ न जमने के कारण प्रशासन ने कुछ दिन के लिए ट्रैकिंग को स्थगित करने का फैसला किया। शनिवार को लेह में पहले दल के ट्रैकरों का मेडिकल किया गया। इसके बाद ट्रैकरों को रविवार ट्रैक पर जाने की इजाजत दी गई। ट्रैकिंग मार्ग पर तीन कैंप स्थापित किए गए हैं।

पर्यटकों के स्वास्थ्य की नियमित जांच के लिए कैंप 

पहला कैंप लेह के दूरदराज गुरू-दो इलाके में हैं। वहीं दूसरा कैंप शिंगरा या केमा व तीसरा कैंप चादर ट्रैक पर सोमो इलाके में हैं। इन तीन कैंपों पर मेडिकल की व्यवस्था है। हर कैंप पर ट्रैकिंग में हिस्सा ले रहे पर्यटकों के स्वास्थ्य की नियमित जांच की जाएगी।

ट्रैकर को सिर्फ बीस किलोमीटर तक जाने की इजाजत 

कारगिल जिले के जंस्कार क्षेत्र में नीमो-पदम सड़क के निमार्ण के चलते इस बार चादर ट्रैक को बीस किलोमीटर मार्ग तक सीमित रखा गया है। सामान्य हालात में यह ट्रैक एक तरफ से करीब 100 किलोमीटर है। इस बार ट्रैकर सिर्फ बीस किलोमीटर तक जा सकेंगे। बीस फरवरी तक चलने वाले इस ट्रैक में देश, विदेश के पर्यटक हिस्सा लेंगे।

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इसके बाद जंस्कार नदी पिघलने लगती है। करीब ग्यारह हजार फुट की उंचाई पर ट्रैक में हिस्सा लेने के लिए पर्यटक देश के विभिन्न हिस्सों से आ रहे हैं। बर्फ से जमी इस नदी क्षेत्र में जनवरी महीने में तापमान शून्य से तीस डिग्री से नीचे चला जाता है। ऐसे में लेह में ट्रैकरों पर ट्रैक पर रवाना होने से पहले तीन दिन तक लेह में ठहरना अनिवार्य है।

सेटेलाइट फोन करवाए गए उपलब्ध 

प्रशासन द्वारा ट्रैकिंग मार्ग पर स्वास्थ्य, राहत अभियान चलाने के लिए पूरे प्रबंध किए गए हैं। प्रशासन की ओर से यात्रा के बेहतर प्रबंधन के लिए इस बार सेटेलाइट फोन उपलब्ध करवाए गए हैं। दाैरान लद्दाख पुलिस के साथ लद्दाख आपदा प्रबंधन विभाग की टीमें ट्रैकिंग को सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभाएंगी। लेह जिला प्रशासन ने लद्दाख में ट्रैवल, टूर आपरेटरों, हाेटल संगठनों के प्रतिनिधियों को विश्वास में लेकर ट्रैक को कामयाब बनाने की तैयारी की है।

 जंस्कार नदी पर चादर ट्रैक की लंबाई करीब 105 किलोमीटर

बर्फ से जमी जंस्कार नदी पर चादर ट्रैक की लंबाई करीब 105 किलोमीटर है। यह पहली बार है जब इस पूरे ट्रैक पर ट्रैकिंग नही हो रही है। ट्रैकिंग के आयोजन से जड़े लद्दाख आल ट्रैवल टूर आपरेटर यूनियन के प्रधान डेलेक्स नाम्गयाल ने बताया कि केवल पंजीकृत पर्यटक ही इस ट्रैकिंग में हिस्सा ले सकते हैं।

ट्रैकिंग बहुत कठिन हालात में होती है। पूरी तरह से स्वस्थ पर्यटकों को ही ट्रैक पर जाने दिया रहा है। उन्होंने बताया कि तीन दिवसीय चादर ट्रैक के बीस किलोमीटर के मार्ग पर लद्दाख प्रशासन व पर्यटन विभाग ने इस बार तीन कैंप स्थापित किए गए हैं।

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