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    Jammu News: सीमाओं को अपने लक्ष्य के बीच में बाधा न बनने दे: टेडएक्स कार्यक्रम में बोले CM उमर अब्दुल्ला

    जम्मू में जेके पब्लिक स्कूल कुंजवानी में टेडएक्स कार्यक्रम में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सीमाओं के महत्व पर बात की। उन्होंने छात्रों को उच्च लक्ष्य रखने और सीमाओं को चुनौती देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अनुभव और रूढ़िवादी सोच से आत्म-लगाई सीमाओं को पार करना चाहिए। छात्रों को कानून का पालन करते हुए आगे बढ़ने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहित किया गया।

    By satnam singh Edited By: Suprabha Saxena Updated: Sun, 24 Aug 2025 12:05 PM (IST)
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    जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अबदुल्ला (फाइल फोटो)

    राज्य ब्यूरो, जम्मू। मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने  शनिवार को जेके पब्लिक स्कूल कुंजवानी में टेडएक्स कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सीमाएं हर जगह मौजूद हैं। भूगोल, राजनीति, कानून और सीमाओं में कभी-कभी अच्छे कारणों से तो कभी-कभी प्रतिबंधों के रूप में। उन्होंने कहा कि लोग अक्सर अनुभवों या रूढ़ियों द्वारा आकारित आत्म-लागू सीमाएं बनाते हैं।

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    उन्होंने कहा कि ये सीमाएं वास्तविक या कल्पनात्मक हो सकती हैं, लेकिन हर महान अन्वेषण और सभ्यता की प्रगति सीमाओं को पार करने से आई है। छात्रों को उच्च लक्ष्य बनाने के लिए प्रोत्साहित करते हुए उन्होंने उनसे सीमाओं को अपने रास्ते में न आने देने का आग्रह किया। उच्च लक्ष्य निर्धारित करें। जब तक आप अपनी सीमाओं का परीक्षण नहीं करते, तब तक आप अपने लिए एक अनोखी पहचान नहीं बना सकते है।

    मुख्यमंत्री ने छात्रों को सीमाओं को चुनौती देने और सीमाओं से परे थीम को अपनाने के लिए प्रेरित किया।  उन्होंने उन्हें बोलने, प्रश्न पूछने और कभी भी हिचकिचाहट को चुप न कराने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि लिंग, पृष्ठभूमि या उपस्थिति उन्हें सीमित नहीं करनी चाहिए। उसी समय, उन्होंने छात्रों को प्रतिबंधात्मक या काल्पनिक सीमाओं और देश के कानूनों के बीच अंतर करने के लिए याद दिलाया।

    सीमाओं से परे जाएं, लेकिन ऐसा करने में कानून का पालन करें। लक्ष्य कभी भी कानून का उल्लंघन करके नहीं प्राप्त किए जाने चाहिए। अनेक लक्ष्य निर्धारित करें और उन्हें हासिल करने के लिए अपना जीवन समर्पित करें। प्रयास स्वयं सार्थक है, चाहे परिणाम कुछ भी हो। कार्यक्रम में अपने विचार साझा करने वाले अन्य वक्ताओं में प्रोफेसर अमिताभ मट्टू और उषा मणि जैसे शिक्षाविद् शामिल थे।