5 राउंड की काउंसलिंग के बाद भी नहीं मिले विद्यार्थी, जम्मू-कश्मीर में इंजीनियरिंग और B.Ed की सीटें भरना बना चुनौती
जम्मू-कश्मीर (Jammu Kashmir News) में इंजीनियरिंग और बीएड कॉलेजों की सीटें नहीं भर पा रही हैं। मुख्य सचिव ने चिंता जताई है और सीटें भरने के लिए निर्देश दिए हैं। पिछले साल भी इसी तरह की समस्या थी। कई कारणों से छात्र बाहरी राज्यों के कॉलेजों में दाखिला ले रहे हैं। अब फिर से दाखिला प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है।
राज्य ब्यूरो, जम्मू। जम्मू-कश्मीर में मुख्य सचिव के चिंता जताने के बावजूद केंद्र शासित प्रदेश के इंजीनियरिंग व बीएड कॉलेजों की सीटें नहीं भर पाई हैं। इंजीनियरिंग की सीटों को भरने के लिए पांच दौर की काउंसलिंग हुई फिर भी फिर भी विद्यार्थी नहीं मिले। सरकारी बीएड कालेजों में भी यही हाल है।
अब फिर से दाखिला प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी है। मुख्य सचिव ने कुछ दिन पहले बोर्ड के अधिकारियों के साथ बैठक कर सीटें भरने के लिए कहा था। सीटें नहीं भरने के कारणों को जानने के लिए कहा था।
मुख्य सचिव ने पिछले साल भी जताई थी चिंता
पिछले साल भी इसी तरह से मुख्य सचिव ने बैठक में इस मुद्दे पर चिंता जताई थी। हालांकि, बोर्ड की तरफ से काफी प्रयास किए गए, लेकिन अधिकतर विद्यार्थियों का रुख बाहरी राज्यों की तरफ होने, इंजीनियरिंग के लिए श्री माता वैष्णो देवी विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय जम्मू में विकल्प होने, प्रधानमंत्री विशेष छात्रवृत्ति योजना में इंजीनियरिंग कोर्स में मौका मिलने जैसे कई कारण है, जिसके वजह से जम्मू कश्मीर में सरकारी व प्राइवेट में सीटें नहीं भरे जा रही है।यह भी पढ़ें- Delhi University: दिल्ली विश्वविद्यालय को हाईकोर्ट ने क्यों लगाई फटकार? पढ़ें क्या है पूरा मामला
काफी सीटें अभी भी खाली
मुख्य सचिव की बैठक के बाद अब बोर्ड जल्द ही एक दो दिन में फिर से अधिसूचना जारी करेगा, जिसमें इंजीनियरिंग में दाखिले का मौका दिया जाएगा। बोर्ड के कंट्रोलर प्रो. गुरविंद्र राज ने बताया कि जम्मू के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेज में करीब 30, श्रीनगर कॉलेज में सौ से अधिक, प्राइवेट कॉलेजों में एक हजार से अधिक सीटें अभी खाली हैं।कई कॉलेज बंद होने की कगार पर
इनको भरने के लिए एक बार फिर से मुहिम चलेगी। जम्मू के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एजुकेशन में बहुत कम सीटें बची है, जबकि श्रीनगर के गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ एजुकेशन में कुछ सीटें अभी भी खाली हैं। वहीं, जम्मू विश्वविद्यालय के अधीन आने वाले 45 बीएड कॉलेजों में अधिकतर सीटें खाली है, इसलिए कई बंद होने की कगार पर पहुंच गए हैं।अभी हाल ही में विश्वविद्यालय ने सीटों के न भरने पर नए सिरे से दाखिला प्रक्रिया को शुरू किया था और आठ अक्टूबर को यह संपन्न हो गई, लेकिन सीटें नहीं भरी गई। अभी तक करीब दो हजार सीटें ही भरी गई है और पांच हजार के करीब खाली है। बीएड कोर्स की तरफ विद्यार्थियों का रुझान कम हो रहा है। विद्यार्थियों का रुझान मास्टर डिग्री के नए कोर्स की तरफ हो रहा है। वहीं, कई सारे विद्यार्थी बारहवीं कक्षा के बाद ही पांच साल के एकीकृत कोर्स में दाखिला ले लेते हैं।
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