'अफजल की फांसी में भाजपा कहां से आ गई?' जितेंद्र सिंह ने उमर अब्दुल्ला पर बोला हमला, कहा- तब आप ही सीएम थे
Jammu Kashmir Election जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला (Omar Abdullah) ने अफजल गुरु (Afzal Guru) के फांसी को लेकर बयान दिया जिससे सियासी पारा हाई हो गया है। उमर कहा था कि हम अफजल की फांसी को मंजूरी नहीं देते। उमर के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जगजाहिर है कि उनकी सहमति से ही अफजल को फांसी दी गई थी।
जागरण संवाददाता, जम्मू। प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला पर अफजल गुरु की फांसी पर कश्मीर के लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि आज उमर कह रहे हैं कि वह कभी भी अफजल गुरु को फांसी नहीं होने देते, लेकिन जगजाहिर है कि उनकी सहमति से ही अफजल को फांसी दी गई थी।
'जम्मू-कश्मीर के सीएम से ली थी सहमति'
डॉ. जितेंद्र ने कहा कि उस समय की अखबारों में भी खबरें छपी थी और टीवी चैनलों पर भी खबरें आई थी कि उस समय की यूपीए सरकार में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने अफजल गुरु को फांसी देने से पहले जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री की सहमति पहले ले ली थी।
शनिवार को भााजपा के छन्नी हिम्मत स्थित मीडिया वॉर रूम में संवाददाता सम्मेलन में डॉ. जितेंद्र ने कहा कि 2013 में केंद्र में यूपीए की सरकार थी। उमर जम्मू-कश्मीर में मुख्यमंत्री थे। उनके पिता डॉ. फारूक अब्दुला मनमोहन सिंह सरकार में कैबिनेट मंत्री थे।
युवाओं को नेकां की राजनीति रास नहीं आ रही- जितेंद्र सिंह
जितेंद्र सिंह ने कहा कि अफजल की फांसी में भाजपा कहां से आ गई? वह समय चला गया कि जब कश्मीरी राजनेता अपनी जेब में तीन अलग-अलग बयान लेकर घूमते थे।
कश्मीर में अलग, जम्मू में अलग और दिल्ली में अलग बयान देते थे लेकिन आज रियल टाइम रिपोर्टिंग होती है जिससे अब ये नेता जनता को गुमराह नहीं कर सकते।
अनुच्छेद 370 पर अलग रुख पर उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर के 70 फीसदी मतदाता युवा हैं और उन्हें नेशनल कॉन्फ्रेंस की राजनीति रास नहीं आ रही है।यह भी पढ़ें- 'अफजल गुरु की फांसी को कभी मंजूरी नहीं देते', जम्मू-कश्मीर में चुनाव के बीच उमर अब्दुल्ला के बयान पर बवाल
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