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Unlock In Jammu: सड़कों पर उतरे यात्री वाहन, सवारियां बहुत कम ही दिखीं

वहीं एसोसिएशन के प्रधान विजय चिब का कहना है कि यात्री वाहनों को सड़कों पर उतारने के लिए कह दिया गया है। अब सवारियां निकलेंगी तभी कामकाज सामान्य हो पाएगा। खाली वाहन सड़क पर दौड़ा पाना किसी भी मालिक के लिए घाटे का ही सौदा होगा।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Wed, 02 Jun 2021 11:44 AM (IST)
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जम्मू-कश्मीर में ट्रांसपोर्टर 22 अप्रैल से हड़ताल पर चले गए थे
जम्मू, जागरण संवाददाता: करीब सवा महीने बाद बुधवार को जम्मू संभाग में यात्री वाहन सड़कों पर उतरे। करीब 90 प्रतिशत यात्री वाहनों को शत-प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की अनुमति के साथ सुबह मिनी बसें, बसें निकली तो जरूर लेकिन सवारियां बहुत कम ही दिखीं।

सुबह कामकाज जाने वालों को उस समय राहत मिली जब वे घर से निकले और उन्हें अपने गंतव्य तक जाने के लिए वाहन मिले। हालांकि घोषणा के विपरीत सुबह बहुत कम वाहन ही सड़कों पर दिखे। अधिकतर रूट्स पर मिनी बसें चली तो जरूर लेकिन इनकी संख्या कम ही रही। बताया गया कि सुबह सवारियां नहीं होने के चलते कई वाहन चालकों ने फिलहाल गाड़ी को बंद रखने का ही फैसला किया।

मंगलवार को आल जेएंडके ट्रांसपोर्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने घोषणा की थी कि आज बुधवार से 90 प्रतिशत वाहनों को शत-प्रतिशत सवारियों के साथ चलाया जाएगा। अलबत्ता उन्होंने यह भी कहा था कि सवारियां नहीं निकलेंगी तो सभी वाहनों को चला पाना मुश्किल होगा। हुआ भी ऐसा ही। बहुत कम वाहन ही सुबह सड़कों पर दिखे।

कोरोना संक्रमण से बचने के लिए लोग स्वयं भी जागरुक हैं और घरों से बिना वजह नहीं निकल रहे। सिर्फ वही लोग घरों से निकले जिन्हें कामकाज के लिए जाना था। चूंकि अभी चरणबद्ध तरीके से दुकानें, माल व अन्य व्यापारिक प्रतिष्ठान खुल रहे हैं तो आने-आने वालों की भी कमी है। सुबह त्रिकुटा नगर, गांधीनगर, गंग्याल, तालाब तिल्लो मार्ग पर मिनी बसें तो चलीं लेकिन सवारियां कम ही थीं।

वहीं एसोसिएशन के प्रधान विजय चिब का कहना है कि यात्री वाहनों को सड़कों पर उतारने के लिए कह दिया गया है। अब सवारियां निकलेंगी, तभी कामकाज सामान्य हो पाएगा। खाली वाहन सड़क पर दौड़ा पाना किसी भी मालिक के लिए घाटे का ही सौदा होगा। लिहाजा जैसे-जैसे सवारियां बढ़ेंगी, वाहनों की संख्या भी बढ़ती चली जाएगी। सभी रूट्स पर वाहनों को चलाने के लिए कह दिया गया है। सवारियां को मास्क पहन कर ही वाहनों में बैठना चाहिए ताकि कोरोना संक्रमण से बचा जा सके और भविष्य में भी ऐसे ही जिंदगी सामान्य होने की तरफ बढ़ती रहे।

यहां यह बताना गैर मुनासिब नहीं होगा कि जम्मू-कश्मीर में ट्रांसपोर्टर 22 अप्रैल से हड़ताल पर चले गए थे जब सरकार ने 50 प्रतिशत सवारियों के साथ वाहन चलाने के लिए कहा था। उसके बाद लॉकडाउन लग गया और कोई भी वाहन सड़कों पर नहीं उतरा। अलबत्ता जेकेएसआरटीसी की बसों को विभिन्न रूटों पर चलाया जा रहा था।  

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