Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

जम्मू रेलवे की वेंडिंग मशीनें नहीं उगल रहीं टिकटें, शोपीस बनकर रह गए उपकरण Jammu News

स्टेशन में लगी एक एटीवीएम मशीन की कीमत पैंतीस लाख रुपये है। यानी पांच मशीनों का मूल्य डेढ़ करोड़ है। इतनी महंगी मशीनें होने के बावजूद प्रयोग में नहीं लाया जा रहा।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Fri, 23 Aug 2019 12:38 PM (IST)
Hero Image
जम्मू रेलवे की वेंडिंग मशीनें नहीं उगल रहीं टिकटें, शोपीस बनकर रह गए उपकरण Jammu News

जम्मू, दिनेश महाजन। रेल यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने कई योजनाओं के साथ आधुनिक उपकरणों का प्रयोग शुरू किया लेकिन पर्याप्त रखरखाव न होने और कर्मचारियों में इच्छा शक्ति की कमी से यह उपकरण शोपीस बन कर रह गए हैं। जम्मू रेलवे स्टेशन पर अनारक्षित रेल टिकट खरीदने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए पांच आटोमेटिक टिकट वेंडिंग मशीनें (एटीवीएम) लगी हैं।

यात्रियों को इन मशीनों का प्रयोग कर उसमें से टिकट निकालना ही नहीं आ रहा है। यदि कोई यात्री टिकट लेना भी चाहे तो तकनीकी खराबी के कारण यह मशीनें अक्सर बंद रहती हैं। टिकट खिड़की पर यात्रियों की लंबी कतार लगी रहती है। जम्मू रेलवे स्टेशन पर सितंबर 2017 से अब तक पांच एटीवीएम मशीनें लगाई गई हैं। तीन मशीनें अनारक्षित श्रेणी के टिकट घर में लगाई गई हैं, दो मशीनें करंट टिकट बुकिंग काउंटर के पास लगी हैं। जम्मू रेलवे स्टेशन से हर रोज करीब 10 से 15 हजार यात्री विभिन्न ट्रेनों की अनारक्षित बोगियों में सफर करते हैं। इसके चलते अनारक्षित टिकट लेने वालों की भीड़ लगी रहती है। यात्रियों की सुविधा के लिए इन एटीवीएम मशीनों को लगाया गया था।

पैंतीस लाख की है एक एटीवीएम

स्टेशन में लगी एक एटीवीएम मशीन की कीमत पैंतीस लाख रुपये है। यानी पांच मशीनों का मूल्य डेढ़ करोड़ है। इतनी महंगी मशीनें होने के बावजूद प्रयोग में नहीं लाया जा रहा।

स्टेशन में बंद पड़ी हैं पीओएस मशीनें

टिकट आरक्षण केंद्र में प्लास्टिक करंसी को बढ़ावा देने को यात्रियों की सुविधा के लिए पीओएस एक वर्ष पूर्व लगाई गई थीं। इन दिनों मोबाइल इंटरनेट बंद होने से पीओएस मशीनें भी बंद हो गई हैं।

इंटरनेट बंद होने से आ रही दिक्कत

पांच अगस्त से जम्मू में मोबाइल इंटरनेट बंद होने से यूटीएस आन मोबाइल ऐप का प्रयोग कर रेल यात्री अनारक्षित टिकट हासिल नहीं कर पा रहे हैं। रेलवे काउंटर से अनारक्षित टिकट खरीदने के लिए यात्रियों को लंबी लाइनों में लगना पड़ता है। टिकट खरीदने के लिए खुले पैसों की समस्या का भी सामना करना पड़ता है। यूटीएस ऑन मोबाइल ऐप से टिकट बुक करते हैं तो समय की बचत के साथ-साथ धन की भी बचत होगी।

  • एटीवीएस से यात्रियों को टिकट बनाने में दिक्कत आती है। इस कारण टिकट बनाने के लिए निजी ठेकेदारों या सेवानिवृत्त रेल कर्मचारियों की एटीवीएम के प्रयोग में सेवाएं ली जा रही हैं। - राजीव सभ्रवाल, स्टेशन सुपरिटेंडेंट 
लोकल न्यूज़ का भरोसेमंद साथी!जागरण लोकल ऐपडाउनलोड करें