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Kathua Murder Case: पीड़ित परिवार को सुनवाई पठानकोट कोर्ट में शुरू होने का इंतजार, आरोपित शुभम व्यस्क करार

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कठुआ दुष्कर्म मामले में बच्ची के परिवार को इस मामले की सुनवाई पंजाब के पठानकोट कोर्ट में शुरू होने का इंतजार है। इस मामले के आरोपित शुभम सांगड़ा को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने व्यस्क करार दिया था।

By Jagran NewsEdited By: Vikas AbrolUpdated: Mon, 21 Nov 2022 06:32 AM (IST)
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सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब इस मामले की सुनवाई पठानकोट कोर्ट में की जानी चाहिए।

जागरण संवाददाता, जम्मू : सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कठुआ दुष्कर्म मामले में बच्ची के परिवार को इस मामले की सुनवाई पंजाब के पठानकोट कोर्ट में शुरू होने का इंतजार है। इस मामले के आरोपित शुभम सांगड़ा को हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने व्यस्क करार दिया था। इससे पूर्व शुभम को नाबालिग मान मामला चलाया जा रहा था। मौजूदा समय में शुभम कठुआ के बाल सुधार गृह में बंद है। अब उसे उसे जम्मू की जेल में भेजने की तैयारी की जा रही है।

पीड़ित पक्ष के वकील मोबीन फारूकी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद अब इस मामले की सुनवाई पठानकोट कोर्ट में की जानी चाहिए। ऐसा संभव नहीं है कि एक ही मामले की सुनवाई दो अलग कोर्ट में की जाए। वर्ष 2018 में कठुआ जिले के एक गांव में नाबालिग की हत्या और दुष्कर्म मामले में आरोपित को सुप्रीम कोर्ट के दो जजों वाली खंडपीठ द्वारा व्यस्क करार देते से इस मामले में नया मोड़ आ गया है।

आदेश में कहा था कि केवल स्कूल के प्रमाण पत्र के आधार पर आरोपित को नाबालिग करार नहीं दिया जा सकता। इससे पूर्व भी सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए इस मामले को कठुआ कोर्ट की बजाए पठानकोट कोर्ट में चलाने का निर्देश दिया था। उस समय जब जम्मू कश्मीर क्राइम ब्रांच मामले की चार्जशीट दायर करने कठुआ कोर्ट में आई थी तो उसमें वकीलों ने उन्हें काम नहीं करने दिया था।

पठानकोट कोर्ट ने मुख्य आरोपित सांझी राम, जम्मू कश्मीर पुलिस में स्पेशल पुलिस आफिसर (एसपीओ) दीपक खजूरिया और एक अन्य व्यक्ति प्रवेश कुमार को हत्या, अपहरण व दुष्कर्म जैसे संगीन आरोपों में सुबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोपी करार दिया था। कोर्ट ने तीन पुलिसकर्मियों सब इंस्पेक्टर आनंद दत्ता, हेड कांस्टेबल तिलक राज और एसपीओ सुरेंद्र कुमार को सबूतों से छेड़छाड़ करने का दोषी करार देते हुए पांच वर्ष की जेल और 50 हजार का जुर्माना देने का निर्देश दिए थे। तीनों पुलिस कर्मी मौजूदा समय में पैरोल पर जेल से बाहर हैं। इस मामले में विशाल जंगोत्रा जो सांझी राम का पुत्र हैं को आरोपों से मुक्त कर दिया था।