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Vijay Mashaal: विश्व के सबसे उंचे रेल पुल पर पहुंची विजय मशाल, अब रियासी में होंगे सम्मान कार्यक्रम

विजय मशाल ने जम्मू कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर से इस वर्ष 4 अप्रैल को प्रवेश किया था। करीब दो महीने तक कठुआ सांबा जम्मू राजौरी पुंछ जिलों के मिलिट्री स्टेशनों में कार्यक्रम के बाद अब रियासी में कार्यक्रम शुरू हो गए हैं।

By Rahul SharmaEdited By: Published: Tue, 08 Jun 2021 07:32 AM (IST)Updated: Tue, 08 Jun 2021 07:32 AM (IST)
अब कई दिन तक विजय मशाल रियासी में रहेगी।

जम्मू, राज्य ब्यूरो: वर्ष 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के स्वर्णिम विजय वर्ष में प्रदेश में आइ विजय मशाल जम्मू संभाग के रियासी जिले में विश्व के सबसे उंचे रेलवे पुल पर पहुंची।

जम्मू संभाग के कठुआ, सांबा, जम्मू, राजौरी व पुंछ जिलों के बाद विजय मशाल के रियासी जिले में पहुंचने पर जाेरदार स्वागत हुआ। विजय मशाल को रियासी में स्थानीय सैन्य बटालियन के कमान अधिकारी ने स्वीकार किया। इसके बाद विजय मशाल को जिले के बकल गांव में बने दुनिया के सबसे उंचे पुल के पास ले जाया गया। इस मौके पर आयोजित कि गए कार्यक्रम में वर्ष 1971 के शहीदो को श्रद्धांजलि दी गई।

रियासी जिले के डिप्टी कमिश्नर के साथ जिले के एसएसपी ने भी शहीदो को सलामी दी। कार्यक्रम के दौरान 1971 के युद्ध में हिस्सा लेने वाले पूर्व सैनिकों के साथ वीर नारियों को भी सम्मानित किया गया। अब कई दिन तक विजय मशाल रियासी में रहेगी। इस दौरान शहीदों के सम्मान में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा।

विजय मशाल ने जम्मू कश्मीर के प्रवेशद्वार लखनपुर से इस वर्ष 4 अप्रैल को प्रवेश किया था। करीब दो महीने तक कठुआ, सांबा, जम्मू, राजौरी, पुंछ जिलों के मिलिट्री स्टेशनों में कार्यक्रम के बाद अब रियासी में कार्यक्रम शुरू हो गए हैं। कोरोना से उपजे हालात में अब विजय मशाल के सम्मान में बड़े पैमाने पर कार्यक्रम नही हो रहे हैं। ऐसे हालात में अब रियासी के बाद अब विजय मशाल उधमपुर जिले में ले जाई जाएगी। विजय मशाल सेना की उत्तरी कमान में जम्मू कश्मीर के साथ लद्दाख के लेह व कारगिल जिलों में भी जाएगी।


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