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'अनुच्छेद 370 की वापसी चाहते हैं, BJP से नहीं कोई उम्मीद', गुलाम नबी आजाद बोले- पार्टियां कर रहीं लोगों को गुमराह

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के अंतिम दिन आज रविवार को गुलाम नबी आजाद ने जम्मू में जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने अनुच्छेद 370 को वापस लाने की संभावनाओं राजनीतिक दलों के विभाजनकारी मंसूबों और विकास के महत्व पर चर्चा की। आजाद ने लोगों से विकास और खुशहाली के लिए मतदान करने का आग्रह किया। सभी से अधिक से अधिक वोट करने की अपील की है।

By satnam singh Edited By: Sushil Kumar Updated: Sun, 29 Sep 2024 08:41 PM (IST)
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Jammu Kashmir Election 2024: अनुच्छेद 370 की वापसी चाहते हैं, लेकिन BJP से उम्मीद नहीं, बोले गुलाम नबी आजाद
राज्य ब्यूरो, जम्मू। डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के चेयरमैन और पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने कहा कि विधानसभा के जरिए अनुच्छेद 370 को वापस लाना संभव नहीं है, लेकिन हम एक ऐसा कानून बना सकते हैं जिसमें बाहरी राज्यों के लोग जमीन ना खरीद सके और अपनी भूमि और नौकरियों के अधिकार सुरक्षित रख सके।

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को वापस लाने का वायदा देकर राजनीतिक पार्टियां लोगों को गुमराह कर रही हैं।यह जमीनी सतह पर हकीकत नहीं है। उन्होंने कहा कि हम सभी अनुच्छेद 370 को वापस लाना चाहते हैं, लेकिन भाजपा से यह उम्मीद नहीं की जा सकती।

कांग्रेस भी इस मुद्दे पर बोलने में नाकाम रही है। लोगों के बीच आपकी भाईचारे और एकता पर जोर देते हुए उन्होंने लोगों से विकास और खुशहाली के लिए मतदान करने के लिए कहा।

अपने शासन काल को किया याद

जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव के तीसरे चरण के चुनाव के अंतिम दिन आज रविवार को आजाद ने जम्मू में जनसभाओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि पिछले कई सालों से राजनीतिक पार्टियां विभाजन के मंसूबे पर काम कर रही है, इससे विवाद बढ़ता है।

उन्होंने कहा कि आपसी भाईचारे से ही तरक्की को हासिल किया जा सकता है। अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल का जिक्र करते हुए कहा कि थोड़े समय के शासन के दौरान ही उन्होंने विकास को तेज गति दी थी।

'मैं लोगों को गुमराह नहीं करता'

उन्होंने कहा कि कई प्रोजेक्ट जो उनके समय में मंजूर किए गए थे, अभी तक अधूरे हैं उन्होंने कहा कि मैं लोगों को गुमराह नहीं करता या धोखा नहीं देता। उन्होंने कहा कि लोग खोखले वादों से तंग आ चुके हैं, हमें युवाओं के रोजगार पर ध्यान देना चाहिए।

सांबा हो या गांधीनगर या बक्शी नगर लोग सांप्रदायिक सौहार्द चाहते हैं। यह हमारा डोगरा संस्कृति का हिस्सा है और हमें एकता के साथ काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम रोशनी योजना को बहाल करेंगे।

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