Jammu News: जम्मू कश्मीर की आर्थिक स्थिति बदलेगा सफेद सोना, फरवरी में रियासी में मिला था 59 लाख टन का लीथियम भंडार
Jammu kashmir News के रियासी में मिले लीथियम के खनिज भंडार जल्द घाटी की आर्थिक स्थिति को और गति देगा। रियासी में सलाल और उसके साथ सटे क्षेत्रों में इसी साल फरवरी में 59 लाख टन लीथियम का भंडार मिला था। बता दें कि लीथियम का प्रयोग मुख्यत इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के रूप में होता है। भारत में लीथियम आयन बैटरी का 96 प्रतिशत आयात चीन-हांगकांग से होता है।
जम्मू, राज्य ब्यूरो। जम्मू कश्मीर के रियासी में मिले लीथियम के खनिज भंडार (Jammu Kashmir lithium reserves) जल्द जम्मू कश्मीर की आर्थिकी को गति देगा। केंद्र सरकार द्वारा बुधवार को खनिज ब्लॉक की नीलामी शुरू करने के एलान के बाद इन ब्लॉक पर असमंजस की स्थिति दूर हो गई है। लीथियम को सफेद सोना भी कहा जाता है।
रियासी में सलाल और उसके साथ सटे क्षेत्रों में इसी साल फरवरी में 59 लाख टन लीथियम का भंडार मिला था। बता दें कि लीथियम का प्रयोग मुख्यत: इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी के रूप में होता है।
लीथियम बैटरी का प्रयोग कई चिकित्सा उपकरणों और मोबाइल व लैपटाप में भी होता है। इस समय देश में इस महत्वपूर्ण खनिज की काफी मांग है और आम तौर पर इसे चीन, आस्ट्रेलिया और अर्जेंटिना से आयात किया जाता है।
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प्रदेश सरकार का खजाना भरेगा लीथियम
जम्मू कश्मीर जियोलाजी एंड माइनिंग विभाग के एक अधिकारी के अनुसार, प्रदेश में उपलब्ध लीथियम के भंडार का सिर्फ 10 प्रतिशत छह-सात करोड़ इलेक्ट्रिक वाहनों की बैटरी की जरूरत पूरी कर देगा। मौजूदा परिस्थितियों में भारत में लीथियम आयन बैटरी का 96 प्रतिशत आयात चीन और हांगकांग से होता है।
भारत को हर वर्ष नौ हजार करोड़ रुपये इसके लिए खर्च करने पड़ते हैं। आने वाला समय इलेक्ट्रिक वाहनों का है, ऐसे में लीथियम की उपलब्धता भारत को इलेक्ट्रिक बैटरी के मामले में पूरी तरह से आत्मनिर्भर बनाएगी। ऐसे में लीथियम केंद्र सरकार के साथ जम्मू कश्मीर सरकार का भी खाजाना भरेगा।
देसी-विदेशी निवेश के साथ रोजगार भी बढ़ेगा
प्रदेश में लीथियम की नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने का मतलब जम्मू कश्मीर में बड़े पैमाने पर निवेश है। यह निवेश इस पूरे क्षेत्र विशेषकर जम्मू संभाग की आर्थिक तस्वीर बदल देगा। उन्होंने कहा कि लीथियम के खनन की प्रक्रिया यहां सैकड़ों लोगों को प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रोजगार देगी।
इसके अलावा यह यहां बुनियादी ढांचागत सुविधाओं के विकास को भी गति मिलेगी। रियासी जिला जो आर्थिकी व सामाजिक रूप से पिछड़ा है, तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर होगा।
स्थापित होंगे कई नये उद्योग
आर्थिक मामलों के जानकार डा. गोपाल पार्थासारथी ने कहा कि लीथियम को जब जमीन से निकाला जाएगा तो उसके लिए एक बुनियादी ढांचा विकसित होगा। उसके साथ कई अन्य उद्योग भी स्थापित होंगे। इलेक्ट्रिक वाहनों को तैयार करने वाली या उनके लिए विभिन्न उपकरण तैयार करने वाली फैक्ट्रियां भी खुल सकती हैं।
क्योंकि उन्हें कच्चा माल यही पर मिल रहा होगा। जम्मू कश्मीर जो आज निवेश के मामले में आगे बढ़ रहा है, एकदम से रफ्तार पकड़ेगा, क्योंकि भविष्य के वाहनों को चलाने का साधन यहीं पर होगा।
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