J&K Election: आयोग की अनुमति के बिना कार्यालय खोलना तो दूर रैली तक नहीं कर पाएंगे प्रत्याशी, हर खर्च पर रहेगी पैनी नजर
जम्मू कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव (Jammu Kashmir Vidhan Sabha Chunav 2024) में प्रत्याशियों के हर खर्च पर चुनाव आयोग की पैनी नजर रहेगी। कोई भी प्रत्याशी चुनाव आयोग की अनुमति के बिना कोई रैली भी नहीं कर सकता है। जम्मू कश्मीर में 18 सितंबर को सात जिलों की 24 विस सीटों पर मतदान होगा। आयोग ने मतदाता संबंधी जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1950 जारी किया है।
जागरण संवाददाता, जम्मू। निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों पर निगरानी रखने के लिए न सिर्फ तंत्र विकसित किया है बल्कि कई तरह के नियम कायदे भी लागू किए हैं।
इसी नियम के अनुसार चुनावी मैदान में उतरने वाला प्रत्याशी बिना आयोग की अनुमति के न तो पार्टी कार्यालय खोल सकता है और न विशाल रैली कर सकता है। यही नहीं प्रचार-प्रसार के दौरान इस्तेमाल होने वाली हरेक चीज का खर्च प्रत्याशी के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा।
पहले चरण में 24 सीटों पर होगा चुनाव
प्रदेश में तीन चरणों में करवाए जाने वाले विधानसभा चुनाव की तिथियों का ऐलान होने के बाद चुनावी सरगर्मियां तेज हो गई हैं। जारी तिथियों के अनुसार पहले चरण यानी 18 सितंबर को प्रदेश के सात जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। चुनाव को लेकर निर्वाचन आयोग ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है।चुनाव कार्यालय खोलने के लिए अनुमति जरूरी
राजनीति दल या उनके उम्मीदवारों को चुनाव कार्यालय खोलने से पहले चुनाव आयोग से अनुमति लेनी होगी। यही नहीं लाउडस्पीकर का प्रयोग भी जिला प्रशासन की अनुमति से उचित ध्वनि नियंत्रण के तहत निर्धारित समयावधि में किया जा सकता है।
किसी प्रकार की चुनाव व मतदाता संबंधी जानकारी के लिए टोल फ्री नंबर 1950 जारी किया। डीसी जम्मू सचिन कुमार वैश्य ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे अपने-अपने विभाग से संबंधित सरकार की उपलब्धियां प्रदर्शित करने वाली होल्डिंग, बैनर व पोस्टर तुरंत प्रभाव से हटवाकर जिला प्रशासन को रिपोर्ट दें।
चुनावी खर्च पर भी रहेगी पूरी नजर
चुनाव में प्रचार-प्रसार के दौरान प्रत्याशी जिन भी चीजों का इस्तेमाल करेंगे, उन सबका हिसाब भी रखा जाएगा। वह प्रत्याशियों के चुनावी खर्च में जोड़ा जाएगा। बहुत जल्द निर्वाचन आयोग जिलेवार स्टैंडर्ड रेट लिस्ट जारी करने जा रहा है।
प्रदेश के मैदानी क्षेत्रों व पहाड़ी इलाकों को ध्यान में रखकर ये रेट लिस्ट जारी की जाएगी। चुनाव आयोग से मिली जानकारी के अनुसार एक चाय के कप से लेकर खाने की डिस्पोजल थाली का हिसाब भी चुनाव खर्चे में देना होगा।
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