Move to Jagran APP
5/5शेष फ्री लेख

Jammu News: कश्मीर में भ्रष्टाचार के मामले में महिला कर्मी सेवा मुक्त, पेंशन और भत्ते भी नहीं मिलेंगे

जम्मू-कश्मीर में सरकारी तंत्र को भ्रष्ट तत्वों से मुक्त बनाने के अपने अभियान को जारी रखते हुए प्रदेश सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधान परिषद की वाच एंड वार्ड महिला कर्मी रूकैया अख्तर को सेवा मुक्त कर दिया है। सेवा मुक्त किए जाने के बाद वह पेंशन व अन्य भत्तों के लाभ से भी वंचित रहेगी।

By Jagran NewsEdited By: Jeet KumarUpdated: Tue, 10 Oct 2023 05:30 AM (IST)
Hero Image
कश्मीर में भ्रष्टाचार के मामले में महिला कर्मी सेवा मुक्त, नहीं मिलेगी पेंशन और भत्ते

राज्य ब्यूरो, श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में सरकारी तंत्र को भ्रष्ट तत्वों से मुक्त बनाने के अपने अभियान को जारी रखते हुए प्रदेश सरकार ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर विधान परिषद की वाच एंड वार्ड महिला कर्मी रूकैया अख्तर को सेवा मुक्त कर दिया है। उसे पेंशन व अन्य लाभ भी नहीं मिलेंगे। पांच अगस्त, 2019 से पहले के जम्मू-कश्मीर राज्य में विधानमंडल के दो सदन विधानसभा और विधानपरिषद होते थे।

रूकैया अख्तर दो वर्ष से महाधिवक्ता कार्यालय में तैनात थी

जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम के तहत गठित केंद्र शासित जम्मू कश्मीर प्रदेश में विधानपरिषद की व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया है। इसका अधिकांश स्टाफ विधानसभा, कानून न्याय एवं संसदीय मामले विभाग में समायोजित किया गया है। रूकैया अख्तर दो वर्ष से महाधिवक्ता कार्यालय में तैनात थी।

संबंधित अधिकारियों ने बताया कि उसने महाधिवक्ता कार्यालय में अपनी नियुक्ति का अनुचित लाभ उठाते हुए फर्जी नियुक्तिपत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया था। इसके आधार पर उसने कई इच्छुक अभ्यथियों को नौकरी दिलाने के नाम पर ठगा और उसने अपने खाते में बड़ी रकम भी प्राप्त की। इस मामले की शिकायत मिलने पर तत्काल जांच की गई और रूकैया अख्तर की भूमिका का पता चला।

यह भी पढ़ें- J&K में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर केंद्रीय मंत्री मीनाक्षी लेखी का दावा, कहा- अच्छा प्रदर्शन करेगी भाजपा

सभी आरोपों की जांच शुरू की गई

रूकैया को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर उसके खिलाफ सभी आरोपों की जांच शुरू की गई। जांच अधिकारी ने उसके खिलाफ सभी आरोपों की पुष्टि करते अपनी रिपोर्ट मे बताया कि उसके खिलाफ वह सभी साक्ष्य उपलब्ध हैं जो उसे भ्रष्टाचार में लिप्त बताते हैं।

यह भी पढ़ें- इजराइल-फलस्तीन युद्ध पर उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने जताई चिंता, कहा- 'निर्दोष लोग ही होते पीड़ित'

पेंशन व अन्य भत्तों के लाभ से भी वंचित रहेगी

सभी तथ्यों और मामले की संवेदनशीलता का संज्ञान लेते हुए उसे जम्मू-कश्मीर नागरिक सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1956 के उपनियम -30 के प्रविधान सात के तहत उसे सेवामुक्त किया गया है। वह जम्मू-कश्मीर सरकारी कर्मचारी आचार संहिता नियम 1971 के उल्लंघन की दोषी ठहराई गई है। सेवा मुक्त किए जाने के बाद वह पेंशन व अन्य भत्तों के लाभ से भी वंचित रहेगी।

आपके शहर की तथ्यपूर्ण खबरें अब आपके मोबाइल पर