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जम्मू कश्मीर विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल लोकसभा में पास, अब राज्यसभा में किया जाएगा पेश

Women Reservation Bill इस विधेयक का उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश में कानून बनाने की प्रक्रिया में महिलाओं का प्रतिनिधित्व और सहभागिता बढ़ाना है। केंद्र शासित प्रदेश सरकार संशोधन विधेयक 2023 में पुद्दुचेरी विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का प्रविधान है। यह दोनों विधेयक महिला आरक्षण के कानून को पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर की विधानसभाओं तक विस्तारित करेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Mohammad SameerUpdated: Wed, 13 Dec 2023 05:00 AM (IST)
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विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण का बिल लोकसभा में पास (file photo)

जागरण न्यूज नेटवर्क, नई दिल्ली/जम्मू। जम्मू कश्मीर और पुडुचेरी विधानसभा में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण देने वाला विधेयक मंगलवार को लोकसभा ने पास कर दिया। अब इसे राज्यसभा में रखा जाएगा। वहां से पास होने के बाद और राष्ट्रपति की मुहर लगने के यह कानून बन जाएगा और जम्मू कश्मीर की महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का रास्ता साफ हो जाएगा।

केंद्र गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा ने जम्‍मू-कश्मीर पुनर्गठन दूसरा संशोधन विधेयक 2023 और केंद्रशासित प्रदेश सरकार संशोधन विधेयक पारित कर दिया है। जम्‍मू-कश्मीर पुनर्गठन द्वितीय संशोधन विधेयक 2023 में जम्‍मू-कश्मीर विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का प्रविधान है।

इसका उद्देश्य केंद्र शासित प्रदेश में कानून बनाने की प्रक्रिया में महिलाओं का प्रतिनिधित्व और सहभागिता बढाना है। केंद्रशासित प्रदेश सरकार संशोधन विधेयक 2023 में पुद्दुचेरी विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित करने का प्रविधान है। यह दोनों विधेयक महिला आरक्षण के कानून को पुडुचेरी और जम्मू-कश्मीर की विधानसभाओं तक विस्तारित करेंगे।

विधेयक पर बहस का जवाब देते हुए गृह राज्‍य मंत्री नित्‍यानंद राय ने कहा कि दोनों विधेयक समानता और महिलाओं के लिए अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में नरेन्‍द्र मोदी सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाते हैं। उन्होंने कहा कि केंद्रशासित प्रदेशों में महिलाओं के लिए आरक्षण के वास्ते विधेयक लाकर मोदी सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया है कि महिलाओं को सत्ता के गलियारे में उचित स्थान मिले।

इससे पूर्व जम्मू से भाजपा सांसद जुगल किशोर शर्मा भी बहस में शामिल हुए और उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार ने महिलाओं के कल्‍याण के लिए अनेक कदम उठाए हैं। कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने विधेयक का समर्थन किया। हालांकि उनका यह भी कहना था कि जम्‍मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव जल्‍द करवाए जाएं। तृणमूल कांग्रेस के प्रोफेसर सौगत राय ने जम्‍मू-कश्मीर में सरकार की नीतियों की आलोचना की।

कांग्रेस सरकारों ने छीन लिए थे महिलाओं के अधिकार

विपक्ष पर निशाना साधते हुए नित्यानंद राय ने कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने महिलाओं के अधिकार छीन लिए थे। उन्हें कभी भी आगे बढ़ने के पर्याप्त अवसर नहीं दिए गए और उनके साथ अन्याय किया गया। उन्होंने कहा कि पुडुचेरी में पहली बार लैंगिक बजट के लिए 1332 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया।

साथ ही पुलिस, अग्निशमन सेवाओं और स्थानीय सेवाओं में महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शासनकाल में महिलाओं को सम्मान और सही अवसर मिला है। महिलाएं अपने ज्ञान और प्रतिभा के दम पर नए कीर्तिमान बना रही हैं।

हाल ही में संसद ने महिला आरक्षण विधेयक 2023 (128वां संविधान संशोधन विधेयक) अथवा नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित कर दिया। यह विधेयक लोकसभा, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं के लिये एक-तिहाई सीटें आरक्षित करता है। यह लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा। अब जम्मू कश्मीर पुनर्गठन दूसरा संशोधन विधेयक पास होने से यहां भी महिलाओं के लिए आरक्षण लागू हो पाएगा।

जम्मू कश्मीर पुर्नगठन संशोधन विधेयक हो चुका है संसद से पास

इससे पूर्व जम्मू कश्मीर पुनर्गठन संशोधन विधेयक संसद के दोनों सदनों से पास हो चुका है। इसके तहत जम्मू कश्मीर विधानसभा में कश्मीरी हिंदुओं के लिए दो और गुलाम जम्मू कश्मीर के विस्थापितों के लिए एक पद नामित करने का प्रस्ताव है। पहली बार केंद्र सरकार कश्मीरी हिंदुओं और गुलाम कश्मीर के विस्थापितों के लिए विधानसभा में प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने का यह प्रस्ताव लेकर आई है। इससे विधानसभा में अब दशकों से अधिकारों से वंचित रहे समाज की आवाज भी गूंजेगी।

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