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Women Reservation Bill: अब नारियाँ लिखेंगी जम्मू कश्मीर की तकदीर, 30 महिला विधायक करेंगी विधानसभा में नेतृत्व

अब जम्मू कश्मीर की तकदीर सीधे प्रदेश की महिलाओं के हाथ में होगी। अब तक बमुश्किल दो से तीन महिलाएं ही चुनकर विधानसभा पहुंच पाती थी अब 90 में से कम से कम 30 महिला विधायक होंगी। जम्मू कश्मीर की महिलाओं को 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने वाला जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक हंगामे के बीच सोमवार को राज्यसभा में पास हो गया।

By Jagran NewsEdited By: Paras PandeyUpdated: Tue, 19 Dec 2023 03:30 AM (IST)
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राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही बनेगा कानून

जागरण टीम, नई दिल्ली/जम्मू। अब जम्मू कश्मीर की तकदीर सीधे प्रदेश की महिलाओं के हाथ में होगी। अब तक बमुश्किल दो से तीन महिलाएं ही चुनकर विधानसभा पहुंच पाती थी, अब 90 में से कम से कम 30 महिला विधायक होंगी। जम्मू कश्मीर की महिलाओं को 33 प्रतिशत प्रतिनिधित्व देने वाला जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक हंगामे के बीच सोमवार को राज्यसभा में पास हो गया।

इससे पूर्व पिछले सप्ताह यह बिल लोकसभा में पास हो चुका है। अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही यह बिल कानून बन जाएगा। स्पष्ट है कि यह कानून लागू होने के बाद महिलाएं चूल्हे चौका छोड़ विधानसभा में जम्मू कश्मीर की नीतियों का निर्धारण करती दिखेंगी। इस बिल में अनुसूचित जाति और जनजाति के आरक्षण में भी महिलाओं की भागेदारी सुनिश्चित होगी। 

अब कम से कम 30 महिलाएं विधानसभा में होंगी जम्मू कश्मीर

जम्मू कश्मीर जैसे राज्य के लिए यह बिल काफी अहम है, क्योंकि यहां राजनीति में महिलाओं की भागेदारी काफी कम रही है। सोमवार को भी संसद की सुरक्षा को लेकर विपक्षी दलों का हंगामा जारी रहा। इसी बीच हंगामे के बीच दोपहर बाद केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक 2023 और संघ राज्यक्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023 राज्यसभा में पेश किया।

इससे पुड्डुचेरी विधानसभा में भी महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रस्ताव किया गया है। इससे पहले भाजपा सांसदों ने हंगामे के बीच अपनी बात रखते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर में आदिवासी, एससी-एसटी महिलाओं को आरक्षण प्रदान करने की व्यवस्था की है।

तेज हंगामे और विपक्ष की नारेबाजी के बीच ध्वनि मत से राज्यसभा में सोमवार को बिल पारित कर दिया गया। 30 वर्ष में कभी तीन से अधिक नहीं रही महिला विधायक जम्मू कश्मीर में 83 सीटों पर चुनाव होते थे पर पिछले तीस वर्षों में महिलाओं की भागेदारी नगण्य ही रही।

पुनर्गठन दूसरा संशोधन विधेयक राज्यसभा में भी हुआ पास राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होते ही बनेगा कानून 

सभी दल महिलाओं के सशक्तीकरण की बात बहुत करते रहे पर महिलाओं को प्रतिनिधित्व देने में लगातार कंजूसी बरतते दिखे। इस दौरान हर बार दो से तीन महिला विधायक ही विधानसभा पहुंच पाईं। परिसीमन के बाद 90 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसके अलावा 24 सीटें गुलाम कश्मीर के लिए खाली रखी जाएंगी।

इन 90 सीटों पर कम से कम 30 महिलाओं का चुनकर आना लाजिमी है। 1996 महिला विधायकों की संख्या दो 2002 महिला विधायकों की संख्या दो 2008 महिला विधायकों की संख्या तीन 2014 महिला विधायकों की संख्या दो मुफ्ती मोहम्मद सईद के निधन के बाद महबूबा मुफ्ती चुनकर आईं और महिला विधायकों की संख्या फिर तीन हो गई। 

कैसे बदलेगी तस्वीर महिलाओं के लिए आरक्षण का कानून लागू होने के बाद विधानसभा का स्वरूप बदला नजर आएगा और महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर खुलकर चर्चा होगी। राजनीतिक सशक्तीकरण के साथ ही समाज में भी महिलाओं की स्थिति सुधरेगी और समाज में बदलाव दिखेगा।

महिलाओं का राजनीतिक दलों में प्रतिनिधित्व भी बढ़ेगा और नीति निर्धारण में महिलाओं की आवाज अधिक सुनी जाएगी। यह है कानून में जम्मू कश्मीर पुनर्गठन विधेयक केंद्रशासित प्रदेश जम्मू कश्मीर और लद्दाख के लिए बने जम्मू कश्मीर पुनर्गठन कानून में संशोधन का प्रस्ताव है।

इसके तहत जम्मू कश्मीर विधानसभा में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीटों के आरक्षण का प्रविधान है। यह आरक्षण अनुसूचित जाति ओर जनजाति के लिए आरक्षित सीटों पर भी लागू होगा। संसद के दोनों सदनों में यह बिल पास हो चुका है। बिल पर मुहर लगने के बाद जनगणना पूरी होने के बाद ही यह कानून लागू होगा। इस जनगणना के आधार पर महिलाओं के लिए आरक्षित सीटों का परिसीमन होगा। प्रत्येक परिसीमन के बाद महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें बदली जाएंगी।