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एलेक्सा-गूगल हैडफोन व ईयर बड्स का इस्तेमाल कर टेक्नोलॉजी का लुत्फ उठा रहे युवा

एलेक्सा ने बाजार में जो हैडफोन उतारा है वो वर्चुअल असिस्टेंस डिवाइस की तरह काम करता है जिसे अमेजन ने डेवलेप किया है।

By Rahul SharmaEdited By: Updated: Thu, 16 Jan 2020 12:36 PM (IST)
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एलेक्सा-गूगल हैडफोन व ईयर बड्स का इस्तेमाल कर टेक्नोलॉजी का लुत्फ उठा रहे युवा
जम्मू, जागरण संवाददाता। महज कुछ साल पहले दुनिया में दस्तक देने वाले आवाज से नियंत्रित डिजिटल असिस्टेंट एलेक्सा व गूगल की हमारे घरों में पैठ बढ़ती जा रही है। सिर्फ आपकी आवाज पर ये असिस्टेंट टीवी का चैनल बदलने से लेकर आपका पंसदीदा गाना तक चला देते हैं। जरूरत पड़ने पर फोन भी कर सकते हैं। जब यह टेक्नोलॉजी आई तो काफी लोगों ने इस सुविधा को अपनाया और अब इस टेक्नोलॉजी का नया वर्जन बाजार में आते ही युवा इसके दीवाने को रहे हैं। टेक्नोलॉजी ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ईजाद कर बाजार में पर्सनल डिजिटल असिस्टेंट जैसे गूगल असिस्टेंट, अमेजन एलेक्सा, एप्पल सीरी, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्टना जैसे डिवाइस बाजार में उतारे।

इंटरनेट से संचालित इन डिवाइस को पहले आप घर या आफिस में रखकर इस्तेमाल कर सकते थे लेकिन अब इन कंपनीज ने आन-मूव इस सुविधा का लाभ पहुंचाने के लिए हैडफोन व ईयर बड्स में इस टेक्नोलॉजी को पेश किया है। हालांकि जम्मू में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बंद होने के कारण लोग इसका पूरा फायदा नहीं उठा पा रहे लेकिन ब्राडबैंड का इस्तेमाल करने वाले युवा इन दिनों एलेक्सा-गूगल हैडफोन व ईयर बड्स का इस्तेमाल कर टेक्नोलॉजी का लुत्फ उठा रहे हैं।

एलेक्सा ने बाजार में जो हैडफोन उतारा है वो वर्चुअल असिस्टेंस डिवाइस की तरह काम करता है, जिसे अमेजन ने डेवलेप किया है। यह डिवाइस वॉइस इंटरेक्शन यानी आपके साथ बातचीत करने, म्यूजिक प्ले करने, प्लान शेड्यूल करने में सक्षम है। इसके अलावा यह आपकी आवाज पर मौसम, ट्रैफिक, स्पोर्ट्स स्कोर, ब्रेकिंग न्यूज जैसी रियल टाइम इंफोर्मेशन देता है। इसके अलावा एलेक्सा खुद को होम ऑटोमेशन सिस्टम की तरह इस्तेमाल कर कई स्मार्ट डिवाइसेज को भी कंट्रोल कर सकता है। यहीं कारण है कि युवा इन दिनों हैडफोन लगाकर इन सभी सुविधाओं का लुत्फ उठा रहे हैं। यह हैडफोन एक स्मार्ट डिवाइस की तरह काम करता है और एलेक्सा बोलते ही एक्टिव हो जाता है। इसके बाद यह वाइॅस कमांड के आधार पर काम करता है। इसी तर्ज पर गूगल व अन्य कंपनियों के हैडफोन व ईयर बड्स भी काम करते है। यहीं कारण है कि टेक्नोलॉजी के दीवाने इसके तरफ आकर्षित हो रहे हैं।

पहले जो लोग ब्लू टुथ हैडफोन इस्तेमाल करते थे, उन्हें फोन से कमांड करना पड़ता था लेकिन अब उन्हें हैडफोन में ही स्मार्ट फोन की सुविधाएं मिल रही है जो इसकी बढ़ती लोकप्रियता का मुख्य कारण भी है।

इन तमाम सुविधाओं के बीच डाक्टर इसके सीमित इस्तेमाल पर भी बल देते हैं। ईएनटी विशेषज्ञ डॉक्टर राजीव भगत के अनुसार इनके अधिक इस्तेमाल से व्यक्ति की सुनने की क्षमता कम होती है। यह उपकरण चूंकि किरणों से संचालित होते हैं, लिहाजा छोटे बच्चों व बुजुर्गाें पर इनका अधिक बुरा असर पड़ सकता है। लिहाजा इनका उतना ही इस्तेमाल किया जाना चाहिए, जितना जरूरी हो। राजीव भगत के अनुसार वह तो केवल केबल से चलने वाले हैडफोन या ईयर बड्स का सीमित इस्तेमाल करने की ही सलाह देते हैं।

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