Kathua Terror Attack: रात भर पूरे गांव में रहा दहशत का माहौल, दवा विक्रेता की हत्या से भी जोड़ा जा रहा मामला
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में आतंकियों ने सैडा सोहाल गांव में हमला कर दिया। इस हमले के बाद सुरक्षाबलों ने मौके पर मोर्चा संभाला और दो आतंकी ढेर हो गए। ऐसे में उक्त वारदात को अंजाम देने की सुइयां भी उधर जाने लगी हैं क्योंकि जिस क्षेत्र में दवा विक्रेता की हत्या को अंजाम दिया गया है। वहीं इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ का एक जवान भी शहीद हो गया है।
जागरण संवाददाता, कठुआ। पिछले कुछ दिनों से जिला कठुआ में आतंकियों की दिख रही संदिग्ध गतिविधियों के बीच सैडा सोहाल गांव में मंगलवार जिस तरह से आतंकियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराकर क्षेत्र में दहशत का माहौल बना दिया है, उससे अब आने वाले समय में कठुआ जिला कोई भी क्षेत्र सुरक्षित नहीं रहा है, क्योंकि पिछले कुछ समय से जिले में अलग-अलग स्थानों पर संदिग्ध गतिविधियां स्थानीय लोग देख रहे हैं। ऐसे में अब जहां पर दोबारा आतंकियों की गतिविधियों से लोग सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं।
सैडा सोहाल गांव में रात भर रही दहशत
कब कहां आतंकी दिख जाए और हमला बोल दें ये कोई गारंटी नहीं रही, जब एक शांत गांव सैडा सोहाल में घुस कर अपनी वारदात को अंजाम देने में सफल हो सकते हैं तो कहीं भी आतंकी घटना हो सकती है, जिले में पिछले माह से संदिग्ध आतंकी गतिविधि बनी, जुथाना, लखनपुर और हीरानगर में देखी गई, जबकि गत दिवस मेला में दवा विक्रेता की हत्या भी इसी से जोड़ कर देखा जाने लगा है, क्योंकि गला रेतने वाली जघन्य वारदात पशु तस्करों की बजाय कुख्यात आतंकी ही करते हैं, तस्कर कभी अपने सुरक्षित तस्करी मार्ग में ऐसी घटना को अंजाम नहीं देते हैं, वो अवैध धंधे को ऐसी खतरनाक हरकत करके जहां अपने रास्ते में सुरक्षा का पहरा नहीं लगाते हैं।
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दवा विक्रेता की हत्या से भी जोड़ा जा रहा मामला
ऐसे में उक्त वारदात को अंजाम देने की सुइयां भी उधर जाने लगी हैं क्योंकि जिस क्षेत्र में दवा विक्रेता की हत्या को अंजाम दिया गया है। उसी क्षेत्र से ही सैडा सोहाल यानि सुंखल को जंगलों से होकर रास्ता जाता है, ऐसे में हो सकता हो कि एक दिन वहां पर वारदात को अंजाम देने के बाद वहां से होकर बिलावर, ऊधमपुर की पहाड़ियों का ओर जा रहे होंगे, खाने का सामान खत्म होने पर गांव में घुसकर मांगने के लिए पहुंचे लेकिन गांव वासी उनकी हरकत को भांप गए, जैसे बनी और जुथाना में भी भांप गए थे लेकिन जहां भी गांव वासियों ने उनसे किसी तरह से बचाव करना चाहा और सफल रहे। इससे आतंकी घेरे में आ गए।
बता दें कि जिस मार्ग को आतंकियों ने चुना है,उसके कुछ किलोमीटर की दूरी पर आईटीवीपी का मुख्यालय है और दूसरी ओर सीआरपीएफ का ग्रुप सेंटर है।ऐसे में सुरक्षा के लिहाज से सबसे महत्वपूर्ण क्षेत्र में आतंकियों द्वारा संदिग्ध घूमना बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक भी हो सकती है।
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