भड्डू और नगरोटा गुजरू की टीम का फाइनल में प्रवेश
संवाद सहयोगी रामकोट भारतीय सेना की ओर से हायर सेकेंडरी स्कूल दरुंग में सद्भावना योजना क
संवाद सहयोगी, रामकोट : भारतीय सेना की ओर से हायर सेकेंडरी स्कूल दरुंग में सद्भावना योजना कार्यक्रम के तहत इंटर स्कूल वालीबाल प्रतियोगिता में हायर सेकेंडरी स्कूल दरूंग के अलावा हायर सेकेंडरी स्कूल रामकोट, नगरोटा गुजरू, कोहग, भड्डू, पल्लन, बिलावर, मल्हार आदि 8 हायर सेकेंडरी स्कूलों की टीमों ने भाग लिया। वीरवार को सेमीफाइनल मुकाबले खेले गए। इसमें हायर सेकेंडरी स्कूल रामकोट का मुकाबला हायर सेकेंडरी स्कूल भड्डू की टीम के साथ हुआ। रामकोट की टीम ने भड्डू टीम से बेस्ट आफ थ्री मुकाबले में पहले दोनों सेट आसानी से जीत कर फाइनल में जगह बना ली। वहीं, हायर सेकेंडरी स्कूल बिलावर के मुकाबले में उतरी हायर सेकेंडरी स्कूल नगरोटा गुजरू की टीम ने बिलावर की टीम को आसानी से मात देकर फाइनल में प्रवेश कर लिया। फाइनल मुकाबला 26 जुलाई, मंगलवार को हायर सेकेंडरी स्कूल रामकोट और हायर सेकेंडरी स्कूल नगरोटा गुजरु के बीच खेला जाएगा। इससे पहले बुधवार को 2/2 लीग मैच खेले गए। इसमें रामकोट, बिलावर, नगरोटा गुजरू और भड्डू की टीमों ने सेमीफाइनल में प्रवेश किया था। इस मौके पर आर्मी के लेफ्टिनेंट कर्नल जसविदर सिंह, प्रधानाचार्य यशपाल गुप्ता, सरपंच भोली देवी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। टप्पर में पौधारोपण से पर्यावरण संरक्षण का संदेश : संवाद सहयोगी, बनी : सावन में हर गांव हरियाली के अंतर्गत पौधारोपण और जागरूकता शिविर आयोजित किया जा रहा है। इसी सिलसिले में हायर सेकेंडरी स्कूल टप्पर में पौधारोपण किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता हायर सेकेंडरी के प्रिसिपल राजेंद्र सिंह ने की। इस दौरान पीपल, नींबू और दूसरे फलदार पौधे बी लगाए गए। प्रिंसिपल राजेंद्र सिंह ने कहा कि इस हरी-भरी पहाड़ियों को बचाने के लिए आवश्यक है कि सभी लोग आगे आकर अपनी भूमि पर पौधारोपण करें। आने वाली पीढि़यों के लिए पौधारोपण किया जाए। इससे न सिर्फ हमारा पर्यावरण स्वच्छ रहेगा, बल्कि आक्सीजन की कमी भी दूर होगी। वरिष्ठ व्याख्याता देहराज शर्मा और कुलदीप सिंह ने भी बच्चों को जागरूक करते हुए कहा कि सभी बच्चे अपने-अपने गांव में जाकर इस संदेश को पहुंचाएं कि पेड़-पौधे मनुष्य के लिए कितने महत्वपूर्ण हैं। पेड़-पौधों से ही पृथ्वी पर मनुष्य जीवित रह सकता है। इसलिए जिस प्रकार से हम अपने बच्चों का पालन-पोषण करते हैं, इसी प्रकार से पेड़ लगाकर उनका भी पालन-पोषण करना चाहिए।