Bharat Jodo Yatra: लाल सिंह की सक्रियता को कांग्रेस ने नहीं दी प्राथमिकता, प्रशंसको में नाराजागी
लखनपुर में कांग्रेस द्वारा राहुल गांधी के मंच पर नहीं बुलाने पर लाल सिंह के समर्थकों में भारी निराशा है। कांग्रेस के साथ नजदीकियां बनते बनते रह गई। लाल सिंह के प्रशंसकों को ये उम्मीद थी कि वो जल्द ही कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे लेकिन अब तस्वीर बदल गई
By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Sun, 22 Jan 2023 05:49 PM (IST)
कठुआ ,जागरण संवाददाता। राहुल गांधी की भारत जोड़ो इन दिनों जम्मू-कश्मीर है। सुरक्षा के कड़े इंतजाम के बीच लगातार राहुल गांधी का कारवां आगे बढ़ता जा रहा है। इसी बीच राहुल गांधी के स्वागत के लिए कांग्रेस कई दूसरे दलों के नेताओं को न्यौता दे रही है। कई स्थानों पर कुछ अन्य दलों के नेता भी राहुल गांधी की यात्रा में शामिल हुए हैं और और हो भी रहे हैं, लेकिन कांग्रेस मेंं एक ऐसे नेता की अनदेखी हुई, जिसकी वजह से जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस को झटका लगा है। ये नेता हैं लाल सिंह।
लखनुपर में लाल सिंह पहले से ही पूरी तैयारी में राहुल गांधी का स्वागत करने के लिए कई दिनों तक सक्रिय रहे और कार्यकर्ताओं के साथ भव्य स्वागत के कई बैठकें कर रणनिति बनाते रहे। सड़कों पर राहुल गांधी के स्वागत में उन्होंने बड़ी-बड़ी होर्डिंग भी लगवाई, लेकिन अंत में कांग्रेस ने उन्हें दरकिनार कर दिया। यह भी पढ़ें: Jammu Kashmir News: एलजी मनोज सिन्हा दे रहे गरीबों को आश्वासन, प्रशासन चला रहा डंडा
मंच पर नहीं मिली लाल सिंह को जगह
घाटी में राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा का लोग जगह-जगह स्वागत कर रहे हैं। इस दौरान मंत्री लाल सिंह ने उनके स्वागत की पूरी तैयारी कर ली थी। हाईवे पर स्वागत के लिए राहुल गांधी के साथ बड़े होर्डिंग भी लाल सिंह ने लगा रखे थे, लेकिन जब मौका आया तो उन्हें मंच पर नहीं बुलाया गया।अपने नेता की अनदेखी होते देख उनके कार्यकर्ताओं को राहुल गांधी, सोनिया गांधी जिंदाबाद के नारे के साथ लाल सिंह के समर्थन नारे लगाने पड़े ताकि मंच पर स्थानीय कांग्रेस के नेताओं द्वारा की गई अनदेखी की बात राहुल गांधी तक पहुंच जाए।
लाल सिंह का था कांग्रेस से नाता
लाल सिंह के प्रशंसकों का सवाल है कि फारूक अब्दुल्ला जब कांग्रेस के मंच पर आ सकते है तो लाल सिंह की अनदेखी क्यों। गौरतलब है कि लाल सिंह कांग्रेस के दो बार लगातार सांसद चुने गए। तीन बार कांग्रेस की टिकट पर बसोहली विस क्षेत्र से लगातार विधायक बनने के साथ एक बार मंत्री भी बन चुके है। जिसके चलते उनका कांग्रेस से काफी समय तक नाता रहा है। ऐसे में उसी नाते राहुल गांधी उनको भी प्राथमिकता देते।
दरअसल लाल सिंह पहले कांग्रेस में थे। हालांकि इस दौरान गुलाम नबी आजाद के कारण वो रूठ कर भाजपा में चले गए,लेकिन भाजपा में उनका मात्र तीन साल ही सफर रहा है,उसके बाद अपना संगठन डोगरा स्वाभिमान बनाया है।जिस गुलाम नबी आजाद के कारण उन्हें मजबूरी में कांग्रेस छोड़ भाजपा में जाना पड़ा आज वहीं गुलाम नबी आजाद कांग्रेस को छोड़ कर भाजपा के साथ अंदर खाते मिला है। जिसका कारण हीरानगर में कठुआ की तरह भाजपा की म्यूनिसिपल कमेटी में प्रधान के खिलाफ पिछले कुछ माह अविश्वास प्रस्ताव लाने पर बाद में कांग्रेस के ही सदस्य जो उस समय आजाद के साथ उनकी पार्टी में शामिल हो चुके थे,ने वहां पर भाजपा के प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव वापस ले लिया था।
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