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...तो क्या इस साल भी बरसात में उज्ज दरिया लीलेगी ग्रामीणों की जिंदगी

स्थानीय लोगों से उपलब्ध एक आंकड़ों के मुताबिक पुल के अभाव में उज्ज के बहाव में समा कर अब तक तीन दर्जन के करीब ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। हर साल बरसात में इस पुल को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग उठती रही।

By Edited By: Updated: Fri, 20 May 2022 04:47 PM (IST)
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पुल का निर्माण कार्य दोबारा शुरू तो कर दिया है, लेकिन कछुआ चाल में।
कठुआ, जागरण संवाददाता : उज्ज दरिया पर वर्ष 2016 में पांच सौ मीटर लंबी जुथान पुल का निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन छह साल का लंबा अरसा बीत गया, पर पुल का अभी तक मात्र 60 प्रतिशत काम ही पूरा हो सका है। फंड के अभाव के कारण ठप पड़ा काम अभी तीन दिन पहले फिर से शुरू हुआ। दावा किया जा रहा है कि बचा 40 प्रतिशत काम इस बरसात से पहले पूरा कर पुल जनता के सुपुर्द कर दिया जाएगा। लेकिन काम की रफ्तार जैसी सुस्त है, इससे स्थानीय लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या इस बरसात में भी उज्ज दरिया ग्रामीणों की जिंदगी लीलेगी?

जुथान पुल के अभाव में आसपास की दस हजार की आबादी बरसात के दिनों में तहसील और जिला मुख्यालय से कट जाती है। जरूरी काम से अगर किसी को उज्ज पार करनी पड़ती है तो जान जोखिम में डालते हैं। स्थानीय लोगों से उपलब्ध एक आंकड़ों के मुताबिक पुल के अभाव में उज्ज के बहाव में समा कर अब तक तीन दर्जन के करीब ग्रामीणों की मौत हो चुकी है। हर साल बरसात में इस पुल को जल्द से जल्द पूरा करने की मांग उठती रही।

अब जम्मू कश्मीर परियोजना निर्माण निगम ने पुल का निर्माण कार्य दोबारा शुरू तो कर दिया है, लेकिन कछुआ चाल में। इससे स्थानीय ग्रामीणों में रोष है। उन्हें आशंका है कि इस बरसात में भी उन्हें पुल नसीब होता नहीं दिख रहा है। काम में सुस्ती के पीछे निर्माण निगम की मंशा पर लोग प्रश्नचिह्न लगा रहे हैं। उनका कहना है कि निर्माण कार्य जनवरी महीने के बाद शुरू किया जाना चाहिए था। सरकार ने तभी काम शुरू करने का दावा किया था, लेकिन निगम ने इस पर पहल शुरू नहीं की। अब ऐसे समय पर काम शुरू किया गया है, जब बरसात शुरू होने को मुश्किल से दो माह बचे हैं। अगर कम शुरू कर ही दिया गया है तो युद्धस्तर इसे पूरा किया जाना चाहिए। मात्र एक पोकलेन मशीन साइट पर दिख रहा है।

50 करोड़ की लागत वाली पुल से तीन पंचायतों को होगा लाभ : 50 करोड़ की लागत से उज्ज दरिया पर पुल और बेहतर सड़क देकर जुथाना सहित तीन पंचायतों की जिंदगी आसान करने की योजना बनाई गई थी। सेंटर रोड फंड योजना के तहत करीब 500 मीटर लंबे पुल का निर्माण कार्य वर्ष 2016 में शुरू किया गया था। लेकिन सरकार की ओर से निर्माण कंपनी को फंड जारी करने में लेटलतीफी करने की वजह से काम एक साल तक रुका रहा।

अभी तक निर्माण कंपनी को करीब 21 करोड़ का ही भुगतान हुआ है। एक साल के बाद मात्र एक करोड़ और भुगतान किया गया। उधर पांच साल में निर्माण सामग्री की कीमतें भी काफी बढ़ी हैं। यह भी निर्माण शुरू होने में बाधा बनी। बहरहाल, पुल के सभी 14 पिल्लर बन चुके हैं। छह पर स्लैब भी डाली जा चुकी है। आठ पर बाकी है। इसके अलावा सबसे महत्वपूर्ण करीब एक किलोमीटर पुल के दोनों ओर अप्रोच रोड का काम अभी होना है। उसके बाद ही 10 हजार आबादी को लाइफ लाइन मिल सकेगी।

नया युग लेकर आएगा पुल, पर सरकार गंभीर नहीं : नेशनल कांफ्रेस के डिंगा अंब ब्लाक प्रधान हरि सिंह ने कहा कि पुल के निर्माण को लेकर सरकार गंभीर नहीं है। इसी के चलते दो साल में पूरा होने वाला कार्य छह साल बीतने पर भी 60 फीसद ही हो पाया है। सरकार पर्याप्त फंड होने के दावे तो बहुत करती है, लेकिन यहां फंड के अभाव में पुल का काम अटका हुआ है। जबकि यह पुल उनके लिए नया युग लेकर आएगा। पुल के अभाव में तीन महीने तक बरसात में उनकी 10 हजार की आबादी तहसील, और जिला मुख्यालय से कट जाती है। जरूरी कार्य के लिए उफनते दरिया से जान जोखिम डाल कर भी गुजरना पड़ता है।

पुल का निर्माण अधर में होना गंभीर मुद्दा है। इसके निर्माण में आ रही बाधाओं को दूर करने के लिए जम्मू कश्मीर परियोजना निर्माण निगम के अधिकारियों से बात की जाएगी और पुल निर्माण युद्ध स्तर पर शुरू कराने के प्रयास होंगे ताकि जनता को राहत और सुविधा मिले।   -महान सिंह अध्यक्ष, जिला विकास परिषद

पुल का रुका निर्माण कार्य तीन दिन पहले ही शुरू हुआ है, जिसमें एक पोकलेन मशीन अप्रोच रोड बनाने का काम कर रही है। उसके कुछ दिनों के बाद पुल का बचा शेष कार्य भी शुरू होगा। उम्मीद है कि बरसात से पहले पुल का कार्य पूरा होगा।           - दिनेश कुमार नैयर, उप महाप्रबंधक जम्मू कश्मीर परियोजना निर्माण निगम कठुआ

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