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Kathua News: नशा तस्करों की अब खैर नहीं! आने वाली है शामत, DGP स्वैन ने कही ये बड़ी बात

Kathua डीजीपी स्वैन ने मंगलवार को कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी में हेरोइन को सबसे खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि इस तस्करी का सीधा संबंध आतंक से भी संबंध है। नशे को खत्म करने के लिए पुलिस ने तीन श्रेणियों में बांटा है उसके तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आगे कहा कि अब तक जम्मू कश्मीर में जारी आतंकवाद में छह हजार सुरक्षा बलों ने शहादत दी है।

By Jagran News Edited By: Monu Kumar JhaUpdated: Wed, 17 Jan 2024 11:14 AM (IST)
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Jammu Kashmir News: नशा तस्करी की कमर तोड़ने के लिए आतंक की तरह होगा प्रहार: डीजीपी स्वैन। फाइल फोटो
जागरण संवाददाता, कठुआ। डीजीपी स्वैन ने मंगलवार को कहा कि नशीले पदार्थों की तस्करी में हेरोइन को सबसे खतरनाक बताया है। उन्होंने कहा कि इस तस्करी का सीधा संबंध आतंक से भी संबंध है। इससे उगाही रकम जम्मू कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचाई जाती है।

नशे को खत्म करने के लिए पुलिस ने तीन श्रेणियां ने बांटी

नशे को खत्म करने के लिए पुलिस ने तीन श्रेणियों में बांटा है, उसके तहत कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सीमा पार से नशा तस्करी का समूल नाश के लिए उसी तरह कार्रवाई की जाएगी, जिस तरह से प्रदेश में आतंक पर प्रहार किया जा रहा है। इस संबंध में योजना बनाई जा रही है।

आतंक में जेकेपी के 1650 से ज्यादा जवानों ने दिया बलिदान 

कठुआ में 12वें बलिदानी पुलिस यादगारी टी-20 नार्थ जोन क्रिकेट टूर्नामेंट के फाइनल मैच के दौरान आयोजित समारोह में डीजीपी ने कहा कि प्रदेश में पिछले 33 साल से जारी आतंक में जेकेपी के 1650 से ज्यादा जवानों ने बलिदान दिया है जो अन्य सुरक्षा बलों के जवानों के बलिदान से एक तिहाई है।

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अघोषित युद्ध का मुकाबला करने में जम्मू कश्मीर पुलिस सक्षम-DGP

उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में जम्मू कश्मीर पुलिस अपने अंदर के उन लोगों से मुकाबला कर रही है, जो बाहर वालों से मिले हैं या उन्हें सहायता करते हैं। दूसरा सीमा पार से अघोषित युद्ध का भी मुकाबला करने में जम्मू कश्मीर पुलिस सक्षम है।

अभी तक आतंकवाद में छह हजार सुरक्षा बलों ने दी शहादत 

जबकि जम्मू कश्मीर पुलिस अन्य सुरक्षा बलों से 10 से 12 गुना संख्या में कम होने पर भी बहुत छोटे स्तर की फोर्स है, लेकिन काम बड़ा करके एक निराला दास्तान लिखने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि ऐसे आयोजन उनकी बहादुरी, शहादत को याद करने के लिए किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब तक जम्मू कश्मीर में जारी आतंकवाद में छह हजार सुरक्षा बलों ने शहादत दी है।

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