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किसानों को मुआवजे के लिए करना होगा इंतजार

अभी और करना होगा किसानों को मुआवजे के लिए इंतजार प्रशासन के सर्वे पर किसानों ने जताई असहमतिअभी और करना होगा किसानों को मुआवजे के लिए इंतजार प्रशासन के सर्वे पर किसानों ने जताई असहमतिअभी और करना होगा किसानों को मुआवजे के लिए इंतजार प्रशासन के सर्वे पर किसानों ने जताई असहमतिअभी और करना होगा किसानों को मुआवजे के लिए इंतजार प्रशासन के सर्वे पर किसानों ने जताई असहमतिअभी और करना होगा किसानों को मुआवजे के लिए इंतजार प्रशासन के सर्वे पर किसानों ने जताई असहमतिअभी और करना होगा किसानों को मुआवजे के लिए इंतजार प्रशासन के सर्वे पर किसानों ने जताई असहमतिअभी और करना होगा किसानों को मुआवजे के लिए इंतजार प्रशासन के सर्वे पर किसानों ने जताई असहमतिअभी और करना होगा किसानों को मुआवजे के लिए इंतजार प्रशासन के सर्वे पर किसानों ने जताई असहमति

By JagranEdited By: Updated: Mon, 30 Dec 2019 06:15 AM (IST)
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किसानों को मुआवजे के लिए करना होगा इंतजार

संवाद सहयोगी, कठुआ : जिले में बारिश से धान की फसल को हुए नुकसान से प्रभावित किसानों को अभी मुआवजे के लिए उस दिन और इंतजार करना होगा। इसका मुख्य कारण विभिन्न विभागों द्वारा अब तक किए गए नुकसान के सर्वे पर किसानों की असहमति है। शनिवार को मढ़ीन ब्लॉक काउंसिल के अध्यक्ष करण कुमार के अध्यक्षता में छन्न लालदीन के किसानों का एक प्रतिनिधिमंडल डीसी कठुआ ओपी भगत से मिला और अब तक विभिन्न विभागों द्वारा किए गए सर्वे पर अपनी असहमति जताई।

प्रतिनिधिमंडल में शामिल काला राम, नरेंद्र सिंह, बलवाल सिंह, कमल सिंह आदि ने कहा कि बेमौसम बारिश के कारण उनके गांव के सभी किसानों की धान की फसल का नुकसान हुआ है लेकिन अब तक विभिन्न विभागों के अधिकारियों द्वारा किए गए सर्वे में क्षेत्र के सिर्फ 5 प्रतिशत किसानों को मुआवजे का लाभार्थी बनाया जा रहा है। यह किसानों के साथ मजाक है। उन्होंने कहा कि इस तरह के वह किसी भी सर्वे को नहीं मानते लिहाजा प्रशासन एक बार फिर से क्षेत्र में हुए नुकसान का जायजा ले। वहीं करण कुमार ने भी डीसी कठुआ के समक्ष किसानों के इस मुद्दे को उठाते हुए कहा कि जिला के मढ़ीन और हीरानगर में इस बेमौसम हुई बारिश का लगभग सभी किसानों को नुकसान हुआ है लेकिन सरकारी सर्वे की टीम कुछ चुनिदा किसानों को ही मुआवजे का लाभार्थी बनाया जा रहा है। उनका कहना था कि अगर बारिश हुई तो पूरे इलाके में हुई न की किसी गांव के एक किसान के ही खेत में हुई। ऐसे में नुकसान की भरपाई सभी की की जानी चाहिए। अगर ऐसा न हुआ तो मुआवजे के लाभ से वंचित किसान उग्र हो सकते है। लिहाजा प्रशासन इसकी जांच कराए।

वहीं इस मौके पर डीसी कठुआ ने किसानों को आश्वासन दिया कि किसानों की इस समस्या को देखते हुए राजस्व और कृषि विभाग की टीम बनाई जाएगी जो 5 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। अगर किसानों का वाकई नुकसान हुआ है तो उन्हें मुआवजे की राशि का हकदार बनाया जाएगा।

गौरतलब है की 24 दिसंबर के अंक में इस संबंध में दैनिक जागरण पहले ही खबर प्रकाशित की थी जिसमें बार-बार सर्वे के बावजूद किसानों मुआवजे की कार्यवाही ना शुरू होने पर चिता जताई गई थी

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