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Jammu Kashmir Weather: बारिश से तापमान में आई गिरावट, पहाड़ियों में हिमपात शुरू; पढ़ें मौसम का पूरा अपडेट

Jammu Kashmir Weather जम्‍मू कश्‍मीर में मौसम में बदलाव आने से तापमान में गिरावट महसूस हुई है। ऊंची पहाड़ियों में अक्टूबर में ही एक हफ्ते के दौरान दूसरी बार हल्की बर्फबारी हो गई है। गत वर्ष जिले के पहाड़ों में नवंबर माह में पहली बर्फबारी हुई थी। सबसे अहम यह है कि इस तरह के बने अचानक मौसम को अब बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा है।

By Jagran NewsEdited By: Himani SharmaUpdated: Sun, 15 Oct 2023 08:20 AM (IST)
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बारिश से तापमान में आई गिरावट, पहाड़ियों में हिमपात शुरू
जागरण संवाददाता, कठुआ। मौसम में शनिवार से अचानक आए बदलाव से जहां अधिकतम तापमान में भारी गिरावट से ठंड का अहसास होने लगा है। शनिवार को सुबह से ही आसमान में छाए बादल के कारण अचानक मौसम में तेज हवाओं के साथ हल्की से मध्यम वर्षा शुरू हुई।

हालांकि, वर्षा पर्याप्त मात्रा में नहीं हुई, क्योंकि मात्र 4.4 एमएम रिकार्ड हुई, लेकिन अधिकतम तापमान में गत दिवस की तुलना 6 डिग्री सेल्सियस नीचे आ गया। न्यूनतम तापमान में इतनी गिरावट नहीं है। न्यूनतम तापमान 19.4 डिग्री सेल्सियस रहा।

न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आने की संभावना

अब न्यूनतम तापमान में भी गिरावट आने की संभावना है, क्योंकि जिले के पहाड़ी क्षेत्र बनी की ऊंची पहाड़ियों में अक्टूबर में ही एक हफ्ते के दौरान दूसरी बार हल्की बर्फबारी हो गई है। गत वर्ष जिले के पहाड़ों में नवंबर माह में पहली बर्फबारी हुई थी।

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सबसे अहम यह है कि इस तरह के बने अचानक मौसम को अब बदलाव से जोड़कर देखा जा रहा है, जिससे सुबह व शाम अब ठंड का अहसास भी होने लगा है। इससे आने वाले दिनों में अब लोगों को दिन में भी गर्मी से निजात मिलने की उम्मीद लगने लगी है।

मौसम में बदलाव से किसानों की बढ़ी चिंता

उधर, किसानों में अचानक मौसम में आए बदलाव से चिंता बढ़ गई है, क्योंकि इस समय किसान समुदाय अपनी मुख्य धान की फसल की पीक कटाई के चलते खेतों में जुटा हुआ है। ऐसे में मौसम अगर अगले कुछ दिन, जैसे पूर्वानुमान के अनुसार 18 अक्टूबर तक रहा तो किसानों की चिंता और बढ़ना स्वाभाविक है।

अभी धान की कटाई कुछ दिन ही शुरू हुए हैं और काटी हुई फसल व मड़ाई की गई भी खेतों में ही पड़ी हैं, इसके अलावा मौसम के कारण कटाई का कार्य भी रुक गया है और जो काटी गई है, उसे और वर्षा होने के कारण नुकसान भी पहुंच सकता है। जबकि कुछ दिन पहले तेज आंधी के कारण बासमती का काफी नुकसान हो चुका है, ऐसे में अब और भी नुकसान की संभावना बनी है।

कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा एडवायजरी जारी

किसान सुरेंद्र शर्मा का कहना है कि कुछ वर्षों से मौसम अनुकूल नहीं होने से ऐसा ही होता आ रहा है, अगर फसल अच्छी होती है तो कटाई के मौके पर मौसम खराब हो जाता है या फिर कई बार सिंचाई की जरूरत के दौरान वर्षा नहीं होती है, कब वर्षा या आंधी आ जाए कोई पता नहीं चलता है।

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हालांकि, पीक समय पर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा एडवायजरी तो जारी की जाती है, जैसे गत दिवस एक दिन पहले जारी की जा चुकी थी, लेकिन इस समय सारा काम खेतों में हो रहा है, जिसे ऐसे मौसम में कब तक स्थगित किया जा सकता है। बीच में हवा और वर्षा से नुकसान भी होता है। गौर है कि मौसम विभाग ने अभी 18 अक्टूबर तक ऐसे ही मौसम बने रहने की संभावना जताई है।

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